Aligarh News: नवरात्रि का पर्व शुरू हो चुका है. नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों का पूजन किया जाता है, पर बहुत ही कम लोग जानते हैं कि 9 जीवनदायी औषधियां ऐसी हैं, जिसमें मां दुर्गा के नौ रूप विराजमान रहते हैं.
ज्योतिषाचार्य पंडित हृदय रंजन शर्मा ने बताया कि संसार में उपलब्ध वे औषधियां, जिन्हें मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों के रूप में जाना जाता है. नवदुर्गा के नौ औषधि स्वरूपों को सर्वप्रथम मार्कण्डेय चिकित्सा पद्धति के रूप में दर्शाया गया. ये औषधियां समस्त प्राणियों के रोगों को हरने वाली हैं.
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नवदुर्गा का प्रथम रूप शैलपुत्री माना गया है. कई प्रकार की समस्याओं में काम आने वाली औषधि हरड़, हिमावती है, जो देवी शैलपुत्री का ही एक रूप हैं. यह आयुर्वेद की प्रधान औषधि है.
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नवदुर्गा का दूसरा रूप ब्रह्मचारिणी (ब्राह्मी) है. यह आयु और स्मरण शक्ति को बढ़ाने वाली, रूधिर विकारों का नाश करने वाली और स्वर को मधुर करने वाली है.
नवदुर्गा का तीसरा रूप है चंद्रघंटा, इसे चन्दुसूर या चमसूर कहा गया है. यह एक ऐसा पौधा है, जो धनिये के समान है. यह औषधि मोटापा दूर करने में लाभप्रद है.
नवदुर्गा का चौथा रूप कुष्माण्डा है. इस औषधि से पेठा मिठाई बनती है, जो पुष्टिकारक, वीर्यवर्धक व रक्त के विकार को ठीक कर पेट को साफ करने में सहायक है.
नवदुर्गा का पांचवा रूप स्कंदमाता है, जिन्हें पार्वती एवं उमा भी कहते हैं. यह औषधि के रूप में अलसी में विद्यमान हैं. यह वात, पित्त, कफ, रोगों की नाशक औषधि है.
नवदुर्गा का छठा रूप कात्यायनी है. इसे आयुर्वेद में कई नामों से जाना जाता है, जैसे अम्बा, अम्बालिका, अम्बिका. यह कफ, पित्त, अधिक विकार एवं कंठ के रोग का नाश करती है.
दुर्गा का सप्तम रूप कालरात्रि है. यह नागदौन औषधि केरूप में जानी जाती है. सभी प्रकार के रोगों की नाशक सर्वत्र विजय दिलाने वाली मन एवं मस्तिष्क के समस्त विकारों को दूर करने वाली औषधि है. इस पौधे को व्यक्ति अपने घर में लगाने पर घर के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं.
नवदुर्गा का अष्टम रूप महागौरी है, जिसे प्रत्येक व्यक्ति औषधि के रूप में जानता है. इसका औषधि नाम तुलसी है, जो प्रत्येक घर में लगाई जाती है. सभी प्रकार की तुलसी रक्त को साफ करती है एवं हृदय रोग का नाश करती है.
नवदुर्गा का नवम रूप सिद्धिदात्री है, जिसे नारायणी याशतावरी कहते हैं. शतावरी बुद्धि बल एवं वीर्य के लिए उत्तम औषधि है. यह रक्त विकार एवं वात पित्त शोध नाशक और हृदय को बल देने वाली महाऔषधि है.
रिपोर्ट- चमन शर्मा, अलीगढ़