Chaitra Navratri 2023 Day 4, Maa Kushmanda: चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन आज यानी 25 मार्च को मां कूष्मांडा की पूजा की जा रही है. माता कूष्मांडा को मालपुआ का भोग लगाया जाता है. जानें दुर्गा माता के चौथे रूप यानी मां कूष्मांडा की पूजा विधि, मंत्र, भोग और आरती के बारे में पूरी डिटेल.
देश की राजधानी दिल्ली स्थित समय के अनुसार चैत्र मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि 23 मार्च 2023, शुक्रवार को सायंकाल 05:00 बजे से प्रारंभ होकर 25 मार्च 2023, शनिवार को सायंकाल 04:23 बजे तक रहेगी. इस दिन आप प्रात:काल सूर्योदय के बाद से लेकर इस तिथि की समाप्ति यानि सायंकाल 04:23 बजे से पहले पूजा कर सकते हैं.
मां कूष्मांडा की आठ भुजाएं हैं, इसलिए इन्हें अष्टभुजा भी कहा जाता है. इनके सात हाथों में क्रमशः कमण्डल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा हैं. वहीं आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली जप माला है. मां कुष्मांडा को कुम्हड़े की बलि अति प्रिय है और संस्कृत में कुम्हड़े को कूष्मांडा कहते हैं. इसीलिए मां दुर्गा के इस रूप को कूष्मांडा कहा जाता है.
सुबह सबसे पहले स्नान आदि से निवृत्त हो कर स्वच्छ कपड़े पहनें.
अब मां कूष्मांडा का ध्यान कर उन्हें धूप, गंध, अक्षत्, लाल पुष्प, सफेद कुम्हड़ा, फल, सूखे मेवे और श्रृंगार का सामान अर्पित करें.
मां कूष्मांडा को मालपुआ का भोग लगाएं.
मां का भक्ति भाव से ध्यान करें.
पूजा के अंत में मां कूष्मांडा की आरती करें.
ॐ देवी कूष्माण्डायै नमः॥
स्तूति: या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता. नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. prabhatkhabar.com इसकी पुष्टि नहीं करता है)