सारण में संदिग्ध हालत में हुई मौत पर बवाल, पीड़ित परिवार के महिलाओं व बच्चों ने किया सड़क जाम
डीएम राजेश मीणा ने कहा कि भाथा गांव के जिन लोगों का इलाज चल रहा है तथा उनकी स्थिति इलाज के बाद काफी सुधर गयी है. उन्हें भी सिविल सर्जन के निर्देशानुसार चिकित्सकों की विशेष टीम द्वारा अगले 72 घंटे तक चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया है.
बिहार के सारण में लगातार संदिग्ध पेय पदार्थ से हो रही मौत के कारण शुक्रवार को लोगों का गुस्सा फूटा. यहां छपरा – रेवा – मुजफ्फरपुर एनएच को मकेर थाना क्षेत्र के सोनहों चौक के पास भाथा गांव के पीड़ित परिवारों की महिलाओं ने जाम कर दिया. उनका कहना था कि प्रशासन द्वारा उनके परिजनों को इलाज कराने के साथ-साथ ठीक होने के बावजूद गिरफ्तार कर रही है.
बेहतर इलाज नहीं किया जा रहा
प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है की जो लोग गंभीर रूप से पीड़ित है उनका बेहतर इलाज भी नहीं किया जा रहा है. प्रदर्शन की जानकारी मिलने के बाद मौके पर स्थानीय पुलिस के अलावे सदर एसडीओ अरूण कुमार सिंह, एसडपीओ एमपी सिंह ने पहुंचकर लोगों को समझा-बुझाकर जाम को खत्म कराया गया.
चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया
उधर इस संबंध में पूछे जाने पर डीएम राजेश मीणा ने कहा कि भाथा गांव के जिन लोगों का इलाज चल रहा है तथा उनकी स्थिति इलाज के बाद काफी सुधर गयी है. उन्हें भी सिविल सर्जन के निर्देशानुसार चिकित्सकों की विशेष टीम द्वारा अगले 72 घंटे तक चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया है. जिससे कोई अप्रिय घटना नहीं हो. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के द्वारा महिलाओं को गुमराह कर सड़क जाम करने के लिये प्रेरित किया गया था.
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बीमारों के बेहतर इलाज के लिये प्रयासरत
जिला प्रशासन पुरी तरह से बीमारों के बेहतर इलाज के लिये प्रयासरत है. इस घटना के बाद पीड़ित परिवार ही नहीं बल्कि गांव के अन्य लोगों में भी आक्रोश पनप रहा है. पीड़ित परिवार एक ही जगह के रहने वाले है. ऐसे में उस बस्ती में तो, कोहराम है ही. वहीं गांव के आस-पास के मुहल्ले भी शोकाकुल है. महिलाओं का कहना था कि जिस शराबबंदी कानून के भरोसे वह अपने बच्चों का भविष्य संवारने में जुटी थी आज उसी शराब के कारण उनकी उम्मीदें खत्म होने के कगार पर है.