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Chaiti Chhath Puja 2023 Arghya Timing, Sunset Time: चैती छठ में आज डूबते सूर्य को इस समय दिया जाएगा अर्घ्य

Chaiti Chhath Puja 2023 Arghya Timing, Sandhya Arghya, Sunset Time, 27 March Suryast ka Samay Sunset time: लोक आस्था के महापर्व चैती छठ के मौके पर आज 27 मार्च की शाम छठव्रतियों ने अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाएगा.

By Shaurya Punj | March 27, 2023 3:40 PM

Chaiti Chhath Puja 2023 Arghya Timing, Sandhya Arghya, Sunset Time, 27 March Suryast ka Samay Sunset time: लोक आस्था के महापर्व चैती छठ के मौके पर सोमवार आज 27 मार्च की शाम छठव्रतियों ने अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाएगा. देखें पटना, रांची, गया, जमशेदपुर, बोकारो, अररिया, धनबाद, देव, सिवान, बेगुसराय, मुंगेर, लखिसराय, देवघर, अरवल, शिवहर जैसे बिहार झारखंड के जिलों में कब होगा सूर्यास्त

पटना में  27 मार्च 2023 को सूर्यास्त का समय

सोमवार, 27 मार्च 2023

सूर्यास्त: 18:03

 रांची में  27 मार्च 2023 को सूर्यास्त का समय

सोमवार, 27 मार्च 2023

सूर्यास्त: 18:02

गया में   27 मार्च 2023 को सूर्यास्त का समय

सोमवार, 27 मार्च 2023

सूर्यास्त: 18:36

नवादा में   27 मार्च 2023 को सूर्यास्त का समय

सोमवार, 27 मार्च 2023

सूर्यास्त: 18:02

समस्तीपुर में   27 मार्च 2023 को सूर्यास्त का समय

सोमवार, 27 मार्च 2023

सूर्यास्त: 18:01

जमशेदपुर में  27 मार्च 2023 को सूर्यास्त का समय

सोमवार, 27 मार्च 2023

सूर्यास्त: 17:58

बोकारो में  27 मार्च 2023 को सूर्यास्त का समय

सोमवार, 27 मार्च 2023

सूर्यास्त: 16:00

हजारीबाग में  27 मार्च 2023 को सूर्यास्त का समय

सोमवार, 27 मार्च 2023

सूर्यास्त: 16:03

कैमूर  में 27 मार्च 2023 को सूर्यास्त का समय

सोमवार, 27 मार्च 2023

सूर्यास्त: 16:36

पश्चिम चंपारण में 27 मार्च 2023 को सूर्यास्त का समय

सोमवार, 27 मार्च 2023

सूर्यास्त: 16:27

गढ़वा में 27 मार्च 2023 को सूर्यास्त का समय

सोमवार, 27 मार्च 2023

सूर्यास्त: 16:09

छठ पूजा से जुड़ी मान्यताएं 

इस व्रत से जुड़ी अनेक मान्यताएं हैं. नहाय-खाय से शुरू होने वाले छठ पर्व के बारे में कहा जाता है कि इसकी शुरूआत महाभारत काल से ही हो गई थी. एक कथा के अनुसार महाभारत काल में जब पांडव अपना सारा राजपाट जुए में हार गए थे तब द्रौपदी ने चार दिनों के इस व्रत को किया था.

सात्विकता का ध्यना रखें

इस दिन सात्विकता का भी विशेष ध्यान रखें. इसलिए इस दिन घर में किसी भी प्रकार से तामसिक गुणों वाली चीजों का इस्तेमाल करने से परहेज करें. और न ही ऐसी चीजों को घर में रखें. यहां तक कि छठ के दौरान घर में लहसुन और प्याज को भी बाहर कर दें.

अर्घ्य देते समय पढ़ें सूर्य मंत्र (Chhath Puja Surya Arghya mantra)-

ऊँ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते।

अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।

ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ नमो भास्कराय नम:। अर्घ्य समर्पयामि।।

उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन 

छठ पूजा के चौथे दिन पानी में खड़े होकर उगते यानी उदयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इसे उषा अर्घ्य या पारण दिवस भी कहते हैं. अर्घ्य देने के बाद व्रती महिलाएं सात या ग्यारह बार परिक्रमा करती हैं. इसके बाद एक दूसरे को प्रसाद देकर व्रत खोला जाता है. 36 घंटे का व्रत अर्घ्य देकर ही तोड़ा जाता है. व्रत की समाप्ति सुबह अर्घ्य के बाद संपन्न मानी जाती है.

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