Jharkhand News: रामगढ़ में 21 साल बाद उपचुनाव के आसार! विधायक ममता देवी को मिली सजा के बाद चर्चा तेज

रामगढ़ विधायक ममता देवी को मिली सजा के बाद क्षेत्र में उपचनुाव की चर्चा तेज हो गयी है. लोगों का कहना है कि अगर यहां उपचुनाव होता है, तो इस विधानसभा क्षेत्र में 21 साल बाद उपचुनाव होगा. राज्य का पहला उपचुनाव इसी विधानसभा में हुआ था.

By Samir Ranjan | December 16, 2022 8:17 PM

Jharkhand News: रामगढ़ विधायक ममता देवी को पांच साल की सजा मिलने के बाद रामगढ़ विधानसभा में उपचुनाव की चर्चा शुरू हो गयी है. अगर उपचुनाव होता है, तो यहां 21 साल बाद उपचुनाव होगा. बता दें कि वर्ष 2000 में सीपीआई के शब्बीर अहमद कुरैशी उर्फ भेड़ा सिंह के निधन के बाद रामगढ़ विधानसभा का सीट खाली हुआ था. फरवरी, 2001 में यहां झारखंड का पहला उप चुनाव हुआ था. जिसमें बाबूलाल मरांडी ने स्वर्गीय भेड़ा सिंह की पत्नी नादरा बेगम को हराकर जीत हासिल की थी.

रामगढ़ में 21 साल के बाद उपचुनाव के बढ़े आसार

रामगढ़ विधानसभा सीट में 21 साल के बाद उपचुनाव होने की संभावना है. इससे पहले वर्ष 2000 में सीपीआई के शब्बीर अहमद कुरैशी उर्फ भेड़ा सिंह के निधन के बाद उप चुनाव हुआ था. वर्ष 2000 में सीपीआई के शब्बीर अहमद कुरैशी उर्फ भेड़ा सिंह ने रामगढ़ विधानसभा में भाजपा के शंकर चौधरी को हराकर जीत हासिल की थी, लेकिन कुछ ही माह के अंतराल में शब्बीर अहमद कुरैशी उर्फ भेड़ा सिंह की आकस्मिक मौत हो गयी थी. इस बीच 15 नवंबर, 2000 को झारखंड का गठन हुआ. झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बाबूबाल मरांडी बने.

भेड़ा सिंह के निधन से खाली हुए सीट पर बाबूलाल जीते

बाबूलाल मरांडी ने झारखंड के किसी भी विधानसभा से जीत हासिल नहीं किये थे, लेकिन शब्बीर अहमद कुरैशी उर्फ भेड़ा सिंह के निधन के बाद रामगढ़ विधानसभा का सीट खाली हुआ था. इसके बाद फरवरी, 2001 में यहां झारखंड का पहला उपचुनाव हुआ था. जिसमें बाबूलाल मरांडी ने स्वर्गीय भेड़ा सिंह की पत्नी नादरा बेगम को हराकर जीत हासिल की थी. अब ममता देवी को सजा होने के बाद यहां 21 साल के बाद उप चुनाव होना तय है.

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विधानसभा उपचुनाव की आहट शुरू

इधर, रामगढ़ विधायक ममता देवी को पांच साल की सजा मिलने के बाद क्षेत्र में उप चुनाव की चर्चा जोरों पर है. वर्ष 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में यूपीए गठबंधन की उम्मीदवार ममता देवी ने 99,944 वोट लाकर यहां बाजी मारी थी, जबकि दूसरे स्थान पर आजसू पार्टी की उम्मीदवार सुनीता चौधरी 71,226 मत प्राप्त की थी, जबकि तीसरे स्थान पर भाजपा के प्रत्याशी रणंजय कुमार उर्फ कुंटू बाबू ने 31,874 मत प्राप्त किये थे. लेकिन, वर्तमान में राजनीतिक परिदृश्य बदला हुआ है. वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में आजसू और भाजपा का गठबंधन नहीं था. लेकिन, इस बार एनडीए गठबंधन होने की संभावना है. इसका खुलासा गोमिया विधायक सह आजसू के महासचिव लंबोदर महतो ने किया है.

रिपोर्ट : सुरेंद्र कुमार/शंकर पोद्दार, रजरप्पा, रामगढ़.

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