Loading election data...

Chandra Grahan 2021 : नवंबर महीने में लगेगा साल का अंतिम चंद्र ग्रहण, यह है तारीख और समय

वर्ष 2021 का अंतिम चंद्र ग्रहण जल्द ही लगने वाला है. यह चंद्र ग्रहण भारत के कुछ राज्यों में आंशिक रूप से दिखेगा. ज्योतिष के अनुसार चंद्र ग्रहण के समय पूजा-पाठ समेत सभी प्रकार के शुभ कार्य करना वर्जित होता है. वहीं वैज्ञानिकों की मानें तो चंद्र ग्रहण एक खूबसूरत प्राकृतिक घटना है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 7, 2021 7:28 AM
an image

chandra grahan 2021 : साल का अंतिम चंद्र ग्रहण इसी महीने यानी नवंबर में ही लगने जा रहा है. बता दें कि ग्रहण का वैज्ञानिक महत्व तो होता ही है साथ ही ज्योतिष के अनुसार ग्रहण को बड़ी घटना के रूप में देखा जाता है. ज्योतिष के अनुसार ग्रहण के दौरान जहां पूजा-पाठ जैसे सभी प्रकार के शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है वहीं प्रत्येक ग्रहण के बाद इसके विभिन्न राशि के जातकों पर पड़ने वाले शुभ-अशुभ प्रभाव की गणना भी की जाती है.

इस तारीख को लगेगा साल का अंतिम चंद्र ग्रहण

साल 2021 का अंतिम चंद्र ग्रहण 19 नवंबर को लगेगा. यह चंद्रगहण भारतीय समय के अनुसार 19 नवंबर को सुबह 11 बजकर 34 मिनट पर लगेगा जो शाम को 5 बजकर 33 मिनट तक रहेगा. इस दौरान पूजा-पाठ और अन्य शुभ कार्य नहीं किया जा सकेगा.

पूरे भारत में नहीं दिखेगा चंद्र ग्रहण

19 नवंबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण आंशिक रूप से दिखाई देगा. यह सिर्फ भारत के पूर्वोतर राज्यों जैसे असम, अरूणाचल प्रदेश में सीमित पलों के लिए नजर आएगा. यह चंद्र ग्रहण अरुणाचल प्रदेश और असम के उत्तर-पूर्वी हिस्सों में चंद्रोदय के ठीक बाद बहुत कम समय के लिए दिखाई देगा. यह चंद्रग्रहण वृषभ राशि और कृतिका नक्षत्र में लगेगा. इससे वृषभ राशि सबसे अधिक प्रभावित होगा.

इन देशों में दिखेगा 19 नवंबर को लगनेवाला चंद्रग्रहण

भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के अलावा 19 नवंबर को लगने वाला चंद्रग्रहण पूर्वी एशिया, उत्तरी यूरोप, अमेरिका और आस्ट्रेलिया दिखाई देगा.

उपछाया चंद्र ग्रहण होने के कारण मान्य नहीं होगा सूतक काल

इस महीने 19 तारीख को लगनेवाला चंद्र ग्रहण उपछाया चंद्र ग्रहण होगा. ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार पूर्ण चंद्र ग्रहण लगने पर ही सूतक काल मान्य होता है. चूंकि यह उपछाया चंद्र ग्रहण है इसलिए इस चंद्र ग्रहण में सूतक काल मान्य नहीं होगा. बता दें कि पूर्ण चंद्र ग्रहण के शुरू होने से 9 घंटे पहले से ही सूतक काल प्रारंभ हो जाता है.

Also Read: साप्ताहिक राशिफल (7 नवंबर – 13 नवंबर): इस सप्ताह मेष-मिथुन समेत इन 5 राशि वालों को मिलेगी बड़ी कामयाबी

जानें क्या होता है उपछाया ग्रहण

चंद्र ग्रहण के शुरू होने से पहले चंद्रमा धरती की उपछाया में प्रवेश करता है. लेकिन जब चंद्रमा पृथ्वी की वास्तविक छाया में प्रवेश किए बिना ही बाहर निकल आता है तो ऐसी स्थिति में उसे उपछाया ग्रहण कहते हैं. चंद्रमा जब धरती की वास्तविक छाया में प्रवेश करता है, तभी उसे पूर्ण रूप से चंद्र ग्रहण माना जाता है. ज्योतिष के अनुसार उपछाया ग्रहण को वास्तविक चंद्र ग्रहण नहीं माना जाता है.

Exit mobile version