Gorakhpur News: आजाद समाज पार्टी से गोरखपुर शहर से प्रत्याशी चंद्रशेखर आजाद मंगलवार को जर्नलिस्ट्स प्रेस क्लब पर पत्रकार वार्ता के दौरान नाराज हो गए. उन्होंने यहां तक कह दिया कि प्रेस क्लब बुक करने के पूरे पैसे दिए हैं. पत्रकारों को उनकी ये बात काफी नागवार भी लगी. दरअसल चुनाव प्रचार थमने के कुछ घंटे पहले पत्रकार वार्ता करने पहुंचे चन्द्रशेखर आजाद पीछे से शोर आने पर नाराज हो गए. उन्होंने सभागार में मौजूद लोगों को चुप रहने के लिए कहा, लेकिन वे चुप नहीं हो रहे थे. सभागार में प्रेसवार्ता के दौरान पत्रकारों के साथ उनके लोग भी सभागार में उपस्थित रहे हैं.
गोरखपुर जर्नलिस्ट्स प्रेस क्लब में चुनाव प्रचार थमने के पहले आजाद समाज पार्टी के प्रत्याशी चन्द्रशेखर आजाद ने कहा कि मानबेला किसानों को मुआवजा देने की बजाय उनके ऊपर लाठियां बरसाई जा रही है. वहीं पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2017 के चुनाव के पहले 56 इंच का सीना दिखाया था. मुख्यमंत्री बनने के पहले योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि वे भूमि का अधिग्रहण को रोकने का वायदा किया था. सरकार बनने के बाद किसानों की जमीन का अधिग्रहण हुआ और मुआवजा तो दूर, लाठियां तक उन पर बजवाई गई. 83.587 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की गई. 2004 से ये समस्या चली आ रही है. ये किसानों की आजीविका का एकमात्र साधन रहा है. आज तक किसानों को मुआवजा नहीं मिला है. लगातार वे लोग आंदोलन करते रहे. वे किसान परेशान हैं. उनकी जमीन का मुआवजा शासनादेश के मुताबिक चार गुना दिया जाए.
गोरखपुर शहर के विकास के नाम पर जनता के करोड़ों रुपए खर्च करके आरसीसी नाला बनवाया जा रहा है, जो पांच वर्षों में नहीं बना. आरसीसी नालों का लेवल मोहल्ले की नालियों से ऊपर होने की वजह से वाटर लागिंग की वजह से मोहल्ले के लोगों को चार महीने पानी में डूबकर बिताना पड़ता है. बीमारियां पैदा होती हैं. आमजन परेशान है. आम लोगों का जीवन नारकीय हो गया है. गोरखपुर के भेड़ियागढ़, विष्णपुरम, प्रीतविहार, राजनगर में पिछले बरसात में कई फीट तक नालियों का गंदा पानी जमा हो जाने से हफ्तो बाढ़ की स्थिति में नारकीय जीवन व्यतीत करना पड़ता है. मुख्यमंत्री के मोहल्ले के पास कालोनियों में पानी भरा हुआ है.
गोरखपुर शहर में सड़कों को चौड़ा करने के नाम पर सड़क के दोनों तरफ की हजारों दुकानों को तोड़कर छोटे व्यवसायियों और दुकानदारों को उनकी आजीविका से वंचित कर दिया गया. उनके परिवार को भुखमरी की स्थिति का लिए बाध्य किया गया. लाखों हरे और छायादार वृक्षों को काट दिया गया है. आजीविका से वंचित किए गए. बड़ा व्यापारीगण परेशान है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के संस्थाओं के अध्यक्ष एवं चेक साइनिंग अथॉरिटी के पुत्र गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति के कार्यकाल के दौरान एक जाति के ज्यादातर लोगों की भर्ती की गई. गोरखपुर की जनता इस बार इन सारी बातों का हिसाब करने का मूड बना चुकी है. विशेष जाति के लोगों की ही ज्यादातर शैक्षणिक पदों पर भर्तिया की गयी. जिससे सभी वाकिफ है. चिंता-भय का वातावरण है. नौजवानों को रोजगार मांगने पर लाठियां मिलती हैं. उनमें हताशा और अपने भविष्य को लेकर पिता और भय का माहौल व्याप्त हो चुका है.
उन्होंने आगे कहा कि गोरखपुर का यूथ वर्ष 2002 की ही तरह आज बेरोजगारी के दंश से पीड़ित है, जिसके कारण से जनपद से चुनाव लड़ने वाले एक मुख्यमंत्री और बड़े-बड़े नेताओं का घमण्ड चूर किया है. गोरखपुर का यूथ इस बार परिवर्तन के लिए उतावला है. गोरखपुर के छात्रों और नौजवानों ने पहले भी गोरखपुर में इतिहास बदला है. इस बार भी वे तैयार हैं.
चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि चुनाव के ऊपर सबसे बड़ा मुद्दा है. यहां पर एसएसपी को हटाने के लिए चुनाव आयोग को पत्र लिखा. लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं की गई. धन-बल पर चुनाव लड़ा जा रहा है. क्योंकि वे प्रत्याशी है. उनका जबरन मकान खाली कराया गया. गोरखपुर शहर विधानसभा के जोनल मजिस्ट्रेट नियम विरुद्ध जूनियर पद पर तैनाती दी गई है. वित्तीय अनियमितता की जा रही है. निदेशालय स्तर के अधिकारी को जोनल मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात किया गया है. कोई कार्रवाई पत्र देने के बावजूद नहीं हुई. ऐसे अधिकारी को तत्काल हटाया जाए. सत्ता पक्ष द्वारा पूर्व में भी अधिकारी को हटाने के लिए पत्र लिखा था. गोरखपुर के एसएसपी विपिन ताडा के पुलिस उनके लोगों को धमकाते हैं. ये अन्याय और लोकतंत्र की हत्या है.
गोरखनाथ मठ के महंत कहते हैं कि उन्हें क्षत्रिय होने पर गर्व है. हिन्दु धर्म के सन्यासी परम्परा के विरुद्ध बयान है. खुद संत होकर खुद को योगी कहते हैं. मुख्यमंत्री होकर अपनी जाति पर गर्व होने की बात करते हैं. ऐसे मुख्यमंत्री को गोरखपुर की जनता जवाब देगी. उन्होंने आरोप लगाया कि खुद को मुख्यमंत्री का पीए बताने वाले युवक ने मैसेज भेजकर कहा है कि आपके फायदे का सौदा है. आप हमसे बात कर लीजिए. मुख्यमंत्री जी डर गए हैं. जो इस तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. वे इसकी जांच के लिए शिकायत दर्ज कराने वाले हैं.
चन्द्रशेखर आजाद ने कहा कि वे जनता के फायदे के लिए आए हैं. उन्होंने एक नंबर बताया कहा कि इस तरह के मैसेज भेजा गया है. उन्होंने अपने साथ किसी अनहोनी होने का अंदेशा जताते हुए कहा कि वे इससे डरते नहीं हैं. लेकिन, वे गोरखपुर की जनता के साथ उनके न्याय की लड़ाई के लिए खड़े रहेंगे. उन्हें कोई डरा नहीं सकता है. चन्द्रशेखर उनके साथ खड़ा है. वे अपनी गुलामी की बेडि़यां काट दें. गोरखपुर का बेटा बनकर उनके साथ खड़ा हूं. जो भी सुबूत मीडिया कहेगी उसे उपलब्ध करा देंगे. चुनाव है, होने दीजिए. जनता जिसको चाहे जिताए.
रिपोर्ट- कुमार प्रदीप, गोरखपुर