पंचाग के अनुसार यह ग्रहण 28 अक्टूबर को रात 1 बजकर 5 मिनट पर लगेगा, जबकि मोक्ष 2 बजकर 24 मिनट पर होगा. इस ग्रहण की अवधि 03 घंटा 07 मिनट की रहेगी. इस ग्रहण का सूतक 28 अक्टूबर दिन शनिवार को सायं काल 04 बजकर 05 मिनट से लग जायेगा और ग्रहण मोक्ष अगले दिन सुबह 03 बजकर 56 मिनट तक हो जाएगा, इसलिए मोक्ष के बाद स्नान, दान आदि किया जा सकेगा. इस ग्रहण का प्रभाव पूरे भारत पर दिखाई देगा.
चंद्र ग्रहण मध्यरात्रि में 1 बजकर 5 मिनट से शुरू होगा. इस चंद्रग्रहण का नकारात्मक प्रभाव खासकर उन जगहों पर ज्यादा पड़ेगा, जहां ग्रहण दिखाई देगा. यह ग्रहण मेष राशि और अश्वनी नक्षत्र पर लगने जा रहा है. जिसके कारण मेष राशि वाले लोगों के लिए यह ग्रहण अशुभ प्रभाव भी दे सकता है.
पंचाग के अनुसार चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर को रात 1 बजकर 5 मिनट पर लगेगा, जबकि मोक्ष 2 बजकर 24 मिनट पर होगा. यह ग्रहण भारत में देखा जा सकता है, इसलिए शाम 4 बजकर 5 मिनट से सूतक काल की शुरुआत भी हो जाएगी.
शरद पूर्णिमा पर लगने वाला चंद्र ग्रहण भारत समेत एशिया, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, नॉर्थ अमेरिका, साउथ अमेरिका के अधिकतर हिस्सों में और हिंद महासागर, पेसिफिक, अटलांटिक, आर्कटिक और अंटार्कटिका से भी दिखाई देगा.
सूतक काल में देव विग्रह के स्पर्श को नहीं करना चाहिए, इसके अलावा ग्रहण का साया भी देव विग्रहों पर न पड़े, इसके लिए मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं. जिन जगहों पर ग्रहण का साया पड़ता है, वहां इससे अच्छे और बुरे का असर होता है, इसलिए ग्रहण काल में इसके दोष को कम करने के लिए जप और तप करना चाहिए.