Loading election data...

झारखंड: केंद्रीय रेशम बोर्ड के सदस्य सचिव पी शिवकुमार ने तसर कोसा के घटते उत्पादन पर जतायी चिंता, कही ये बात

केंद्रीय सिल्क बोर्ड के सदस्य सचिव पी शिव कुमार ने तसर कोसा के घटते उत्पादन पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि तीन वर्ष पहले तक देश में 3800 एमटी तसर कोसा का उत्पादन होता था, परंतु पिछले वर्ष मात्र 1300 एमटी का ही उत्पादन हुआ. झारखंड में भी पिछले तीन वर्षों से तसर उत्पादन में काफी कमी आयी है.

By Guru Swarup Mishra | November 26, 2023 4:56 PM
an image

खरसावां, शचिंद्रकुमार दाश: केंद्रीय रेशम बोर्ड के सदस्‍य सचिव पी शिवकुमार (आईएफएस) ने सरायकेला के खरसावां पीपीसी का दौरा किया. उन्‍होंने तसर की मिट्टी से रेशम की गतिविधियों का बारीकी से अवलोकन किया. उन्‍होंने इस अवसर पर तसर रेशम कीटपालकों को कीटपालन सामग्रियों का वितरण भी किया तथा उनके साथ कीटपालन गतिविधियों पर चर्चा की. चर्चा के दौरान तसर रेशम उत्‍पादन की भावी कार्य योजना पर भी प्रकाश डाला. जैसे-सामूहिक विचार मंथन, कृषकों के साथ संवाद, कृषकों को सामग्री का वितरण, कोसा का उचित मूल्‍य तथा मूल्‍य में वृद्धि, कोकून खरीद की व्‍यापक व्‍यवस्‍था, बीज का अधिक उत्‍पादन तथा बीमारी से बचाव की व्‍यवस्‍था.

तसर कोसा के घटते उत्पादन पर व्यक्त की चिंता

केंद्रीय सिल्क बोर्ड के सदस्य सचिव पी शिव कुमार ने तसर कोसा के घटते उत्पादन पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि तीन वर्ष पहले तक देश में 3800 एमटी तसर कोसा का उत्पादन होता था, परंतु पिछले वर्ष मात्र 1300 एमटी का ही उत्पादन हुआ. तसर उत्पादन में झारखंड देश का अग्रणी राज्य रहा है, परंतु पिछले तीन वर्षों से झारखंड में भी तसर उत्पादन में काफी कमी आयी है. देश में कुल उत्पादन का 70 फिसदी उत्पादन झारखंड से ही होता है. ऐसे में झारखंड में भी करीब 30 फीसदी तरह तसर कोसा के उत्पादन में कमी आयी है. तसर कोसा के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये केंद्र सरकार लगातार कार्य कर रही है. कमियों को दूर किया जा रहा है. हाल ही में सेंट्रल सिल्क बोर्ड ने झारखंड में सात तसर वैज्ञानिकों की पदस्थापना की है, जो किसानों को तसर की खेती में हर तरह से सहयोग करेंगे. सिल्क समग्र-टू के तहत कई योजना चलायी जा रही है.

Also Read: झारखंड: एक्सप्रेस ट्रेनों में चला विशेष चेकिंग अभियान, बेटिकट पकड़े गए 329 यात्री, ढाई लाख से अधिक का जुर्माना

झारखंड में कीटपालन से जुड़े हैं 2.22 लाख लोग

कार्यक्रम में केंद्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्‍थान, रांची के निदेशक डॉ एनबी चौधरी ने तसर की खेती के प्रमुख लाभों को इंगित करते हुए कहा कि यह पर्यावरण हितैषी, कार्बन पृथक्‍करण में सक्षम, गरीब आदिवासियों के परम्‍परागत ग्रामीण रोजगार की धुरी है. उन्‍होंने कहा कि झारखंड में 2.22 लाख लोग कीटपालन कार्य से जुड़े हैं. पूरे देश का झारखंड में 60 से 70 प्रतिशत तसर उत्‍पादन होता है. कोल्‍हान तसर उत्‍पादन का प्रमुख क्षेत्र है, जहां झारखंड के तसर उत्‍पादन का 40 प्रतिशत उत्‍पादन होता है. उन्‍होंने आशा व्‍यक्‍त की कि इस वर्ष तसर का उत्‍पादन और अधिक बढ़ेगा. कार्यक्रम के दौरान तसर उत्‍पादन बढ़ाने के लिए विस्‍तृत चर्चा की तथा इसके लिए वन विभाग का भी सहयोग लेने का विचार व्‍यक्‍त किया. कार्यक्रम में सहायक निदेशक (रेशम) कोल्‍हान केके यादव, डीएफओ सरायकेला आदित्‍य कुमार, वैज्ञानिक डॉ जय प्रकाश पाण्‍डेय आदि उपस्थित थे.

Also Read: झारखंड: सीएम हेमंत सोरेन ने पाकुड़वासियों को दी 153 करोड़ से अधिक की सौगात, इस अभियान को बताया गेम चेंजर

केंद्रीय रेशम बोर्ड के सदस्य सचिव ने किया चाईबासा कच्चा माल बैंक का निरीक्षण

केंद्रीय रेशम बोर्ड के सदस्य सचिव पी शिव कुमार (आईएफएस) ने तसर वैज्ञानिकों की टीम के साथ कोल्हान का दौरा किया. उन्होंने चाईबासा स्थित कच्चा माल बैंक तथा पी-4 तसर प्रजनन केंद्र, चक्रधरपुर का निरीक्षण करने के साथ-साथ परिक्षेत्र का भी दौरा किया. इस दौरान कच्चा माल बैंक के क्रियाकलापों की समीक्षा की. साथ ही आने वाले वर्षों में तसर का उत्पादन बढ़ाने को लेकर विभिन्न कार्य योजनाओं पर भी चर्चा की. इस अवसर पर ‘झारखंड में तसर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सहयोगात्मक दृष्टिकोण’ पर चर्चा की गई. इस दौरान झारखंड में तसर उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए कार्य प्रणाली पर चर्चा की गयी. झारखंड हमेशा से तसर उत्पादन में अग्रणी राज्य रहा है. मौके पर तकनीकी निदेशक डॉ मंथिरा मूर्ति, केंद्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (सीटीआरटीआई), रांची के निदेशक डॉ एनबी चौधरी, वैज्ञानिक-डी डॉ जेपी पांडेय, सहायक उद्योग निदेशक कृष्णकांत यादव, एकेएस मुंडा, एके सुरीन, टीके घोष आदि उपस्थित थे.

Also Read: झारखंड: बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री के पलामू आगमन को लेकर DC ने SDO का आदेश किया रद्द, दिया ये निर्देश

वस्‍त्र मंत्रालय के अधीन कार्य करता है केंद्रीय रेशम बोर्ड

केंद्रीय रेशम बोर्ड एक सांविधिक निकाय है, जो भारत सरकार, वस्‍त्र मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत कार्य करता है. रेशम उत्पादन, सेवाओं, योजनाओं और भारतीय रेशम आदि पर विस्तृत जानकारी का उपयोग कर सकते हैं. यह केंद्रीय रेशम बोर्ड देश भर में ग्रामीण उद्यम तसर रेशम उद्योग की जरूरतों को पूरा करने के लिए अनुसंधान और विकास करता है. तसर सिल्क के प्रचार, प्रसार और शोध पर काम होता है.

Exit mobile version