बरेली. अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (कांग्रेस) लोकसभा चुनाव 2024 में जीत का परचम फहराने की कोशिश में जुटी है. मगर, बरेली के महानगर संगठन पर निकाय चुनाव में भीतरघात का आरोप है. जिसके चलते कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष से लेकर कई अन्य पदाधिकारियों पर गाज गिरना तय है. उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने निकाय चुनाव की रिपोर्ट तलब की थी. यह रिपोर्ट हाईकमान तक पहुंच गई है. इसमें महानगर अध्यक्ष के साथ ही संगठन की भूमिका पर सवाल उठे हैं. सोमवार को प्रदेश अध्यक्ष ने बरेली समेत कई जिलों के पदाधिकारियों को लखनऊ बुलाया है. इसमें कई बड़े फैसले होने की उम्मीद है.
बरेली नगर निगम के 80 वार्ड में से सिर्फ 38 वार्ड में महानगर संगठन ने पार्षद प्रत्याशी उतारे थे. मगर, 42 वार्ड में एक भी पार्षद प्रत्याशी नहीं था. हालांकि, कांग्रेस के 38 पार्षद प्रत्याशियों में से 3 पार्षदों ने जीत दर्ज की. इसके साथ ही 3 प्रत्याशी काफी नजदीक से चुनाव हार गए. कांग्रेस के मेयर प्रत्याशी ने 25 हजार से अधिक वोट ला पाए, जो पिछले निकाय चुनाव 2017 से भी अधिक हैं. जबकि संगठन ने प्रत्याशियों के साथ कोई मेहनत नहीं की. इसके साथ ही 80 वार्ड में प्रत्याशी होने से मेयर प्रत्याशी के साथ ही पार्टी के वोट में भी इजाफा होता. मगर, संगठन ने प्रत्याशियों की तलाश ही नहीं की. कांग्रेस के मेयर प्रत्याशी डॉक्टर केबी त्रिपाठी ने संगठन पर सहयोग न करने का आरोप लगाया. इसके साथ ही हाईकमान से शिकायत कर तमाम आरोप लगाए हैं. इसको पार्टी ने काफी गंभीरता से लिया है. सोमवार को लखनऊ में संगठन के कई पदाधिकारियों पर गाज गिरना तय है.
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नगर निकाय चुनाव के बाद कांग्रेस लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है. लोकसभा चुनाव को लेकर प्रत्याशियों की तलाश शुरू कर दी गई है.इसके साथ ही संगठन के पदाधिकारियों को जिम्मेदारी देने का सिलसिला शुरू हो गया है. यूपी में लोकसभा चुनाव को लेकर दूसरे प्रदेश के बड़े नेताओं को जिम्मेदारी देने की तैयारी है.
कांग्रेस संगठन में जल्द बड़ा फेरबदल होगा. इसमें जातीय संतुलन का ख्याल रखा जाएगा. सोमवार को संगठन को लेकर भी मंथन होगा. इसके साथ ही प्रदेश कमेटी में कुछ लोग शामिल हो सकते हैं.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली