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इस दिन होगी महानिशा पूजा
नवरात्र में महानिशा पूजा सप्तमी युक्त अष्टमी या मध्य रात्रि में निशीथ व्यापिनी अष्टमी में की जाती है. इस साल चैत्र नवरात्रि में महानिशा पूजा 20 अप्रैल को की जाएगी.
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
12 अप्रैल की 8 बजे से शुरू होकर 13 अप्रैल की सुबह 10 बजकर 16 मिनट तक चैत्र प्रतिपदा रहेगी. कलश स्थापना 13 अप्रैल की सुबह 5 बजकर 45 मिनट से सुबह 9 बजकर 59 मिनट तक और अभिजीत मुहूर्त पूर्वाह्न 11 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 32 मिनट के बीच की जा सकती है.
नवरात्रि पूजा सामग्री लिस्ट
मां दुर्गा की सुंदर प्रतिमा या फोटो, सिंदूर, केसर, कपूर, धूप, वस्त्र, दर्पण, कंघी, कंगन-चूड़ी, सुगंधित तेल, बंदनवार आम के पत्तों का, पुष्प, दूर्वा, मेंहदी, बिंदी, सुपारी साबुत, हल्दी की गांठ और पिसी हुई हल्दी, पटरा, आसन, चौकी, रोली, मौली, पुष्पहार, बेलपत्र, कमलगट्टा, दीपक, दीपबत्ती, नैवेद्य, मधु, शक्कर, पंचमेवा, जायफल, लाल रंग की गोटेदार चुनरीलाल रेशमी चूड़ियां आदि
आम के पत्ते, लाल वस्त्र, लंबी बत्ती के लिए रुई या बत्ती, धूप, अगरबत्ती, माचिस चौकी, चौकी के लिए लाल कपड़ा, पानी वाला जटायुक्त नारियल, दुर्गासप्तशती किताब, कलश, साफ चावल, कुमकुम, मौली, पान, सुपारी, लाल झंडा, लौंग, इलायची, बताशे या मिसरी, असली कपूर, उपले, श्रृंगार का सामान, दीपक, घी/ तेल ,फूल, फूलों का हार, फल/मिठाई, दुर्गा चालीसा व आरती की किताब, कलावा, मेवे, हवन के लिए आम की लकड़ी, जौ, पांच मेवा, घी, लोबान,गुग्गुल, लौंग, कमल गट्टा,सुपारी, कपूर और हवन कुंड आदि.
पहले दिन की जाती है माता शैलपुत्री की पूजा
नवरात्रि के पहले दिन घरों में घटस्थापना की जाती है. इस दिन मां शैलपुत्री के स्वरूप की पूजा की जाती है. शैलपुत्री को देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों में प्रथम माना गया है. मान्यता है कि नवरात्र में पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा करने से व्यक्ति को चंद्र दोष से मुक्ति मिल जाती है. हिमालय की पुत्री के रूप में जन्म लेने के कारण देवी का नाम शैलपुत्री पड़ा. उनके दाएं हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल है.
किस वाहन से आयेंगी मां दुर्गा और किससे होंगी विदा
मां दुर्गा इस चैत्र नवरात्रि पर घोड़े पर सवार होकर आयेंगी और नर वाहन पर सवार होकर विदा होंगी.
चैत्र नवरात्रि की तिथियां (Chaitra Navratri 2021 Start & End Date)
पहला दिन: 13 अप्रैल 2021, मां शैलपुत्री पूजा
दूसरा दिन: 14 अप्रैल 2021, मां ब्रह्मचारिणी पूजा
तीसरा दिन: 15 अप्रैल 2021, मां चंद्रघंटा पूजा
चौथा दिन: 16 अप्रैल 2021, मां कूष्मांडा पूजा
पांचवां दिन: 17 अप्रैल 2021, मां स्कंदमाता पूजा
छठा दिन: 18 अप्रैल 2021, मां कात्यायनी पूजा
सातवां दिन: 19 अप्रैल 2021, मां कालरात्रि पूजा
आठवां दिन: 20 अप्रैल 2021, मां महागौरी पूजा
नौवां दिन: 21 अप्रैल 2021, मां सिद्धिदात्री पूजा
दसवां दिन: 22 अप्रैल 2021, व्रत पारण
घटस्थापना का दूसरा (अभिजित) शुभ मुहूर्त
घटस्थापना का आरंभ अभिजित मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 56 मिनट से
घटस्थापना का समाप्ति अभिजित मुहूर्त: सुबह 12 बजकर 47 मिनट तक
कलश स्थापना शुभ मुहूर्त
कलश स्थापना आरंभ मुहूर्त: 13 अप्रैल की सुबह 5 बजकर 58 मिनट से
कलश स्थापना समाप्ति मुहूर्त: 13 अप्रैल की सुबह 10 बजकर 14 मिनट तक
कलश स्थापना की कुल अवधि: 4 घंटे 16 मिनट की