Chandra Grahan 2023 Pregnancy: साल का पहला चंद्र ग्रहण वैशाख पूर्णिमा मतलब बुद्ध पूर्णिमा के दिन यानी 5 मई को लगेगा. वैज्ञानिक दृष्टि से चंद्र ग्रहण तब होता है, जब पृथ्वी चंद्रमा और सूर्य के बीच में आ जाती है. हिंदू धर्म पुराणों के मुताबिक राहु चंद्रमा को ग्रसित करते हैं, तब चंद्रग्रहण बनता है. सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण से पहले सूतक काल माना जाता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार कि सूतक काल के दौरान शुभ कार्य नहीं करना चाहिए. इस दिन गर्भवती महिलाओं को को कुछ कार्यों से परहेज करना चाहिए, आइए जानें कौन से वो काम हैं जिन्हें प्रेग्नेंट स्त्रियां ना करें
ग्रहण के दौरान प्रेग्नेंट स्त्रियां धारदार चीजों का इस्तेमाल भूलकर भी न करें. जैसे सब्जी न काटें, सिलाई, कढ़ाई, कैंची, चाकू का उपयोग करने से बचे. ऐसा करना अशुभ होता है और मां के साथ बच्चे पर भी बुरा असर पड़ता है.
ग्रहण के दौरान भगवान का स्मरण करते रहें. अपने मन में नकारात्मक विचार नहीं रखने चाहिए साथ ही तनाव और विवाद की स्थिति से बच कर रहें. क्रोध और अहंकार न करें, खुद को बिल्कुल शांत रखें.
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को सोने से भी परहेज करना चाहिए. कहते हैं इससे बच्चे की बुद्धि पर नकारात्मक असर पड़ता है. ऐसा करने से बच्चा मानसिक रूप से मंद होता है.
शास्त्रों के अनुसार ग्रहण की अवधि में प्रेग्नेंट स्त्रियों को तुलसी दल रखकर दुर्गा पाठ या अपने इष्टदेव के मंत्र का स्मरण करना चाहिए. इससे मां-शिशु पर बुरी शक्तियों का असर नहीं पड़ता
चंद्र ग्रहण खत्म होने के बाद गर्भवती महिला को पवित्र जल से स्नान कर लेना चाहिए. कहते हैं इससे गर्भस्थ शिशु और मां दोनों पर ग्रहण का दोष खत्म हो जाता है.
यह चंद्र ग्रहण रात में 8 बजकर 46 मिनट से शुरू होगा और मध्यरात्रि के बाद 1 बजकर 2 मिनट पर समाप्त होगा. यह एक उपछाया चंद्रग्रहण होगा.