छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के लिए नामांकन का दौर खत्म हो चुका है. सभी दलों के नेता अपने-अपने उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करने के लिए छत्तीसगढ़ आने लगे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो नवंबर को उत्तर बस्तर कांकेर जिले की कांकेर (एसटी) विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की कैंडिडेट आशा राम नेताम के लिए प्रचार करने आ रहे हैं. इस सीट पर कांग्रेस पार्टी ने शंकर ध्रुव को अपना उम्मीदवार बनाया है. छत्तीसगढ़ की सत्ताधारी पार्टी ने इस बार इस सीट पर अपना उम्मीदवार बदल दिया है. पिछली बार यानी वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर शिशुपाल शोरी ने जीत दर्ज की थी. शिशुपाल ने बीजेपी के हीरा मरकाम को पराजित किया था. तब कांग्रेस उम्मीदवार को 69,053 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी के हीरा मरकाम को 49,249 वोट मिले. इस तरह शिशुपाल शोरी ने बीजेपी के हीरा मरकाम को 19,804 वोट से पराजित कर दिया. आदिवासी बहुल क्षेत्रों में बीजेपी ने इस बार पूरा जोर लगा दिया है. कांग्रेस अपनी सत्ता बचाने के लिए लड़ रही है, तो बीजेपी उसे हराकर एक बार फिर सरकार बनाने के लिए जद्दोजहद कर रही है. पिछले चुनाव में आदिवासी बहुल इलाकों में बीजेपी को करारी हार मिली थी. बस्तर संभाग की 12 में से 10 सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी, जबकि बीजेपी को सिर्फ एक सीट पर जीत मिली थी. अजित जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने एक सीट पर जीत दर्ज की थी. बीजेपी को दंतेवाड़ा (एसटी) और जेसीसी (जे) को खैरागढ़ में जीत मिली थी.
समीकरण बदलना चाहती है बीजेपी
बीजेपी इस बार इस समीकरण को बदलना चाहती है. इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद यहां रैली करने आ रहे हैं. पीएम मोदी की रैली को सफल बनाने के लिए बीजेपी ने भी पूरा जोर लगा दिया है. कहा जाता है कि जिस तरह से लोकसभा चुनाव में दिल्ली का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है, उसी तरह अगर छत्तीसगढ़ में किसी पार्टी को सरकार बनानी है, तो उसे बस्तर में खुद को मजबूत करना होगा. पिछली हार से सबक लेकर इस बार बीजेपी ने आदिवासी बहुल इन इलाकों में पूरा जोर लगा दिया है. महज तीन महीने में प्रधानमंत्री ने तीन बार छत्तीसगढ़ का दौरा किया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी तीन बार का दौरा किया है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा कई बार छत्तीसगढ़ का दौरा कर चुके हैं. अब प्रधानमंत्री एक बार फिर यहां आ रहे हैं.
आदिवासी वोटर्स को साधेंगे पीएम मोदी
पीएम मोदी कांकेर (एसटी) विधानसभा सीट के साथ-साथ उसके आसपास के क्षेत्रों के वोटर्स को भी साधने की कोशिश करेंगे. कांकेर (एसटी) सीट पर कुल नौ उम्मीदवार भाग्य आजमा रहे हैं. बीजेपी की आशा राम नेताम के अलावा कांग्रेस के शंकर ध्रुव, गोंडवाणा गणतंत्र पार्टी के हेमलाल मरका, भारतीय शक्ति चेतना पार्टी की नमिता नेताम, आजाद जनता पार्टी की पार्वती टेटा, निर्दलीय जयप्रकाश सलाम, निर्दलीय गोविंद कुमार डारो, राष्ट्रीय जनसभा पार्टी के डायमंड नेताम और निर्दलीय अर्जुन सिंह अचल शामिल हैं. इनमें से एकमात्र उम्मीदवार शंकर ध्रुव करोड़पति हैं. पोस्टग्रेजुएट हैं. इस सीट पर तीन पोस्ट ग्रेजुएट उम्मीदवार हैं, तो तीन 10वीं पास हैं. एक 12वीं पास है, तो एक ग्रेजुएट.
कांकेर में वोटर लिंगानुपात 1091
इस सीट पर कुल 1,82,245 वोटर हैं. इसमें 86,161 पुरुष और 95,082 महिलाएं हैं. दो वोटर थर्ड जेंडर के वोटर भी हैं. 7,843 वोटर ऐसे हैं, जो पहली बार मतदान करेंगे. 80 साल से अधिक उम्र के 1,427 वोटर हैं. यहां दिव्यांग वोटर्स की संख्या 2,186 है, जबकि जेंडर रेशियो 1091 है. जेंडर रेशियो का मतलब यह है कि 1,000 पुरुष वोटर हैं, तो महिला वोटर्स की संख्या 1,091 है.
कांकेर में सबसे कम उम्र के प्रत्याशी हैं डायमंड नेताम
कांकेर के उम्मीदवारों की उम्र की बात करें, तो डायमंड नेताम राष्ट्रीय जनसभा पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. महज 27 साल के डायमंड पोस्ट ग्रेजुएट हैं. उनके नाम पर कोई कर्ज नहीं है. उनकी कुल संपत्ति 1.19 लाख रुपए की है. अर्जुन सिंह अचल 44 साल के हैं और उनके पास 12.30 लाख की संपत्ति है. 42 साल की आशाराम नेताम के पास 74.57 लाख की, 42 साल के गोविंद कुमार डारो के पास 3.04 लाख, हेमलाल मरकाम (42) के पास 11.90 लाख, जयप्रकाश सलाम (29) के पास 8.26 लाख, नमिता नेताम (44) के पास एक लाख, शंकर ध्रुव (67) के पास 1.72 करोड़ रुपए की संपत्ति है. इन पर 2.99 लाख रुपए का कर्ज भी है. आजाद पार्टी की पार्वती टेटा (35) एकमात्र उम्मीदवार हैं, जिनके पास संपत्ति के नाम पर कुछ भी नहीं है. न ही उनके नाम पर कोई कर्ज है.
इन तीन उम्मीदवारों पर दर्ज हैं क्रिमिनल केस
आशाराम नेताम, हेमलाल मरकाम और शंकर ध्रुव तीन ऐसे उम्मीदवार हैं, जिन्होंने अपने शपथ पत्र में यह जानकारी दी है कि उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. हेमलाल मरकाम पर दो केस दर्ज हैं. चूंकि इस विधानसभा क्षेत्र में तीन उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं, यह क्षेत्र रेड अलर्ट विधानसभा क्षेत्र बन चुका है. रेड अलर्ट विधानसभा क्षेत्र में चुनाव के दौरान सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए जाते हैं.
कांकेर विधानसभा सीट पर मतदान सात नवंबर को
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि कांकेर (एसटी) विधानसभा सीट पर पहले चरण में सात नवंबर को मतदान होगा. इस दिन कुल 20 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी. इसके लिए 223 प्रत्याशी मैदान में हैं. इनमें से 26 के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. 16 ने कहा है कि उनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. इन 223 में से 46 प्रत्याशी करोड़पति हैं. 97 उम्मीदवारों स्नातक या उससे ज्यादा पढ़े-लिखे हैं. पहले चरण में कुल 25 महिला उम्मीदवार हैं. कांग्रेस और बीजेपी ने तीन-तीन महिलाओं को टिकट दया है. 26 ऐसे प्रत्याशी हैं, जिन्होंने पैन कार्ड की जानकारी चुनाव आयोग को नहीं दी है.
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