Chandra Grahan 2022: चंद्र ग्रहण आज, धनबाद में मंदिरों के कपाट रहेंगे बंद
Chandra Grahan 2022: आज साल 2022 का आखिरी चंद्र ग्रहण लगेगा. यह साल का दूसरा चंद्र ग्रहण होगा. चंद्र ग्रहण से नौ घंटे पहले सूतक लग जायेगा. इस कारण शुभ कार्य वर्जित होगा. सूतक काल के दौरान पूजा-पाठ व शुभ कार्य वर्जित होता है. वहीं, धनबाद के मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे.
Chandra Grahan 2022: कार्तिक पूर्णिमा पर आठ नवंबर को यानि आज साल 2022 का आखिरी चंद्र ग्रहण लगेगा. यह साल का दूसरा चंद्र ग्रहण होगा. पंडित गुणानंद झा ने बताया कि धनबाद में चंद्र ग्रहण का स्पर्श शाम पांच बजे व मोक्ष 06.19 बजे होगा. चंद्र ग्रहण से नौ घंटे पहले सूतक लग जायेगा. इस कारण शुभ कार्य वर्जित होगा. सूतक काल के दौरान पूजा-पाठ व शुभ कार्य वर्जित होता है. इस कारण मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे. आठ नवंबर को सुबह से सूतक काल आरंभ हो जायेगा, जो ग्रहण की समाप्ति के साथ खत्म हो जायेगा.
Also Read: Kartik Purnima 2022: कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान का शुभ मुहूर्त, नियम और उपाय जानें
शास्त्रों में सूतक काल को अशुभ माना गया है. इसलिए सूतक लगने पर पूजा-पाठ, धार्मिक अनुष्ठान व शुभ काम नहीं किये जाते हैं. मंदिर के पट बंद हो जाते हैं. ग्रहण में न तो खाना पकाया जाता है और न ही खाया जाता है. मोक्ष के बाद मंदिर की साफ-सफाई कर प्रतिमा को गंगाजल से शुद्ध करने के बाद पूजा शुरू होगी. ग्रहण काल में गर्भवती व बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. मोक्ष के बाद स्नान कर दान करना चाहिए. चंद्र ग्रहण दोपहर 1. 32 बजे दोपहर से शुरू हो जायेगा, लेकिन भारत में शाम पांच बजे के बाद दिखाई देगा. आठ नवंबर को चंद्र ग्रहण लगने व सूतक काल सुबह आठ बजे से शुरू होने के कारण पूर्णिमा सोमवार से ही शुरू हो गयी है. कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि सात नवंबर को अपराह्न 3.57 बजे से शुरू हो गयी जो आठ नवंबर को अपराह्न 3. 53 मिनट तक रहेगी.
धनबाद में चंद्र ग्रहण का स्पर्श शाम पांच बजे व मोक्ष 06.19 बजे
-
नहीं होंगे पूजा-पाठ, धार्मिक अनुष्ठान व शुभ काम
-
नौ घंटे पहले सूतक लग जायेगा.
-
शास्त्रों में सूतक काल को अशुभ माना गया है
गर्भवती को ग्रहण नहीं देखना चाहिए
ग्रहण के दौरान मंत्रों का जाप और ग्रहण के बाद गंगाजल से स्नान और दान किया जाता है. ग्रहण की समाप्ति होने पर पूरे घर में गंगाजल से छिड़काव किया जाता है. मंदिर की धुलाई-पोछाई के बाद कपाट खोलें जाते है. चंद्र ग्रहण के दौरान कभी भी कोई शुभ काम या देवी-देवताओं की पूजा नहीं करनी चाहिए. खासकर, गर्भवती महिलाओं को ग्रहण नहीं देखना चाहिए और न ही घर से बाहर जाना चाहिए.