Chanakya Niti, Quotes, Shlok, Good Life Partner Tips: विष्णु गुप्त और कौटिल्य के नाम से मशहूर आचार्य चाणक्य ने प्रेम विवाह या शादी बंधन को लेकर भी कई महत्वपूर्ण नीतियां बनाई हैं. उनके अनुसार रिश्तों का चुनाव आकर्षण के अनुसार नहीं बल्कि जांच-परख कर करना चाहिए. तब ही शादि बंधन में दरारें कम आती है और प्रेम व विवाह सक्सेस हो पाता है..
दरअसल, लोग कई बार आकर्षण में लिप्त होकर कभी-कभी रिश्तों के मामले में गलत पार्टनर का चुनाव कर लेते हैं. इसका खामियाजा उन्हें जीवन भर भुगतना पड़ता है. ऐसे में महिला और पुरुषों दोनों को चाणक्य की निम्नलिखित नीतियों का अनुसरण करके ही जीवनसाथी चुनना चाहिए…
वरयेत् कुलजां प्राज्ञो विरूपामपि कन्यकाम्।
रूपशीलां न नीचस्य विवाह: सदृशे कुले।
इस श्लोक का सीधा अर्थ यही है कि अपने जीवनसाथी का चुनाव उसके शारीरिक सुंदरता मात्र से कभी नहीं करना चाहिए.
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जीवनसाथी को चुनने का पैमाना जीवनसाथी के गुण और अवगुणों के अनुसार होना चाहिए.
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ऐसे में पुरुषों को अपने जीवनसाथी की मन की खूबसूरती और गुणों को देखना चाहिए.
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महिलाओं में चुनने का सही तरीका है, उनके रूप नहीं संस्कार को देखें. ऐसा नहीं है कि यह केवल लड़कियों के लिए लागू होती है पुरुषों का चुनाव भी इसी आधार पर करें.
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सफल वैवाहिक जीवन व्यतित करना है पुरुष जीवनसाथी का मर्यादित होना आवश्यक है.
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पार्टनर यदि धर्म-कर्म में आस्था नहीं रखता हो तो आमतौर पर ऐसे लोग मर्यादित नहीं होते है.
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स्त्री पाटर्नर में धैर्य होना जरूरी है. यदि महिलाओं में धैर्य न हो तो वे कठिन परिस्थिति में आपका साथ छोड़ सकती है.
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ज्यादा क्रोध दोनों पुरूष और स्त्री पार्टनर के चुनाव के लिए जरूरी है. यदि आपका पार्टनर ज्यादा क्रोधी है तो पूरे परिवार को तबाह कर सकता है.
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Posted By: Sumit Kumar Verma