First Lunar Eclipse 2022 Date Time: साल का पहला चंद्र ग्रहण 16 मई को लगेगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्र ग्रहण पूर्णिमा को लगता है.
चन्द्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा के दिन ही होता है. लेकिन हर पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण नहीं हो सकता है. दरअसल, जब पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है तो इसे चंद्र ग्रहण कहा जाता है.
साल का पहला चंद्र ग्रहण दक्षिणी-पश्चिमी यूरोप, दक्षिणी-पश्चिमी एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिकी के अधिकांश हिस्सों में, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, अटलांटिक और अंटार्कटिका आदि देशों में पूर्ण ग्रहण का प्रभाव होगा. भारत में इसका प्रभाव बिल्कुल नहीं पड़ रहा है, ऐसे में यहां सूतक मान्य नहीं होगा इसका.
चंद्रगहण जब शुरू और समाप्त हो रहा है वह भारत में सुबह का समय है ऐसे में चंद्र ग्रहण की दृश्यता शून्य मानी जा रही है जिसके चलते सूतक मान्य नहीं होगा. सूतक का अर्थ होता है मान्यतानुसार ग्रहण के समय सावधानी बरतना. सूतक नहीं है इसका मतलब है कि सावधानी बरतने की आवश्यकता नहीं है. साथ ही इसका जीवन पर किसी तरह का शुभ-अशुभ प्रभाव नहीं पड़ेगा.
बात चाहे सूर्य ग्रहण की हो या चंद्र ग्रहण की, इन दोनों को ही हिंदू धर्म और ज्योतिष में शुभ नहीं माना गया है. लिहाजा इस दौरान कुछ नियमों का पालन करने की सलाह दी गई है, ताकि सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के दुष्प्रभावों से बचा जा सके.
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ग्रहण के दौरान कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिए. साथ ही खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डाल देना चाहिए, ताकि इन पर ग्रहण का बुरा असर न पड़े.
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ग्रहण के दौरान नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है, जिसका असर व्यक्ति के मन पर भी पड़ता है. लिहाजा इस दौरान कोई बड़ा निर्णय न लें. वाद-विवाद से बचें. हो सके तो यात्रा न करें.
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ग्रहण के दौरान जितना हो सके भगवान की आराधना करें.
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ग्रहण के दौरान मंदिर के पट बंद रखें.
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ग्रहण के बाद स्नान करें और दान जरूर करें. गरीबों को दान करने से ग्रहण का अशुभ फल कम हो जाता है.
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ग्रहण के दौरान गर्भवती स्त्री को बहुत सावधानी बरतनी चाहिए. उसे घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए.
साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 8 नवंबर को लगेगा. यह भी भारत में देखा जा सकता है. ग्रहण का समय दोपहर 01 बजकर 32 मिनट पर शुरू होकर शाम 07 बजकर 27 मिनट पर समाप्त होगा.