मुंबई: फिल्मकार चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने सोमवार को दावा किया कि ऐतिहासिक घटना पर आधारित उनकी आगामी फिल्म ‘पृथ्वीराज’ के जरिये महान योद्धा सम्राट पृथ्वीराज चौहान के जीवन को बड़े पर्दे पर बेहद सम्मानजनक तरीके से उतारने की कोशिश की गई है.
उल्लेखनीय है कि इस साल के शुरुआत में दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर अक्षय कुमार अभिनीत इस फिल्म के टाइटल में बदलाव करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था. हालांकि अदालत ने इस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था. राष्ट्रीय प्रवासी परिषद की ओर से दायर याचिका में दलील दी गई थी कि सम्राट पृथ्वीराज एक महान शासक थे और फिल्म के शीर्षक में सिर्फ ‘पृथ्वीराज’ शब्द का इस्तेमाल लोगों की भावनाओं को आहत करता है.
याचिकाकर्ता ने कहा था कि फिल्म का नाम और सम्मानजनक होना चाहिए. ‘पृथ्वीराज’ का ट्रेलर जारी होने के मौके पर द्विवेदी ने कहा कि निर्माता आदित्य चोपड़ा ने उनसे पूछा था कि क्या शीर्षक में बदलाव की कोई गुंजाइश है, लेकिन टीम मूल नाम पर ही कायम रही, क्योंकि यह ऐतिहासिक रूप से सही है.
द्विवेदी ने कहा, ‘‘मैंने उनसे कहा कि ‘पृथ्वीराज रासो’ को पृथ्वीराज पर लिखा पहला साहित्य माना जाता है और उसमें भी उनका उल्लेख ‘सम्राट पृथ्वीराज’ के तौर पर नहीं किया गया है. यहां तक कि ‘पृथ्वीराज विजय’ में ‘सम्राट’ शब्द का जिक्र नहीं है…मेरा मानना है कि अगर किसी को उसके नाम से बुलाया जाए तो लोगों को आहत नहीं होना चाहिए.”
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द्विवेदी ने कहा, ‘‘वह इतनी महान हस्ती थे कि अगर आप उनका नाम प्रेम से पुकारें तो लोगों को उसे स्वीकार करना चाहिए. जिनके मन में अब भी संदेह है, वे जब फिल्म देखेंगे तो संतुष्ट हो जाएंगे.” उल्लेखनीय है कि द्विवेदी इससे पहल टीवी पर वर्ष 1991 में प्रसारित धारावाहिक ‘चाणक्य’ और वर्ष 2003 में देश के विभाजन पर बनी फिल्म ‘पिंजर’ का निर्देशन कर चुके हैं.