हिंदू धर्म में चंद्रमा की खास अहमियत है. इसे सबसे महत्वपूर्ण और पूजनीय देवताओं में से एक माना जाता है. चन्द्र भी नवग्रह का एक महत्वपूर्ण ‘ग्रहा’ या ग्रह है जो पृथ्वी पर सभी जीवन को प्रभावित करता है. चूंकि हिंदू चंद्र कैलेंडर का पालन करते हैं, चंद्रमा उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. अमावस्या के बाद चंद्रमा को देखा जाता है जिसे चंद्र दर्शन कहते हैं. हिंदू धर्म में चंद्र दर्शन या मून साइटिंग का अत्यधिक धार्मिक महत्व है.
कल सुबह होगा चंद्र दर्शन का पारन
चंद्र दर्शन तिथि: 13 मई गुरुवार
प्रतिपदा तिथि समय: 12 मई, सुबह 12:29 बजे – 13 मई, सुबह 3:06 बजे
चंद्रोदय: 13 मई, सुबह 6:42 बजे
चन्द्रस्त : 13 मई, रात 8:27 बजे
चंद्र दर्शन अनुष्ठान:
भक्त इस दिन चंद्र देव को प्रसन्न करने के लिए उपवास करते हैं. वे पूरे दिन कुछ भी नहीं खाते या पीते हैं और चंद्रमा को सूर्यास्त के बाद दर्शन करने के बाद उपवास तोड़ते हैं. ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति चंद्र दर्शन के दिन सभी अनुष्ठान करता है, उसे अनंत सौभाग्य और समृद्धि के साथ संपन्न किया जाता है. लोग इस दिन गरीबों को कपड़े, चावल और चीनी समेत अन्य चीजों का दान भी करते हैं.
चंद्र दर्शन की पूजा विधि
इस दिन शाम को चंद्र देवता की पूजा करें
पूजा करते समय चंद्र देवता को अर्घ्य, रोली और तिलक फूल आदि अवश्य अर्पित करें
पूजा के समय चंद्र देवता के इस मंत्र का स्पष्ट उच्चारण पूर्वक जाप जरुर करें
चंद्र दर्शन की पूजा मंत्र
ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृत तत्वाय धीमहि, तन्नो चन्द्र: प्रचोदयात ।।
चंद्र दर्शन की पूजा करने से चंद्र देवता के साथ-साथ मां लक्ष्मी का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है
Posted By: Shaurya Punj