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झारखंड के किसानों के लिए बनेगा चेंबर ऑफ फॉर्मर्स, वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट पर होगा फोकस

धनबाद में किसानों के लिए चेंबर ऑफ फॉर्मर्स बनेगा. इसके लिए प्रशासनिक कवायद तेज हो गयी है. धनबाद में वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट के तहत इस वर्ष मोटे अनाज के उत्पाद एवं मार्केटिंग पर फोकस होगा.

धनबाद में किसानों के लिए चेंबर ऑफ फॉर्मर्स बनेगा. इसके लिए प्रशासनिक कवायद तेज हो गयी है. धनबाद में वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट के तहत इस वर्ष मोटे अनाज के उत्पाद एवं मार्केटिंग पर फोकस होगा. राज्य की उद्यान निदेशक निशा उरांव ने सभी उपायुक्त को पत्र लिख कर कहा है कि चेंबर ऑफ फॉमर्स का गठन करना है. राज्य सरकार ने इस संबंध में संकल्प भी जारी कर दिया है. इसके लिए 210 लाख रुपये अनुदान के रूप में स्वीकृत भी किया गया है. सभी डीसी को जिला उद्यान पदाधिकारी के जरिये इसका गठन कराने को कहा गया है. चेंबर ऑफ फॉमर्स के गठन के उद्देश्य के बारे में किसानों को बताने के लिए कहा गया है. इसका मुख्य उद्देश्य किसानों एवं व्यवसायियों के बीच मार्केट लिंकेज की संभावना को बढ़ावा देना है. जिला स्तरीय सहयोग समिति बनाने की भी तैयारी चल रही है.

धनबाद में मड़ुआ के लिए अनुकूल है मौसम

गुरुवार को संयुक्त प्रशासनिक भवन में बैठक हुई. इसमें जिला कृषि पदाधिकारी शिव कुमार राय, उद्यान पदाधिकारी सुरेंद्र कुमार के अलावा कृषि उत्पादन बाजार समिति के सचिव राकेश कुमार, जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक दिलीप शर्मा के अलावा कृषि विज्ञान केंद्र बलियापुर, जेएसएलपीएस, पशुपालन, मत्स्य विभाग के अधिकारी मौजूद थे. कुछ किसान भी शामिल हुए. बैठक के बाद जिला उद्यान पदाधिकारी ने बताया कि यहां चेंबर ऑफ फॉर्मर्स के गठन की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. जल्द ही इसकी पूरी कमेटी गठित हो जायेगी. इसमें कुछ विभागीय अधिकारियों के अलावा प्रगतिशील किसानों को शामिल किया जायेगा. बैठक में वन ड्रिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट पर भी चर्चा हुई. हालांकि, अभी धनबाद में इस पर फैसला नहीं हो पाया है. वैसे धनबाद में मौसम मोटे अनाज खासकर रागी के उत्पादन के लिए अनुकूल है. रागी कम पानी में हो जाता है. साथ ही यहां का तापमान व पर्यावरण भी उसके अनुकूल है. इस वर्ष भारत में मिलेट वर्ष मनाया जा रहा है. मोटे अनाज के प्रति लोगों का आकर्षण भी बढ़ा है.

जेएसएलपीएस के सहयोग से होगी मार्केटिंग

यहां किसानों की ओर से उत्पादित किये जाने वाले प्रोडक्ट की मार्केटिंग जेएसएलपीएस सहित अन्य सरकारी एजेंसियों के सहयोग से किया जायेगा. यहां ढेकी के चावल की भी मार्केटिंग होगी. इस तरह के उत्पाद की बाजार में मांग काफी है. जेएसएलपीएस की तरफ से ग्रामीण महिलाओं की समूह को भी इससे जोड़ा जायेगा. यहां कुछ महिला समूह द्वारा संचालित केंद्रों में अभी छोटे स्तर पर रागी एवं अन्य मिलेट की बिक्री हो रही है.

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