घाटशिला के छठ घाट बदहाल, न सफाई है न सुगम रास्ता, रविवार को पहला अर्घ्य, व्यवस्था के लिए अबतक सुगबुगाहट नहीं

आस्था का महापर्व छठ का पहला अर्घ्य रविवार को दिया जायेगा. घाटशिला में छठ घाटों की साफ-सफाई व रास्तों की मरम्मत के लिए कोई सुगबुगाहट नहीं है. छठ घाटों की स्थिति नारकीय व जानलेवा है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 15, 2023 3:01 PM

आस्था का महापर्व छठ का पहला अर्घ्य रविवार को दिया जायेगा. घाटशिला में छठ घाटों की साफ-सफाई व रास्तों की मरम्मत के लिए कोई सुगबुगाहट नहीं है. छठ घाटों की स्थिति नारकीय व जानलेवा है. घाटशिला के नुवाग्राम और अमाइनगर घाट तक जाने के लिए बेहतर सड़क नहीं है. नुवाग्राम घाट जाने के लिए पक्की सीढ़ी है. सीढ़ी से नीचे उतरना खतरे से खाली नहीं है. नदी में पानी कम है. घाट पर जंगली झाड़ियां भरी पड़ी हैं. दो-तीन दिनों में सफाई व रास्तों की मरम्मत नहीं हुई, तो व्रतियों को परेशानी होगी. यही हाल अमाइनगर घाट का है. राजस्टेट घाट और गोपालपुर सूर्य मंदिर घाट पक्का है.

गोपालपुर घाट : एक सीढ़ी टूटी, रास्ता ठीक नहीं

गोपालपुर सुवर्णरेखा नदी घाट की एक सीढ़ी टूटी है. व्रतियों को टूटी सीढ़ी से उतरने-चढ़ने में परेशानी होती है. मऊभंडार के दोनों छठ घाटों तक जाने के लिए सड़क ठीक नहीं है. दोनों रास्तों की मरम्मत व विद्युत सज्जा समेत अन्य व्यवस्था आइसीसी प्रबंधन करता है. विधायक निधि से गोपालपुर में नया पक्का घाट बनाने का काम जारी है.

नुवाग्राम व अमाइनगर घाट : कच्चा रास्ता होने से परेशानी

घाटशिला के नुवाग्राम और अमाइनगर घाट अबतक पक्का नहीं बना है. हर वर्ष छठ पर व्रतियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. विद्युत की व्यवस्था छठ पूजन कमेटी करती है. घाट की घेराबंदी की जगह नदी में पानी कम है. ऊपर में जंगली घास है. घाट जाने के लिए बेहतर सड़क नहीं है.

राजस्टेट घाट : पगडंडी से होकर जाते हैं व्रती

घाटशिला के राजस्टेट घाट को पूर्व विधायक लक्ष्मण टुडू के कार्यकाल में पक्कीकरण किया गया था. घाट तक जाने वाली सड़क ठीक नहीं है. घाट तक जाने के लिए छठ व्रतियों को पगडंडी का सहारा लेना पड़ता है. इसे दुरुस्त नहीं किया गया, तो जोखिम भरा हो सकता है.

मऊभंडार घाट : पुलिया टूटने से होती है परेशानी

भऊभंडार में आइसीसी कारखाना के पास सुवर्णरेखा नदी घाट पर छठ पूजा होती है. वहीं, दूसरी तरफ पुरानी पुलिया के तरफ भी छठ पूजा होती है. जहां पुलिया टूटी है, वहां से घाट जाने में छठ व्रतियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

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