Chaitra Navratri Ghatasthapana 2022: शारदीय नवरात्रि के दौरान मनाए जाने वाले अधिकांश रीति-रिवाजों और अनुष्ठानों को चैत्र नवरात्रि के दौरान भी मनाया जाता है. घटस्थापना मुहूर्त और संधि पूजा मुहूर्त शारदीय नवरात्रि के दौरान अधिक लोकप्रिय हैं लेकिन चैत्र नवरात्रि के दौरान भी इन मुहूर्तों की आवश्यकता होती है. और पूरे विधि विधान के अनुसार शुभ मुहूर्त देख कर घटस्थापना की जाती है. जान लें चैत्र नवरात्रि घटस्थापना करने के दौरान किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
घटस्थापना नवरात्रि के महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक है. यह नौ दिनों के उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है. हमारे शास्त्रों में नवरात्रि की शुरुआत में एक निश्चित अवधि के दौरान घटस्थापना करने के लिए अच्छी तरह से परिभाषित नियम और दिशानिर्देश हैं. घटस्थापना देवी शक्ति का आह्वान है और इसे गलत समय पर करने से, जैसा कि हमारे शास्त्रों में कहा गया है, देवी शक्ति का प्रकोप हो सकता है. अमावस्या और रात के समय घटस्थापना वर्जित है.
घटस्थापना करने के लिए सबसे शुभ समय दिन का पहला एक तिहाई है, जबकि प्रतिपदा प्रचलित है. यदि किन्हीं कारणों से यह समय उपलब्ध नहीं हो पाता है तो अभिजीत मुहूर्त के दौरान घटस्थापना की जा सकती है. घटस्थापना के दौरान नक्षत्र चित्र और वैधृति योग से बचने की सलाह दी जाती है, लेकिन वे निषिद्ध नहीं हैं. विचार करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कारक यह है कि घटस्थापना हिंदू दोपहर से पहले की जाती है जबकि प्रतिपदा प्रचलित है.
आपको ऐसे कई स्रोत मिलेंगे जो घटस्थापना करने के लिए चौघड़िया मुहूर्त लेने की सलाह देते हैं लेकिन हमारे शास्त्र चौघड़िया मुहूर्त लेने की सलाह नहीं देते हैं. द्रिक पंचांग के अनसुार घटस्थापना केवल उन्हीं नियमों के अनुसार करना सही होता है जिसके बारे में वैदिक शास्त्रों में बताया गया है.
चैत्र घटस्थापना शनिवार, अप्रैल 2, 2022 को
घटस्थापना मुहूर्त – 06:10 ए एम से 08:31 ए एम
अवधि – 02 घण्टे 21 मिनट्स
घटस्थापना अभिजित मुहूर्त – 12:00 पी एम से 12:50 पी एम
अवधि – 00 घण्टे 50 मिनट्स
घटस्थापना मुहूर्त प्रतिपदा तिथि पर है.
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ – अप्रैल 01, 2022 को 11:53 ए एम बजे
प्रतिपदा तिथि समाप्त – अप्रैल 02, 2022 को 11:58 ए एम बजे