चतरा में पुलिसअधिकारियों पर हमला मामले में बड़ी कार्रवाई, 49 को किया गिरफ्तार, 200 अज्ञात लोगों पर एफआइआर
चतरा में पुलिस अधिकारियों पर हुए हमले के बाद पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. घटना में शामिल 90 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है. 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.वहीं 49 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. अन्य की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.
Chatra Police Officer Assault Case: चतरा में पुलिस अधिकारियों पर हुए हमले के बाद आज एसपी राकेश रंजन घायल जवानों को देखने सदर अस्पताल पहुंचे. मौके पर उन्होंने कहा कि मंगलवार को एक सड़क दुर्घटना हुई थी. जिसमें ड्यूटी निभा रहे एक पुलिस पदाधिकारी पर हमला किया गया. पुलिस फोर्स पर पथराव किया गया. घटना में शामिल लोगों को चिन्हित किया गया है. घटना में शामिल 90 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है. 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. वहीं 49 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. अन्य की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.
कानून हाथ में लेने का किसी को अधिकार नहीं
उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना निंदनीय है. कानून को हाथ में लेने का किसी का अधिकार नहीं है. क्षेत्र में कोई भी घटना घटी तो पुलिस अपनी ड्यूटी निभाने जाती है. पुलिस पर हमला निंदनीय है. इस तरह की घटना में शामिल लोग अपने कैरियर खुद खराब करते हैं. साथ ही समाज को ही बदनाम करते हैं. उन्होंने जिले वासियों से अपील किया कि इस तरह की घटना नहीं हो इसके लिए सभी को सूझबूझ से काम लेना चाहिए. यदि लोग इस तरह की घटना को अंजाम देते हैं तो चतरा पुलिस निपटने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि जिले की सुरक्षा को लेकर चतरा पुलिस हमेशा तत्पर है.
क्या है घटनाक्रम
बताते चलें कि मंगलवार की सुबह पुलिस लाइन- नावाडीह पथ स्थित चंगेर हेरू पुल के पास पिकअप वैन एक बाइक सवार को अपनी चपेट में ले लिया था. जिसमें डहुरी गांव के पप्पू भुईयां की मौत हो गई. वहीं दो अन्य घायल हो गए. घटना की सूचना पाकर वहां पहुंचे पुलिस पदाधिकारी एएसआई शशिकांत ठाकुर चालक व पिकअप महिंद्र को थाना ला रहे थे. इस दौरान ग्रामीणों ने उन पर हमला कर दिया. एसआई का कपड़ा फाड़ दिया और पिटाई कर दी. पुलिस बचाव में लाठीचार्ज किया. पथराव में कई करीब आधा दर्जन पुलिसकर्मी घायल हो गए. लाठीचार्ज में कई ग्रामीण भी घायल हुए. डहुरी गांव में अफरा-तफरी का माहौल बन गया. हालांकि पुलिस पदाधिकारी और कुछ ग्रामीणों की सूझबूझ के कारण बड़ी घटना होने से बची.