साइबर क्राइम के मामले में झारखंड का जामताड़ा काफी कुविख्यात है. जामताड़ा गिरोह के कुछ सदस्य कोलकाता में रहकर ठगी का धंधा चला रहे थे. इस काम के लिए उन्होंने बरानगर इलाके में किराये पर एक कमरा ले रखा था. इसका खुलासा तब हुआ जब जामताड़ा गिरोह के चार सदस्य कोलकाता पुलिस के हत्थे चढ़े. इनके नाम रवि कुमार मंडल (29), अभिषेक सिंह (20), रंजीत सिंह (26) और चंदन सिंह (25) बताये गये हैं. सभी जामताड़ा स्थित करमाटांड़ के विभिन्न इलाकों के रहनेवाले बताये जा रहे हैं. इनके पास से 16 एटीएम कार्ड और चार सिमकार्ड बरामद हुए हैं. चारों आरोपियों को बुधवार को बैंकशाल कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने सभी को तीन जनवरी तक पुलिस हिरासत में भेजने का निर्देश दिया.
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जानकारी के अनुसार, बहूबाजार निवासी एक व्यक्ति के मोबाइल पर बिजली बिल बकाया होने का मैसेज आया. उसने मैसेज में दिये गये लिंक पर क्लिक कर दिया, जिसके बाद उसके अकाउंट से दो लाख रुपये गायब हो गये. फिर पीड़ित ने इसकी शिकायत बहूबाजार थाने में दर्ज करायी. बाद में यह मामला लालबाजार के साइबर थाने की पुलिस देखने लगी. साइबर पुलिस ने मामले की जांच करते हुए जामताड़ा गिरोह से जुड़े होने के आरोप में चार युवकों को गिरफ्तार कर लिया.
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कोलकाता पुलिस के डीसी (साइबर क्राइम) अतुल वी ने कहा कि पीड़ित ने अपनी शिकायत में बताया कि उसके मोबाइल में आये मैसेज में एक लिंक आया था. उस पर क्लिक करने के बाद बकाया बिजली बिल का भुगतान ऑनलाइन करने के पहले बतौर टेस्ट 11 रुपये भेजने को कहा गया. पीड़ित के 11 रुपये भेजते ही उसके मोबाइल पर अकाउंट से दो लाख रुपये की निकासी का मैसेज आया. जब मामले की जांच शुरू की गयी तो आरोपियों के बरानगर में होने का पता चला. इसके बाद सभी को गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपियों ने अब तक कितने लोगों को अपना शिकार बनाया है, इस बारे में उनसे पूछताछ की जा रही है.
रिपोर्ट : विकास कुमार गुप्ता कोलकाता