4 साल से बनकर तैयार है SDJM कोर्ट भवन, नहीं हो सका शुरू, अब टूटने लगे…
पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत चक्रधरपुर के आसनतलिया गांव में पोड़ाहाट एसडीजेएम कोर्ट भवन एवं आवास चार साल से बनकर तैयार है, पर अदालत शुरू होने की दिशा में अब तक पहल नहीं की गई है. अब स्थिति ऐसी है कि शीशे और दरवाजे तक टूटने की कगार पर है.
चक्रधरपुर, रवि मोहंती. पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत चक्रधरपुर के आसनतलिया गांव में पोड़ाहाट एसडीजेएम कोर्ट भवन एवं आवास चार साल से बनकर तैयार है, पर अदालत शुरू होने की दिशा में अब तक पहल नहीं की गई है. चक्रधरपुर पोड़ाहाट अनुमंडल का मुख्यालय है. पोड़ाहाट का एसडीजेएम कोर्ट इस समय जिला मुख्यालय चाईबासा में चल रहा है और यहां के लोगों को कोर्ट के काम के लिए चाईबासा तक की दौड़ लगानी पड़ती है. पोड़ाहाट कोर्ट भवन पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल में ही 2019 में भवन बनकर तैयार हो गया था, लेकिन न तो इसका अब तक उद्धाटन हो सका है और न ही इसमें अदालत शुरू हो पाई है. एसडीजेएम कोर्ट भवन 20 करोड़ रुपए की लागत बनाया गया है, जबकि आवास के निर्माण पर 18 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं.
कोर्ट शुरू होने से 25 से 30 किमी कम हो जाएगी दूरी
अनुमंडल की भौगोलिक संरचना और दूरी अधिक होने के कारण चक्रधरपुर, मनोहरपुर, आनंदपुर, गोईलकेरा, गुदड़ी, सोनुवा और बंदगांव प्रखंड के सुदूरवर्ती क्षेत्र के ग्रामीणों को कोर्ट के काम से चाईबासा पहुंचने और वापस लौटने में पूरा दिन बीत जाता है. दरअसल, इन क्षेत्रों से यातायात के बेहतर साधन आज भी उपलब्ध नहीं हैं. साथ ही चाईबासा जाने के लिए लोगों को ज्यादा किराया भी चुकाना पड़ता है. चक्रधरपुर में कोर्ट शुरू होने से ग्रामीणों को ट्रेन की सुविधा मिलेगी, साथ ही उन्हें 25 से 30 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी. बारिश के मौसम में लोगों को कई बार सगे-संबंधियों के यहां रुकने को मजबूर होना पड़ता है.
पेड़-पौधे की रखवाली के लिए रखे गए है स्टाफ
एसडीजेएम कोर्ट भवन परिसर में लाखों रुपये के पेड़-पौधे लगाये जाने से कोर्ट भवन हरा-भरा नजर आ रहा है. पेड़-पौधा की रखवाली के लिए स्टाफ भी रखे गए हैं, जिनके द्वारा रोजाना पेड़-पौधों की देखभाल की जाती है. साथ ही भवन व क्वार्टर की देखरेख के लिए भी दो स्टाफ रखा गया है. लेकिन कोर्ट शुरू नहीं होने से लगाए गए लाखों के पेड़-पौधे नष्ट होने लगा हैं.
कोर्ट शुरू नहीं होने से टूटने लगे हैं खिड़की-दरवाजे
एसडीजेएम कोर्ट शुरू नहीं होने के कारण क्वार्टर भवन में लगे खिड़की-दरवाजे टूटने लगे हैं. वहीं मुख्य भवन कोर्ट जाने के लिए निर्माण की गई सड़क में भी दरार होने लगी है. सभी क्वार्टर भवन में लगे शिशे टूट गए हैं. दरवाजे भी सही रूप से खुल नहीं रहे हैं. इधर, चार साल में भी कोर्ट शुरू नहीं हुआ, तो विद्युत विभाग ने कनेक्शन भी काट दिया है. जिस कारण कोर्ट में लगे सीसीटीवी कैमरा केवल शोभा का वस्तु बन गया है. भवन को अब तक हैंडओवर नहीं किया गया है. जिस कारण बिजली बिल का भुगतान करने वाले कोई उपभोक्ता नहीं है. जिस कारण बिजली कनेक्शन विच्छेद कर दिया गया है.
1982 से हो रहा कोर्ट निर्माण का इंतजार
चक्रधरपुर में एसडीजीएम कोर्ट भवन और जेल के नहीं रहने के कारण अनुमंडल का पूर्ण दर्जा का पेंच फंसा हुआ है. अब इस भवन के पूर्ण होने से अनुमंडल स्तरीय कार्य चक्रधरपुर में संपन्न होंगे. न्यायालय कार्य के लिए पोड़ाहाट अनुमंडल अंतर्गत लोगों को चाईबासा की दौड़ लगानी नहीं पड़ेगी. पोड़ाहाट को अनुमंडल का दर्जा 26 जनवरी 1982 से ही मिला है.
एसडीजेएम कोर्ट में ये है सुविधा
— 20 करोड़ रूपए में एसडीजेएम कोर्ट भवन व 18 करोड़ रूपए में बना है क्वार्टर भवन
— एसडीजेएम कोर्ट भवन में लगाए गए हैं दो लिफ्ट
— सोलर लाइट से सजाया गया है एसडीजेएम कोर्ट परिसर
— कोर्ट परिसर की सुंदरता बढ़ाने के लिए लगाया गया है फौव्वारायुक्त बाग-बगीचा
— एसडीजेएम कोर्ट में जज और स्टाफ के रहने के लिए निर्माण किया गया है क्वार्टर
— सीसीटीवी कैमरे से लैस है कोर्ट परिसर
— नौ एकड़ में है एसडीजेएम कोर्ट भवन
जेल निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने के कारण शुरू नहीं हो सका है एसडीजेएम कोर्ट : अनन्या मित्तल
पश्चिम सिंहभूम के उपायुक्त अनन्या मित्तल ने कहा कि चक्रधरपुर में एसडीजेएम कोर्ट व आवास निर्माण हो चुका है. लेकिन जेल निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने से कोर्ट चालू नहीं हो सका है. उन्होंने कहा कि जेल भवन निर्माण कार्य संवेदक द्वारा तेजी से किया जा रहा है. उम्मीद है कि जुलाई-अगस्त में जेल निर्माण कार्य पूर्ण हो जाएगा. उसके बाद एसडीजेएम कोर्ट भी शुरू हो जाएगी. कोर्ट शुरू होने से चक्रधरपुर अनुमंडल के सुदूरवर्ती क्षेत्र गोइलकेरा, मनोहरपुर, आनंदपुर, बंदगांव प्रखंड के लोगों को काफी लाभ मिलेगा. लोगों को आवाजाही में भी काफी सहुलियत पहुंचेगी.