ChatGPT ने चुटकियों में कर दिया वह काम, जो 3 साल में 17 डॉक्टर्स नहीं कर पाये, बीमार बच्चे के लिए बना फरिश्ता!
जरा सोचिए कि तब क्या हो जब डॉक्टर ही आपकी बीमारी का इलाज नहीं ढूंढ पाएं? चार साल के एलेक्स और उसकी मां कोर्टनी के साथ कुछ ऐसा ही हुआ. यह बच्चा लंबे समय से दांत दर्द से परेशान था. तीन सालों में 17 डॉक्टर्स मिलकर भी इस बच्चे के दांत दर्द को दूर नहीं कर पाये. इस बात ने मां-बेटे की परेशानी और बढ़ा दी थी
चैटजीपीटी ने एक मां को उसके 4 साल के बच्चे का सही निदान खोजने में मदद की
चैटजीपीटी का उपयोग करने से पहले उसने 17 डॉक्टरों से मुलाकात की, लेकिन कोई संतोषप्रद सलाह नहीं मिली
चैटजीपीटी ने तुरंत एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल स्थिति का सुझाव दिया, जो सटीक निकला.
ChatGPT Diagnose Tethered Cord Syndrome in 4 Year Old After 17 Doctors Failed : हमारे शरीर में जब भी कहीं दर्द होता है या कोई बीमारी होती है, तो हमें सबसे पहले डॉक्टर का ख्याल आता है. जरा सोचिए कि तब क्या हो, जब डॉक्टर ही आपकी बीमारी का इलाज नहीं ढूंढ पाएं? चार साल के एलेक्स और उसकी मां कोर्टनी के साथ कुछ ऐसा ही हुआ. दरअसल, टुडे डाॅट कॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह बच्चा लंबे समय से दांत दर्द से परेशान था. तीन सालों में 17 डॉक्टर्स मिलकर भी इस बच्चे के दांत दर्द को दूर नहीं कर पाये. इस बात ने मां और बेटे, दोनों की परेशानी और बढ़ा दी थी.
जो काम 17 डॉक्टर्स नहीं कर पाये…
3 सालों में जो काम 17 डॉक्टर्स नहीं कर पाये, वही काम चैटजीपीटी ने कुछ ही मिनटों में कर दिखाया. यह बढ़कर मुमकिन है कि आप चौंक गए हों, लेकिन यह सच है. आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) ने दुनिया भर के उद्योगों में क्रांति ला दी है. इसने लोगों के काम आसान बना दिये हैं, जिससे अन्य जरूरी कामों के लिए उनका कीमती समय बच गया है. एआई ने इन सब ये एक कदम आगे बढ़कर अपनी उपलब्धियाें के नये आयाम तब गढ़ डाले, जब उसने एक परेशान मां को उसके चार साल के बच्चे की बीमारी के बारे में बताया. कोर्टनी नाम की इस महिला ने अपने बच्चे की बीमारी के निदान के लिए चैटजीपीटी का रुख किया, जो लगातार दांत दर्द और अवरुद्ध विकास से जूझ रहा था.
पहले पूरा मामला समझ लीजिए
टुडे डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस बच्चे का नाम एलेक्स है. इस बच्चे की मां कोर्टनी ने बताया कि उन्हें न चाहते हुए भी अपने बच्चे को दर्द से राहत दिलाने के लिए पेन किलर देने पड़ते थे. एलेक्स की मां ने बताया कि कोविड-19 के दौरान एलेक्स को कुछ भी चबाने में दर्द होता था. कई डॉक्टर्स को दिखाने के बाद भी कोई भी डॉक्टर बीमारी का पता नहीं लगा पाया. तीन साल तक कई डॉक्टर्स को दिखाने और अनेक टेस्ट करने के बाद भी एलेक्स की मां को हर जगह से निराशा ही हाथ लगी. तब फिर एक दिन एलेक्स की मां ने चैटजीपीटी की मदद लेने की सोची. इस बच्चे की मां ने अपने बच्चे में दिख रहे बीमारी के लक्षणों के बारे में चैटजीपीटी को बताया.
Also Read: ChatGPT बनानेवाले सैम ऑल्टमैन को Mukesh Ambani का जवाब, जल्द लेकर आ रहे Jio AIएआई टूल ने बतायी दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल बीमारी
चैटजीपीटी ने बच्चे में दिख रहे बीमारी के लक्षणों के बारे में जानने के बाद जो बताया, वह काफी चौंकाने वाला था. इस एआई टूल ने बताया कि बच्चे को टेथर्ड कॉर्ड सिंड्रोम नाम की एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल बीमारी थी. इस तरह से जो काम 3 सालों में 17 डॉक्टर्स नहीं कर पाये, वह काम चैटजीपीटी ने केवल कुछ ही मिनटों में कर दिखाया और फिर इस तरह से चैटजीपीटी इस बच्चे के लिए मसीहा बनकर सामने आया. ऐसा पहली बार नहीं है, जब चैटजीपीटी ने किसी बीमारी के बारे में जानकारी दी है. इससे पहले भी चैटजीपीटी ने बीमारी के लिए सटीक दवा बतायी है.
मेडिकल साइंस के एक्सपर्ट की तरह चैटबॉट ने दी सलाह
यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना के प्रोफेसर अनिल गोही ने पिछले दिनों दावा किया कि उनके पास इलाज कराने के लिए एक मरीज आया था, जिसकी बीमारी के बारे में प्रोफेसर ने GPT4 से पूछा कि इस बीमारी का इलाज किस तरह से किया जाना चाहिए? आप जानकर हैरान हो जाएंगे कि GPT4 ने उसी तरह से बीमारी का इलाज करने और दवा देने का सुझाव दिया, जो प्रोफेसर अनिल के मन में चल रहा था. सिर्फ यही नहीं, मेडिकल साइंस के एक्सपर्ट की तरह चैटबॉट ने दवा के कंपाउंड और दवा को खाने के बाद शरीर पर पड़ने वाले असर तक के बारे में जानकारी दे दी.
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