Chhath Puja 2020: नहाय-खाय के साथ गढ़वा के श्री बंशीधर नगर में शुरू हुआ सूर्य उपासना का महापर्व छठ
Chhath Puja 2020, Garhwa, Sri Banshidhar Nagar, Surya Mandir: सूर्य उपासना का पर्व छठ नहाय खाय के साथ बुधवार से प्रारंभ हो गया. झारखंड सरकार की ओर से छठ महापर्व से संबंधित गाइडलाइन में आंशिक बदलाव के बाद बंशीधर नगर अनुमंडल के विभिन्न घाटों की रौनक बढ़ गयी. छठव्रतियों का उत्साह भी बढ़ गया. छठव्रतियों ने नदी-तालाबों में स्नान कर कद्दू-भात बनाकर ग्रहण किया और इसके साथ ही प्रकृति की उपासना का सबसे बड़ा छठ महापर्व शुरू हो गया.
Chhath Puja 2020, Garhwa, Sri Banshidhar Nagar: श्री बंशीधर नगर (गौरव पांडेय) : सूर्य उपासना का पर्व छठ नहाय खाय के साथ बुधवार से प्रारंभ हो गया. झारखंड सरकार की ओर से छठ महापर्व से संबंधित गाइडलाइन में आंशिक बदलाव के बाद बंशीधर नगर अनुमंडल के विभिन्न घाटों की रौनक बढ़ गयी. छठव्रतियों का उत्साह भी बढ़ गया. छठव्रतियों ने नदी-तालाबों में स्नान कर कद्दू-भात बनाकर ग्रहण किया और इसके साथ ही प्रकृति की उपासना का सबसे बड़ा छठ महापर्व शुरू हो गया.
बंशीधर नगर के सूर्य मंदिर झारखंड के सबसे पुराने सूर्य मंदिरों में गिना जाता है. देश के कोने-कोने से लोग यहां छठ करने आते हैं. जिस तरह बिहार में देव स्थित सूर्य मंदिर का महत्व है, उसी तरह बंशीधर नगर स्थित सूर्य मंदिर का झारखंड में महत्व है. जब बिहार का बंटवारा नहीं हुआ था, देव के सूर्य मंदिर को मध्य बिहार में एवं बंशीधर नगर के सूर्य मंदिर को दक्षिण बिहार में अलग महत्व प्राप्त था.
कहते हैं कि बंशीधर नगर में छठ करने वाले व्रतियों की मनोकामना जरूर पूरी होती है. बंशीधर नगर सूर्य मंदिर के ट्रस्टी राजेश प्रताप देव ने बताया कि मंदिर का निर्माण भैया राजकिशोर देव की पत्नी राजमाता सीता देवी ने संवत् 2020 में करवाया था. मंदिर निर्माण से लेकर आज तक नगर राज परिवार सहित स्थानीय लोगों का अटूट विश्वास भगवान सूर्य के प्रति बरकरार है.
Also Read: Chhath Puja 2020 : ‘पहिले पहिल छठी मैयां…’, शारदा सिन्हा से लेकर आम्रपाली दुबे तक छठ पूजा पर सुनें ये गीत, VIDEOपहले खुला स्थान होने की वजह से काफी संख्या में लोग यहां छठ करने आते थे. जैसे-जैसे खाली जगहों पर निर्माण होता गया, छठव्रतियों की संख्या घटती चली गयी. अब बंशीधर नगर में कई जगहों पर छठ पूजा होती है. पाल्हे, राजा पहाड़ी, पुरैनी, नारखोरिया, अधौरा व अन्य जगहों पर नदी के तट पर धूमधाम से लोग छठ महापर्व मनाते हैं.
लोक आस्था के पर्व छठ के पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ दिया जाता है. अगले दिन उगते सूर्य को अर्घ देकर छठव्रती पारण करते हैं और इसके साथ ही इस महापर्व का समापन हो जाता है. बंशीधर नगर प्रशासन ने वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने की लोगों से अपील की है. प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारी छठ घाटों पर मुस्तैद हो गये हैं.
Also Read: दिन-दहाड़े पिस्टल दिखाकर वकील को धमका रहे थे दो युवक, हथियार के साथ हुए गिरफ्तार हेमंत सोरेन को दिया धन्यवादहरिहरपुर के लोगों ने छठ पूजा के लिए जारी गाइडलाइन में छूट देने के हेमंत सोरेन के फैसले की सराहना की है. यहां के लोगों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को धन्यवाद दिया है. भारतीय जनता पार्टी के हरिहरपुर मंडल महामंत्री रामकृष्णा राम ने कहा कि छठ लोक आस्था का पर्व है. यह सदियों से होता रहा है. यह त्योहार हमेशा से तालाब, आहर, पोखर, नदी के किनारे ही मनाया जाता रहा है.
Also Read: 2 जिलों के 5 थाना की पुलिस को घंटों परेशान करने के बाद ऐसे पकड़ में आये बंगाल भाग रहे जामताड़ा के 6 साइबर अपराधीउन्होंने कहा कि छठ पर्व की महिमा बहुत बड़ी है. इससे कई असाध्य रोगों का निवारण होता है. वैश्विक महामारी के इस दौर में लोगों को कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए नियमों का पालन करना चाहिए. सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करते हुए लोग घाटों पर जायें और मास्क जरूर लगायें, ताकि कोरोना को फैलने से रोका जा सके.
Posted By : Mithilesh Jha