Chaitra Navratri 2023, kanya pujan vidhi: चैत्र नवरात्रि नवमी तिथि 30 मार्च को है. नवरात्रि व्रत रख रहे भक्त नवरात्रि की नवमी तिथि को कन्या पूजन करने के बाद ही व्रत का पारण करते हैं. नवमी के दिन 2 साल से लेकर 11 साल की कन्याओं को घर बुला कर भोग लगाने और आदर सत्कार करने का रिवाज है. जानें चैत्र नवरात्रि 2023 कन्या पूजन की तिथि, शुभ मुहूर्त, विधि और पारण का सही समय क्या है?
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नवमी के दिन 9 कन्याओं को घर पर आमंत्रित किया जाता है
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जब कन्याएं घर आती हैं, तो उनका स्वागत करें.
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सबसे पहले कुंवारी कन्याओं के चरण धोएं.
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आसान बिछा कर उन्हें बैठाएं.
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कन्याओं के माथे पर रोली लगाएं.
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उनकी आरती करते हुए मां दुर्गा का स्मरण करें.
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पूरी, हलवा और काले चने की सब्जी या इच्छा अनुसार भोजन कराएं.
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भोजन के बाद 9 कन्या को सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा या उपहार जरूर दें.
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कन्याओं के पैर छूकर आशीर्वाद लें और उन्हें सम्मान के साथ विदा करें.
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इस दिन भक्त कुवांरी कन्याओं को अपने घर बुलाकर व्रत रखते हैं. ऐसा माना जाता है कि यह अनुष्ठान सर्वोच्च देवी की प्रशंसा व्यक्त करने के लिए किया जाता है.
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ब्रह्मचारिणी, आंद्रघण्टा, कुसमांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरती, महागौरी और सिद्धिदात्री को देवी दुर्गा के नौ दिव्य रूपों के अवतार के रूप में पूजा जाता है.
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भागवत पुराण के अनुसार नवरात्रि के नौवें दिन भक्तों की मनोकामना पूरी होती है.
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एक कन्या की पूजा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है, दो कन्याओं की पूजा करने से ज्ञान और मोक्ष की प्राप्ति होती है और तीन कन्याओं की पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है.
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बच्चे अधिकार और ज्ञान के पक्षधर हैं और नौ कन्या पूजा को सर्वोच्चता का आशीर्वाद माना जाता है.
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चैत्र नवरात्रि के अष्ठमी पूजा 29 मार्च को है 30 मार्च को महानवमी तिथि पड़ रहा है. महानवमी 29 मार्च को रात 09:07 से 30 मार्च को रात 11:30 बजे तक होगा. ऐसे में महानवमी पूजा यानी कन्या पूजन 30 मार्च को किया जाएगा. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06 बजकर रात 30 बजकर 15 मिनट तक ही रहेगा. जबकी ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:41 बजे पर शुरू होगा और 05:28 मिनट पर समाप्त हो जाएगा.
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