बीरभूम, मुकेश तिवारी : अगर आप चंद्रयान-3 को करीब से देखना चाहते हैं, तो बीरभूम में रामपुरहाट में बन रहे पूजा पंडाल में जा सकते हैं. रामपुरहाट का चांदमारी आवासिक वृंद क्लब सावर्जनिक दुर्गोत्सव के अपने 19वें वर्ष में इस बार चंद्रयान-3 के तर्ज पर भव्य पूजा पंडाल बनवा रहा है. पंडाल में लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान के जरिए देश के चंद्रयान मिशन की सफलता को प्रतिबिंबित करने की कोशिश होगी. दुर्गापूजा की उल्टी गिनती शुरू है. पितृपक्ष के अंतिम दिन यानी महालया से देवीपक्ष शुरू हो जायेगा. उसके बाद बंगाल की दुर्गापूजा शुरू हो जायेगी.
शारदीय नवरात्र में मां दुर्गा आ रही हैं. पंडाल बनाने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है. मूर्तिकार महिषासुरमर्दिनी की मृदा प्रतिमा को साकार करने में लगे हुए हैं. महालया को चक्षुदान की रस्म होगी. रामपुरहाट के चांदमारी आवासिक वृंद क्लब की इस बार की दुर्गापूजा का बजट चार से पांच लाख रुपये रखा गया है. चंद्रयान-3 की कामयाबी के बाद इसरो के वैज्ञानिक विश्वभर में चर्चित हैं. ऐसे ही पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों से कई अंतरिक्ष विज्ञानियों ने भी इस मिशन में भाग लिया है. इन्हीं अंतरिक्ष वैज्ञानिकों में से एक हैं बीरभूम के रहनेवाले विजय कुमार दाई.
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एक गरीब परिवार से निकला यह अंतरिक्ष वैज्ञानिक आज चंद्रमा पर विजय पाने के मुख्य आधार-स्तंभों में है. क्लब के सदस्य इस वर्ष की पूजा का उद्घाटन उनके हाथों से कराना चाहते हैं. गौरतलब है कि कुछ दिन पहले श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष सेंटर से रॉकेट लॉन्च किया गया था. प्रक्षेपण के 40 दिनों बाद लैंडर विक्रम चंद्रमा की सतह पर उतरा. तब से सभी भारतीय गौरवान्वित हैं. इसे ही थीम बना कर पूजा पंडाल बनाया जा रहा है, जो यकीनन पूजा घूमनेवालों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा.
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