Chandra Grahan 2023: ग्रहण काल में गर्भवती महिलाएं भूलकर भी न करें ऐसी गलती, बच्चे पर पड़ेगा बुरा प्रभाव

Chandra Grahan 2023: शरद पूर्णिमा पर लगने वाला चन्द्र ग्रहण 28 अक्टूबर मध्य रात्रि से शुरू होगा और इसका समापन 02 बजकर 25 मिनट तक होगा. ग्रहण का प्रभाव देश-दुनिया समेत सभी लोगों के जीवन पर देखने को मिलता है.

By Radheshyam Kushwaha | October 27, 2023 10:20 AM
an image

Chandra Grahan 2023 time: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहण की घटना को बेहद खास और महत्वपूर्ण माना गया है. साल 2023 का आखिरी चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर शरद पूर्णिमा के दिन लगने जा रहा है. ज्योतिषाचार्य वेद प्रकाश शास्त्री के अनुसार 30 साल बाद शरद पूर्णिमा के मौके पर ग्रहण लगने जा रहा है, जो इस साल का आखिरी ग्रहण होगा. यह चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा, इसी कारण इसका सूतक काल भी मान्य होगा. जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, तब चंद्र ग्रहण लगता है. वैज्ञानिक नजरिए से ग्रहण एक खगोलीय घटना मात्र होता है, लेकिन धार्मिक दृष्टि से ग्रहण की घटना को शुभ नहीं माना जाता है. चंद्र ग्रहण को चंद्रमा पर ग्रहण के रूप में जाना जाता है. ग्रहण का प्रभाव देश-दुनिया समेत सभी लोगों के जीवन पर देखने को मिलता है. शरद पूर्णिमा पर लगने वाला चन्द्र ग्रहण 28 अक्टूबर मध्य रात्रि से शुरू होगा और इसका समापन 02 बजकर 25 मिनट तक होगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, लोगों को इस समय कई विशेष बातों का ख्याल रखना चाहिए. खासतौर से गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. मान्यता है कि ग्रहण के समय नकारात्मक शक्तियां हावी हो जाती हैं. ऐसे में इसका प्रभाव गर्भवती महिलाओं पर विशेष रूप से देखने को मिलता है. गर्भवती महिला के लिए कुछ खास चीजों की मनाही होती है.


Chandra Grahan 2023 time: कब रहेगा सूतक काल

ज्योतिषाचार्य वेद प्रकाश शास्त्री के अनुसार, साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर शरद पूर्णिमा के दिन लगने जा रहा है. शरद पूर्णिमा के दिन 30 साल बाद ये ग्रहण लगेगा. इसका सूतक काल लगभग 09 घंटे पहले ही शुरू हो जाएगा. ऐसे में गर्भवती महिलाओं को कुछ विशेष नियमों का पालन करने की जरूरत है. सूतक काल को अशुभ समय माना जाता है. इस दौरान किसी भी तरह का कोई शुभ काम करना वर्जित होता है. भारत में इस ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा. इस कारण से सूतक काल मान्य नहीं होगा. सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या तिथि पर ही लगता है. इस बार यह सूर्य ग्रहण वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर लगेगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहण का प्रभाव विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं पर पड़ता है. ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी होती है. सूर्य ग्रहण के दौरान ग्रहण का दुष्प्रभाव गर्भवती महिलाओं पर रहता है, इसलिए ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को कुछ चीजों का परहेज करना चाहिए.

Chandra Grahan 2023 time: ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं करें इसका पालन

  • – ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गर्भवती महिलाएं चंद्र ग्रहण को देखने से परहेज करें, इस दौरान घर से बाहर निकलने से भी परेहज करना चाहिए. मान्यता के अनुसार ग्रहण काल में चंद्र ग्रहण को देखने से बच्चे के ऊपर भी इसका पूरा प्रभाव पड़ता है.

  • – ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गर्भवती महिलाएं घर में ऐसी जगह पर रहें, जहां पर ग्रहण की किरणें अपना प्रभाव न डाल सकें. मान्यता है कि ग्रहण की किरणें शरीर पर पड़ने से बच्चे के जीवन में कई तरह की समस्या उत्पन्न होने लग जाती है, इसीलिए महिलाओं के शरीर पर ग्रहण की किरणें पड़ने से बचनी चाहिए.

  • – ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गर्भवती महिलाएं चंद्र ग्रहण के दिन ज्यादा से ज्यादा विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें. महिलाओं को पूजा-पाठ में मन लगाना चाहिए, लेकिन इस दौरान इस बात का खास ख्याल रखें कि महिलाएं मंदिर के अंदर न जाएं.

Also Read: शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण कब से कब तक लगेगा, जानें सूतक काल का सही समय

  • – चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं हनुमान चालीसा, विष्णु सहस्त्रनाम, आदित्य हृदय स्त्रोत, विष्णु हस्ताक्षरी मंत्र और पंचाक्षरी मंत्र का जाप करने से विशेष लाभ होता है. मान्यता है कि ग्रहण काल में इस उपाय को करने से जीवन में कोई समस्या नहीं आती है.

  • – मान्यता है कि ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं अपने पास एक नारियल रख लें, इसे लेकर ऐसी मान्यता है कि नारियल रखने से सभी तरह हानिकारक विकरण से बचा जा सकता है. इसके बाद इस नारियल को किसी पवित्र नदी में विसर्जित कर दें.

  • – ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गर्भवती महिलाएं उठने-बैठने में खास सावधानी बरतें, इतना ही नहीं, ग्रहण के दौरान भोजन से परहेज करें. इस बात का खास ख्याल रखें कि गर्भवती महिलाएं ग्रहण के दौरान सुई, चाकू, कैंची जैसी नोकदार वस्तुओं से दूर रहें. ऐसा माना जाता है कि अगर ग्रहण के दौरान इस तरह की चीजों का इस्तेमाल किया जाए, तो बच्चे पर दुष्प्रभाव पड़ता है.

Exit mobile version