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बाढ़ प्रभावित इलाकों में क्षति का आकलन करने पहुंची आपदा की केंद्रीय टीम, ग्रामीणों से पूछा- कितना मिला मुआवजा

गोपालगंज : गंडक नदी के बाढ़ से हुई बरबादी का आकलन करने के लिए गुरुवार को केंद्रीय टीम गोपालगंज पहुंची. केंद्रीय जल एवं आपदा निदेशालय के निदेशक संजीव कुमार सुमन के नेतृत्व में टीम बाढ़ग्रस्त इलाके में पहुंचकर बरबादी का जायजा लिया. बाढ़ से टूटे हुए बांध, क्षतिग्रस्त हुए सड़क, कृषि, क्षतिग्रस्त हो चुके मकानों की स्थिति को देखा. बाढ़ से सर्वाधिक बरबादी बैकुंठपुर में होने के कारण केंद्रीय टीम सबसे पहले बैकुंठपुर पहुंची, जहां राजापट्टी से हमीदपुर होकर कृतपुरा पहुंचे.

गोपालगंज : गंडक नदी के बाढ़ से हुई बरबादी का आकलन करने के लिए गुरुवार को केंद्रीय टीम गोपालगंज पहुंची. केंद्रीय जल एवं आपदा निदेशालय के निदेशक संजीव कुमार सुमन के नेतृत्व में टीम बाढ़ग्रस्त इलाके में पहुंचकर बरबादी का जायजा लिया. बाढ़ से टूटे हुए बांध, क्षतिग्रस्त हुए सड़क, कृषि, क्षतिग्रस्त हो चुके मकानों की स्थिति को देखा. बाढ़ से सर्वाधिक बरबादी बैकुंठपुर में होने के कारण केंद्रीय टीम सबसे पहले बैकुंठपुर पहुंची, जहां राजापट्टी से हमीदपुर होकर कृतपुरा पहुंचे.

केंद्रीय टीम ने ग्रामीणों से भी स्थिति की जानकारी ली. उसके बाद सतरघाट एप्रोच रोड, जहां पानी के दबाव से टूटा था, का मुआयना किया. साथ ही पकहा में टूटे हुए बांध की स्थिति की जानकारी ली. टीम ने बह गयी सड़क से लेकर ध्वस्त घरों का हाल देखा. देवापुर में सारण मुख्य तटबंध के टूटने के कारणों की जानकारी तकनीकी अधिकारियों से लिया. जबकि, भैसहीं-पुरैना तटबंध के टूटे स्थल को भी देख कर अपनी रिपोर्ट तैयार की.

टीम के साथ जिलाधिकारी अरशद अजीज, एसपी मनोज तिवारी, एसडीएम उपेंद्र कुमार पाल, जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता प्रदीप कुमार,अधीक्षण अभियंता विनय कुमार सिंह, मुख्य अभियंता ओमप्रकाश अंबरकर, कार्यपालक अभियंता नवल किशोर सिंह, अबरार अरशद, सारण प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता विनोद कुमार, प्रशिक्षु एसडीपीओ दीपक कुमार, आदि मौके पर मौजूद थे.

केंद्रीय टीम ने ग्रामीणों से पूछा, कितना मिला मुआवजा

बैकुंठपुर में बाढ़ की त्रासदी बीच क्षतिग्रस्त भवन एवं फसलों की क्षति का मुआयना करने पहुंची केंद्रीय टीम के समक्ष ग्रामीणों ने प्रशासन के राहत और बचाव कार्यों की पोल खोल दी. कृतपुरा गांव में ग्रामीणों का नेतृत्व कर रहे समाजसेवी भानु मिश्रा ने केंद्रीय टीम के समक्ष डीएम से संपर्क पथ को अविलंब ठीक कराने की मांग की. ग्रामीणों ने बताया की तटबंध जब भी टूटता है, तो उसे ठीक से मरम्मत नहीं करायी जाती है. केंद्रीय टीम ने ग्रामीणों से रिलीफ मिलने की बात पूछी. लोगों ने 6000 की राशि पूर्ण रूप से भुगतान नहीं किये जाने की बात कही.

हालांकि, जिलाधिकारी ने आश्वस्त किया कि बैंक के कारण विलंब हुआ है. सबको रिलीफ निश्चित तौर पर मिलेगी. कृतपुरा गांव में 35 लोगों के मकान बाढ़ के पानी में पूर्णतः ध्वस्त हो गये हैं. जबकि, 92 लोगों का आंशिक तौर पर घर क्षतिग्रस्त होने की बात कही गयी. पकहा तटबंध पर बनाये जा रहे रिंग बांध व टूटे तटबंध का मुआयना केंद्रीय टीम द्वारा की गयी. बैकुंठपुर प्रखंड के बंगरा पंचायत स्थित कृतपुरा, टेढुआ, गम्हारी पंचायत स्थित पकहा, राजापट्टी कोठी आदि के टूटे हुए तटबंध एवं गांवों की स्थिति की जानकारी टीम के अधिकारियों ने ली.

अधिकारियों के साथ केंद्रीय टीम ने की समीक्षा, क्षति का मांगी रिपोर्ट

बाढ़ से क्षति का आकलन करने के बाद केंद्रीय टीम ने जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ राहत और बचाव कार्य की समीक्षा की. प्रशासन की ओर से कम्युनिटी किचेन, करीब 10 हजार लोगों को रेस्क्यू करने से लेकर पीड़ितों को दिये गये खाना, दूध, पॉलीथिन, मुआवजा राशि की भी जानकारी दी गयी. केंद्रीय टीम ने सड़क, बांध, मकान, फसल की क्षति की विभागवार रिपोर्ट मांगी. डीएम ने बताया कि केंद्रीय टीम द्वारा मांगी गयी सभी रिपोर्ट उपलब्घ कराया गया है. टीम के सदस्य प्रशासन की ओर से किये गये राहत और बचाव कार्यों से संतुष्ट थे.

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