Chaitra Navratri 6th Day, Maa Katyayani Ji Ki Aarti: आज चैत्र नवरात्रि का छठा दिन है, इस दिन मां दुर्गा के ज्वलंत स्वरूप मां कात्यायनी की विधि विधान से आराधना की जाती है. मान्यता है कि कात्यायनी देवी कात्यायन आश्रम में जन्मि थीं. नवरात्रि के छठवें दिन कात्यायनी देवी की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ की जानी चाहिए. मान्यता है कि पूजा के दौरान अगर ये आरती और मंत्र नहीं पढ़ी जाती है तो कात्यायनी देवी की पूजा अधूरी रह जाती है…
जय जय अंबे जय कात्यायनी ।
जय जगमाता जग की महारानी ।।
बैजनाथ स्थान तुम्हारा।
वहां वरदाती नाम पुकारा ।।
कई नाम हैं कई धाम हैं।
यह स्थान भी तो सुखधाम है।।
हर मंदिर में जोत तुम्हारी।
कहीं योगेश्वरी महिमा न्यारी।।
हर जगह उत्सव होते रहते।
हर मंदिर में भक्त हैं कहते।।
कात्यायनी रक्षक काया की।
ग्रंथि काटे मोह माया की ।।
झूठे मोह से छुड़ानेवाली।
अपना नाम जपानेवाली।।
बृहस्पतिवार को पूजा करियो।
ध्यान कात्यायनी का धरियो।।
हर संकट को दूर करेगी।
भंडारे भरपूर करेगी ।।
जो भी मां को भक्त पुकारे।
कात्यायनी सब कष्ट निवारे।।
– ओम देवी कात्यायन्यै नमः॥
– एत्तते वदनम साओमयम् लोचन त्रय भूषितम।
– पातु नः सर्वभितिभ्य, कात्यायनी नमोस्तुते।।
Posted by: Radheshyam Kushwaha