पौराणिक मान्यता के अनुसार कि सूतक काल में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. हांलाकि, बहुत सारे लोग आंशिक व खंडग्रास ग्रहण चंद्र ग्रहण के दौरान भी ग्रहण से जुड़े नियमों का पालन करते हैं. गर्भवती महिलाएं किसी भी तरह के असमंजस में हैं तो यहां पढ़ें कि इस दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं.
गर्भवती महिलाएं इन बातों का रखें ध्यान
आज लगने वाले चंद्र ग्रहण को उपछाया चंद्र ग्रहण माना जा रहा है, लेकिन फिर भी एहतियातन गर्भवती महिलाओं को सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है. इसलिए ग्रहण के दौरान इन कार्यों को करने से बचना चाहिए.
: ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं के शरीर पर ग्रहण से छन कर आने वाली रौशनी नहीं पड़नी चाहिए. इसलिए गर्भवती महिलाएं ग्रहण के समय घर से बाहर न निकलें.
: ग्रहण लगने से पूर्व स्नान करना चाहिए.
: ग्रहण के दौरान भगवान का स्मरण करना चाहिए.
: अपने मन में नकारात्मक विचार नहीं रखने चाहिए.
: तनाव और विवाद की स्थिति से बच कर रहें.
: क्रोध और अहंकार न करें. खुद को बिल्कुल शांत रखें.
: किसी भी तरह की धारदार चीजों इस्तेमाल या स्पर्श तक न करें.
: ग्रहण के दौरान सूई-धागे का प्रयोग न करें.
: ग्रहण के दौरान मंत्रों का जाप करना चाहिए.
: ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को सोने से भी परहेज करना चाहिए.
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ग्रहण के बाद क्या करें
ग्रहण समाप्त होने के बाद भी कुछ कार्य बताए गए हैं, इन्हें करने से ग्रहण का दोष दूर होता है-
: ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करें.
: जरूरतमंद व्यक्तियों को दान दें.
: नया भोजन बनाकर खाएं. पहले से बने हुए भोजन न खाएं.
: ऐसा ही पीने के पानी के साथ भी करें यानि पहले से रखा हुआ पानी न पीएं. फ्रेश पानी निकाल कर पीएं.
: ग्रहण के दौरान पहले से पका कर रखे गए भोजन खाने से दोष लगता है.