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WB News: पश्चिम बंगाल में पीएम पोषण योजना पास या फेल? केंद्र ने CAG से ऑडिट करने को कहा

पश्चिम बंगाल में पीएम पोषणा योजना पास हुई है या फेल है इसकी जांच के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कैग को ऑडिट करने का आग्रह किया है.

PM Poshan Yojna in West Bengal: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) से पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री पोषण योजना स्कीम के कार्यानवयन का विशेष ऑडिट करने को कहा है. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बताय कि उसे बंगाल से पीएम पोषण योजना के फंड के कथित दुरुपयोग संबंधी रिपोर्टस मिली है. पिछले लंबे वक्त से पीएम पोषण योजना के अमल में गड़बड़ियों के आधार पर ही मंत्रालय ने कैग से ऑडिट करने का अनुरोध किया है.

पीएम पोषण योजना के क्रियान्वयन में गड़बड़ियों की सूचना के आधार पर मंत्रालय ने कैग से पिछले तीन साल का ऑडिट करने का अनुरोध किया है. केंद्र की ओर से कराई जाने वाली इस जांच में राज्य सरकार लगातार असहयोग कर रही है. शिक्षा मंत्रा लय ने इससे पहले स्कीम के नियमों के तहत ज्वाइंट रिव्यू मिशन का गठन किया था. इसमें केंद्र और राज्य के अधिकारियों के साथ बड़े पैमाने पर स्वतंत्र विशेषज्ञों की भी नियुक्ति की थी.

कैग द्वारा किए जाने वाले ऑडिट में अनुपालन, प्रदर्शन और वित्तीय लेखाजोखा पर गौर किया जाएगा. मंत्रालय ने बताया कि ऑ़डिट के बाद रिपोर्ट के अनुसार इसमें जरूरी सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे.

किस अनुपात में बांटा जाता है खर्च

पीएम पोषण योजना के तहत केंद्र -राज्यों और विधायिका वाले केंद्र शासित प्रदेशों के बीच खाना पकाने की लागत समेत ज्यादातर चीजों को 60:40 के अनुपात में बांटती है. वहीं केंद्र और पूर्वोत्तर राज्यों, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के बीच औसत अनुपात 90:10 का है. इस योजना में अनाज का पूरा खर्च केंद्र सरकार उठाती है. वहीं इस स्कीम से देश के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले 11 करोड़ 80 लाख बच्चों को लाभ मिलता है.

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