खूंटी : सैलानियों के लिए स्वर्ग जैसा है चंचला घाघ
चंचला घाघ तोरपा प्रखंड मुख्यालय से लगभग 20 किमी की दूरी पर है. यहां पर तोरपा से तपकारा तथा कोचा गांव होते हुए पहुंचा जा सकता है. यहां निजी वाहन से ही पहुंचा जा सकता है.
खूंटी जिले के तोरपा प्रखंड अंतर्गत तपकारा पंचायत में स्थित चंचला घाघ प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण है. यह पिकनिक मनानेवालों के लिए पसंदीदा स्थान है. हालांकि यहां सालों भर सैलानियों का आना-जाना लगा रहता है. लेकिन, नववर्ष पर हजारों की संख्या में सैलानी यहां पहुंचते हैं. कारो नदी पर स्थित चंचला घाघ हरे भरे जंगलों के बीच अवस्थित है. नदी के बीच में चट्टानों के बीच कलकल बहती नदी की धारा देखते ही बनती है. नदी के बीच में चट्टान व बालू के टीले हैँ, जो इसकी सुंदरता को बढ़ाती है. नदी में गहराई नहीं होने से यह जगह पिकनिक मनाने वालों के लिए सुरक्षित भी है.
सड़क है जर्जर : तपकारा से चंचला घाघ जाने का रास्ता तेतरटोली के बाद जर्जर हो गया है. कोचा गांव के बाद पीसीसी सड़क बनायी गयी है. लेकिन वह भी जैसे तैसे बनाकर छोड़ दिया गया है.
कैसे पहुंचे इस स्थल पर : चंचला घाघ तोरपा प्रखंड मुख्यालय से लगभग 20 किमी की दूरी पर है. यहां पर तोरपा से तपकारा तथा कोचा गांव होते हुए पहुंचा जा सकता है. यहां निजी वाहन से ही पहुंचा जा सकता है.
डायन-बिसाही पर ग्रामीणों को किया जागरूक
मुरहू के इंदिपीड़ी में सोमवार को पुलिस ने जागरूकता अभियान चलाया. थाना प्रभारी मो इकबाल हुसैन ने ग्रामीणों को डायन-बिसाही जैसी कुप्रथा की जानकारी दी. वहीं डायन प्रथा अधिनियम 2001 की जानकारी दी. इसके अलावा मॉब लिंचिंग, यातायात नियम, बाल-विवाह और अफीम की अवैध खेती जैसी बुराइयों की भी जानकारी दी. उन्होंने बच्चों को स्कूल भेजने का अपील की. वहीं ग्रामीणों के बीच साड़ी और शॉल का वितरण किया गया. इधर, रनिया के एसएस प्लस टू उच्च विद्यालय में सोमवार को द स्टूडेंट पुलिस कैडेट के तहत विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा के संबंध में जानकारी दी गयी.
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