वाराणसी जेल में बंद विश्व हिंदू सेना के अध्यक्ष अरुण पाठक के खिलाफ ठगी की एफआईआर दर्ज
वाराणसी के भेलूपुर थाने में बीएचयू छात्र कौस्तुभ त्रिपाठी ने तहरीर में आरोप लगाया है कि बीएचयू में ग्रेजुएशन की पढ़ाई के दौरान उसकी मुलाकात अरुण पाठक से हुई थी. पढ़ाई के दौरान खर्च चलाने के लिए उसने अरुण पाठक के यहां 15 हजार रुपये प्रतिमाह में पार्ट टाइम नौकरी करने लगा.
Varanasi News: वाराणसी जेल में बंद विश्व हिंदू सेना के अध्यक्ष अरुण पाठक की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं. अरुण पाठक के खिलाफ वाराणसी के भेलूपुर पुलिस ने धोखाधड़ी और धमकाने का मुकदमा दर्ज किया गया है. सरकारी नोकरी दिलाने के नाम पर 4.63 लाख रुपए हड़पने का आरोप है. छात्र की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर के जांच शुरू कर दी है.
सरकारी नौकरी का दिया झांसा
वाराणसी के भेलूपुर थाने में बीएचयू छात्र कौस्तुभ त्रिपाठी ने तहरीर में आरोप लगाया है कि बीएचयू में ग्रेजुएशन की पढ़ाई के दौरान उसकी मुलाकात अरुण पाठक से हुई थी. पढ़ाई के दौरान खर्च चलाने के लिए उसने अरुण पाठक के यहां 15 हजार रुपये प्रतिमाह में पार्ट टाइम नौकरी करने लगा. दो साल तक उसने अरुण पाठक के यहां नौकरी की. उसकी सेलरी का 3 लाख 60 हजार रुपया बना था. उन रुपयों को मांगने पर अरुण पाठक ने कहा था कि तुम्हारी सैलरी सहेज के रखा हूं. यह रुपया तुम्हारी सरकारी नौकरी के काम आएगा.
जान से मारने की धमकी दी
कौस्तुभ त्रिपाठी ने बताया कि साल 2017 की जुलाई में अरुण पाठक ने बताया था, ‘ग्राम विकास अधिकारी की वैकेंसी निकली है. तुम्हारा रुपया भी मेरे पास है. बस, एक लाख रुपये की व्यवस्था और कर लो. तुम्हारी नौकरी लग जाएगी.’ इसके बाद कौस्तुभ ने विश्वास करके 1 लाख 3 हजार का इंतजाम करके अरुण पाठक को दे दिया. अरुण पाठक ने भी नौकरी लगवाने का पक्का वादा किया. कुछ दिनों बाद अरुण पाठक ने कहा कि इस नौकरी में सेटिंग नहीं हो पाई है. तुम्हारी नौकरी रेलवे में लगवा दी जाएगी. कौस्तुभ के मुताबिक, उस समय अरुण पाठक ने कहा था कि रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा से बात करके नौकरी लगवा देगा. कुछ दिनों बाद अरुण पाठक ने रेलवे में नौकरी लगवाने के लिए 5 लाख रुपये और मांगे. उसके बाद से आज तक ना नौकरी लगी और न ही कौस्तुभ के रुपये मिले. वहीं, रुपया मांगने पर जान से मारने की धमकी दी जाने लगी.
पहले से क्यों हैं जेल में बंद?
बता दें कि विश्व हिंदू सेना के अध्यक्ष अरुण पाठक को 8 अगस्त को वाराणसी की भेलूपुर पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेजा था. पाठक ने घोषणा की थी कि मां श्रृंगार गौरी मंदिर में जाकर वह जलाभिषेक करेगा. पुलिस की ओर से कहा गया था कि अरुण पाठक ने ज्ञानवापी लेकर कई विवादित बयान सोशल मीडिया पर जारी किए थे. इसलिए उसके खिलाफ आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है.
रिपोर्ट : विपिन सिंह