छत्तीसगढ़ के सभी मतदान केंद्रों पर वृद्ध, निःशक्त एवं दिव्यांग मतदाताओं के लिए होंगी ये सुविधाएं
मतदान केंद्र तक पहुंचने के लिए सड़कों की मरम्मत कराई जाए. बूथ पर पीने के पानी, प्रतीक्षा शेड के साथ ही दिव्यांग मतदाताओं के अनुकुल शौचालय, मतदान केंद्रों में प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था, दिव्यांग मतदाताओं के लिए स्थायी रैंप और निर्धारित मानकों के अनुसार मतदान कक्ष का निर्माण होना चाहिए.
छ्त्तीसगढ़ में विधानसभा निर्वाचन-2023 के दौरान दिव्यांग, वृद्धजन और निःशक्त मतदाताओं के लिए प्रत्येक मतदान केंद्र पर न्यूनतम सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबा साहेब कंगाले ने यह जानकारी दी. उन्होंने शुक्रवार (20 अक्टूबर) को बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने दिव्यांग, वृद्धजन एवं निःशक्त मतदाताओं को मतदान केंद्रों में आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इन दिशा-निर्देशों का पूर्णतः पालन कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि प्रत्येक मतदान केंद्र में दिव्यांग, वृद्धजन एवं निःशक्त वोटर्स के लिए पर्याप्त संख्या में व्हील चेयर की व्यवस्था की जाएगी. इसके साथ ही दिव्यांग एवं वृद्ध मतदाताओं को ध्यान में रखते हुए हर बूथ को भू-तल पर रखने के निर्देश दिए गए हैं. यह भी कहा गया है कि मतदान केंद्र तक पहुंचने के लिए सड़कों की मरम्मत कराई जाए. बूथ पर पीने के पानी, प्रतीक्षा शेड के साथ ही दिव्यांग मतदाताओं के अनुकुल शौचालय, मतदान केंद्रों में प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था, दिव्यांग मतदाताओं के लिए स्थायी रैंप और निर्धारित मानकों के अनुसार मतदान कक्ष का निर्माण होना चाहिए.
कतार में खड़ा नहीं होना होगा बुजुर्ग व दिव्यांग वोटर्स को
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि मतदान के दिन दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिक मतदाताओं के सहयोग के लिए एनएसएस, एनसीसी, स्काउट-गाइड स्वयंसेवकों की मदद लेने का निर्देश जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को दिया गया है. मतदान केंद्र पर वोट डालने के लिए आने वाले दिव्यांग (PwD) एवं 80 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को वोटर की कतार में खड़ा न होना पड़े, इसकी व्यवस्था की जा रही है. बुजुर्ग वोटर्स को मतदान केंद्र में वरीयता दी जाएगी. इतना ही नहीं, मतदान कक्ष में दिव्यांग मतदाताओं की विशेष जरूरतों के संबंध में मतदान कर्मियों को संवेदनशील और जागरूक बनाने के लिए उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
वोटर को घर से लाने ले जाने की भी होगी व्यवस्था
उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश के मुताबिक, मतदान तिथि को मांगे जाने पर दिव्यांग एवं 80 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के वरिष्ठ नागरिक मतदाताओं को उनके घर से लाने एवं मतदान पश्चात् उन्हें वापस उनके घर तक छोड़ने के लिए वाहन की भी व्यवस्था की जाएगी. इसका खर्च चुनाव आयोग वहन करेगा. मतदान केंद्र पर दृष्टिबाधित व्यक्ति को अपने साथ सहयोगी के रूप में एक साथी को ले जाने की अनुमति है. मतदान केंद्रों पर दृष्टिबाधित मतदाताओं की सुविधा के लिए ब्रेल लिपि में डमी मतपत्र छपवाकर रखने का निर्देश है, जिसे मांगे जाने पर संबंधित मतदाता को उपलब्ध कराया जाना है. दृष्टिबाधित मतदाताओं की सुविधा के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर ब्रेल लिपि में प्रत्याशियों का नाम मुद्रित कराया जाए.
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चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का होगा पालन
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि मतदान केंद्र पर स्थापित होने वाले मतदाता सहायता बूथ की स्थिति की जानकारी दिव्यांग मतदाताओं को देने हेतु साइनेज चस्पा किया जाए. दिव्यांग एवं 80 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के वरिष्ठ मतदाताओं में से इच्छुक अनुपस्थित मतदाताओं के द्वारा फॉर्म-12डी के माध्यम से विकल्प देने की स्थिति में उन्हें पोस्टल बैलेट के माध्यम से घर से ही मतदान की सुविधा प्रदान किया जाए. भारत निर्वाचन आयोग ने दिव्यांग मतदाताओं की सुविधा हेतु प्रसारित सक्षम ऐप का प्रचार-प्रसार किए जाने के निर्देश दिए हैं. इन दिशा निर्देशों का पूर्ण रूप से पालन करने के लिए जिले में निगरानी अधिकारी भी नियुक्त किए जाने के निर्देश आयोग ने दिए हैं.
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