Chaitra Navratri 2022: चैत्र नवरात्रि की शनिवार से हो रही शुरुआत, जानें पूजन और कलश स्थापना की विधि

Chaitra Navratri 2022: ज्योतिषाचार्य अरविंद कुमार मिश्र ने बताया कि नवरात्रि में मां दुर्गा का आह्वान किया जाता है. मान्यता है कि हर नवरात्रि पर मां नव दुर्गा अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर आती हैं और विदाई के वक्त मां का वाहन अलग होता है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 1, 2022 9:06 PM

Chaitra Navaratri 2022 Kalash Pujan Vidhi: हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का खास महत्व है. पूरे नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की भव्य तरीके से पूजा की जाती है. इस बार चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल दिन शनिवार के दिन से शुरू हो रही है जो 11 अप्रैल को समाप्त होगी. नवरात्रि में भक्त व्रत रखते हैं और पूरी श्रद्धा से नौ दिनों तक मां दुर्गा की पूजा करते हैं. नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना का खास महत्व होता है. इस दिन मां के खास वाहन का भी बहुत महत्व होता है. हर नवरात्रि में मां अपने अलग-अलग वाहन से आगमन करती हैं.

अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर आती हैं मां दुर्गा

ज्योतिषाचार्य अरविंद कुमार मिश्र ने बताया कि नवरात्रि में मां दुर्गा का आह्वान किया जाता है. मान्यता है कि हर नवरात्रि पर मां दुर्गा अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर आती हैं और विदाई के वक्त मां का वाहन अलग होता है. पुराणों के अनुसार, मां दुर्गा का आगमन आने वाले भविष्य की घटनाओं के बारे में संकेत देता है. इस चैत्र नवरात्रि मां घोड़े पर सवार होकर आएंगी.

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अगर नवरात्रि की शुरुआत रविवार या सोमवार से होती है तो मां दुर्गा हाथी पर आती हैं. अगर नवरात्रि की शुरुआत मंगलवार या शनिवार से होती है तो देवी घोड़े पर आती हैं. वहीं, जब नवरात्रि गुरुवार या शुक्रवार के दिन से शुरु होती है तो मां डोली की सवारी करके आती हैं. चैत्र नवरात्रि की शुरुआत इस बार शनिवार से हो रही है इसलिए इस बार मां का वाहन घोड़ा है.

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कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

ज्योतिषाचार्य अरविंद कुमार मिश्र ने बताया कि चैत्र नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है और इसके बाद हर दिन देवी के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा होती है. घटस्थापना को कलश स्थापना भी कहा जाता है. इस बार कलश स्थापना शुभ मुहूर्त 2 अप्रैल को सुबह 06:10 बजे से 08:29 बजे तक है. कुल अवधि 2 घंटे 18 मिनट की है.


कलश स्थापना कैसे करें?

कलश स्थापना के लिए सबसे पहले सुबह उठकर स्नान आदि करके साफ कपड़े पहनें. मंदिर की साफ-सफाई कर सफेद या लाल कपड़ा बिछाएं. इस कपड़े पर थोड़े चावल रखें. एक मिट्टी के पात्र में जौ बो दें. इस पात्र पर जल से भरा हुआ कलश स्थापित करें. कलश पर स्वास्तिक बनाकर इस पर कलावा बांधें. कलश में साबुत सुपारी, सिक्का और अक्षत डालकर अशोक के पत्ते रखें. एक नारियल लें और उस पर चुनरी लपेटकर कलावा से बांधें. इस नारियल को कलश के ऊपर पर रखते हुए देवी दुर्गा का आवाहन करें. इसके बाद दीप आदि जलाकर कलश की पूजा करें. नवरात्रि में देवी की पूजा के लिए सोना, चांदी, तांबा, पीतल या मिट्टी का कलश स्थापित किया जाता है.

इस बार पूरे 9 दिन रहेगी नवरात्रि रहेगी

ज्योतिषाचार्य अरविंद कुमार मिश्र ने बताया कि इस बार नवरात्रि पूरे 9 दिन की होगी. अक्सर यह देखा जाता था कि नवरात्रों में एक दिन घटता था, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं है. इस बार 9 दिनों तक नवरात्रि होगी. प्रत्येक दिन अलग-अलग देवी मां की पूजा की जाएगी.

रिपोर्ट- राघवेंद्र सिंह गहलोत, आगरा

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