Chhath Puja 2021 Timings, Muhurat: छठ पूजा में आज होगा पहला अर्घ्य,जानिए अपने शहर का सूर्योदय-सूर्यास्त का समय

Chhath Puja 2021 Date and Puja Timings: तीन दिन तक चलने वाला छठ पर्व का आज तीसरा दिन है.आज छठ का खरना पर्व देश के कई हिस्सों में धूम-धाम से मनाया जा रहा है. छठ व्रत मुख्य रूप से संतान सुख की प्राप्ति और परिवार की सुख समृद्धि के लिए रखा जाता है.जानिए छठ पर्व की पूजा विधि, सामग्री, प्रसाद, कथा और आरती

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 10, 2021 3:19 PM
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मुख्य बातें

Chhath Puja 2021 Date and Puja Timings: तीन दिन तक चलने वाला छठ पर्व का आज तीसरा दिन है.आज छठ का खरना पर्व देश के कई हिस्सों में धूम-धाम से मनाया जा रहा है. छठ व्रत मुख्य रूप से संतान सुख की प्राप्ति और परिवार की सुख समृद्धि के लिए रखा जाता है.जानिए छठ पर्व की पूजा विधि, सामग्री, प्रसाद, कथा और आरती

लाइव अपडेट

डूबते सूर्य को दिया जाता है अर्ध्य

श्रद्धालु घाट पर जाने से पहले बांस की टोकरी में पूजा की सामग्री, मौसमी फल, ठेकुआ, कसर, गन्ना आदि सामान सजाते हैं और इसके बाद घर से नंगे पैर घाट पर पहुंचते हैं. इसके बाद स्नान कर डूबते सूर्य को अर्ध्य देते हैं. छठ (Chhath Puja) पहला ऐसा पर्व है जिसमें डूबते सूर्य की पूजा की जाती है और उन्‍हें अर्घ्य दिया जाता है. बिहार (Bihar), झारखंड और यूपी के कुछ हिस्‍सों में मनाए जाने वाले इस पावन पर्व को बहुत ही शालीनता, सादगी और आस्‍था से मनाये जाने की परंपरा है.

छठ पूजा मुहूर्त (Chhath Puja Muhurat 2021)

सूर्योदय समय छठ पूजा के दिन 06:40 AM

सूर्यास्त समय छठ पूजा के दिन 05:30 PM

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय : रांची, झारखंड

सूर्योदय (10 th nov)- 05:59 am.

सूर्यास्त (10 th nov)- 05:06 pm.

सूर्योदय ( 11th nov)-06:19 am.

सूर्यास्त (11 th nov)- 05:13 pm.

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय : पटना, बिहार

पटना, बिहार

सूर्योदय (10 th nov)- 06:03 am.

सूर्यास्त (10 th nov)- 05:03 pm.

सूर्योदय (11th nov)- 06:17 pm.

सूर्यास्त (11 th nov)- 05:03 pm.

ये है मान्यता

ऐसी मान्यता है कि शाम के समय सूर्य देवता अपनी अर्धांगिनी देवी प्रत्युषा के साथ समय बिताते हैं. यही कारण है कि छठ पूजा में शाम को डूबते हुए सूर्य को अर्ध्य दिया जाता है.

तीसरे दिन का पूजा मुहूर्त

सूर्योदय - सुबह 06:40 बजे

सूर्यास्त - शाम 05:30 बजे

षष्ठी तिथि शुरू - 09 नवंबर, 2021 को सुबह 10:35 बजे

षष्ठी तिथि समाप्त - 10 नवंबर, 2021 को सुबह 08:25 बजे

छठ पूजा से जुड़ी मान्यताएं

इस व्रत से जुड़ी अनेक मान्यताएं हैं. नहाय-खाय से शुरू होने वाले छठ पर्व के बारे में कहा जाता है कि इसकी शुरूआत महाभारत काल से ही हो गई थी. एक कथा के अनुसार महाभारत काल में जब पांडव अपना सारा राजपाट जुए में हार गए थे तब द्रौपदी ने चार दिनों के इस व्रत को किया था.

सीएम हेमंत सोरेन ने दी शुभकामनाएं

सीएम हेमंत सोरेन ने अपने शुभकामना संदेश में कहा, “नहाय-खाय के साथ शुरू होने वाले सूर्य उपासना और लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा की सभी को अनेक-अनेक शुभकामनाएं और जोहार.” अपने संदेश में केंद्रीय मंत्री अर्जन मुंडा ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि सूर्य उपासना के महापर्व छठ के प्रारंभ होने पर सभी छठ व्रतियों को नहाय-खाय की हार्दिक शुभकामनाएं.

अर्घ्य देते समय पढ़ें सूर्य मंत्र (Chhath Puja Surya Arghya mantra)-

ऊँ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते।

अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।

ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ नमो भास्कराय नम:। अर्घ्य समर्पयामि।।

बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है छठ पर्व

छठ पर्व मुख्य तौर पर बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है. छठ पर्व में 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा जाता है. धार्मिक मान्यताओं को अनुसार, छठ व्रत खास तौर पर संतान प्राप्ति और उसकी खुशहाली के लिए रखा जाता है। जो लोग संतान सुख से वंचित हैं, उनके लिए यह व्रत लाभकारी साबित होता है. मान्यता है कि छठ पूजा करने से छठी मइया की कृपा से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन

छठ पूजा के चौथे दिन पानी में खड़े होकर उगते यानी उदयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इसे उषा अर्घ्य या पारण दिवस भी कहते हैं. अर्घ्य देने के बाद व्रती महिलाएं सात या ग्यारह बार परिक्रमा करती हैं. इसके बाद एक दूसरे को प्रसाद देकर व्रत खोला जाता है. 36 घंटे का व्रत अर्घ्य देकर ही तोड़ा जाता है. व्रत की समाप्ति सुबह अर्घ्य के बाद संपन्न मानी जाती है.

पीएम मोदी ने महापर्व छठ की दी बधाई

पीएम नरेंद्र मोदी ने लिखा- सूर्योपासना के महापर्व छठ की आप सभी को ढेरों शुभकामनाएं.छठी मइया हर किसी को उत्तम स्वास्थ्य और सुख-सौभाग्य प्रदान करें.

तीसरे और चौथे दिन सूर्योदय-सूर्स्त (Chhath 2021 Sunrise and Sunset Timings)

तीसरे दिन छठ पूजा होती है.ये षष्ठी तिथि पर होती है. इस दिन शाम को श्रद्धालु द्वारा डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. 10 नवंबर को सूर्योदय सुबह छह बजकर तीन मिनट पर होगा. वहीं, सूर्यास्त शाम पांच बजकर तीन मिनट पर होगा. छठ के अगले दिन सप्तमी तिथि पर उषा अर्घ्य होता है. इस दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर भक्त अपना व्रत खत्म करते हैं. 11 नवंबर को उषा अर्घ्य सुबह छह बजकर चार मिनट और सूर्यास्त शाम पांच बजे होगा.

सात्विकता का भी ध्यना रखें

इस दिन सात्विकता का भी विशेष ध्यान रखें. इसलिए इस दिन घर में किसी भी प्रकार से तामसिक गुणों वाली चीजों का इस्तेमाल करने से परहेज करें. और न ही ऐसी चीजों को घर में रखें. यहां तक कि छठ के दौरान घर में लहसुन और प्याज को भी बाहर कर दें.

साफ-सफाई का रखें विशेष ध्यान

कार्तिक मास की षष्ठी तिथि के दिन छठ का मुख्य व्रत रखा जाता है. इस दिन साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है. पूजा का प्रसाद बनाते समय या फिर पूजा करते समय हाथों को बिल्कुल साफ रखना चाहिए. यहां तक ही स्नान आदि के बाद साफ वस्त्र आदि पहनें.

व्रत का महत्व

इस त्योहार के दौरान लोग अपने सबसे अच्छे कपड़े पहनते हैं और सूर्य देव की पूजा करते हैं। इस त्योहार के दौरान पूरा परिवार एक साथ इकट्ठा होता है और एक साथ ही सूर्य देव की प्रार्थना करता है। इसमें महिलाएं 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखती हैं और संतान की सुख समृद्धि व दीर्घायु की कामना के लिए सूर्यदेव और छठी मैया की अराधना करती हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार छठी मैया सूर्य देवता की बहन हैं. छठ पूजा बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में बहुत महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है.

छठ पूजा के लिए इन चीजों की पड़ती है जरूरत

प्रसाद रखने के लिए बांस की दो तीन बड़ी टोकरी, बांस या पीतल के बने तीन सूप, लोटा, थाली, दूध और जल के लिए ग्लास, नए वस्त्र साड़ी-कुर्ता पजामा, चावल, लाल सिंदूर, धूप और बड़ा दीपक, पानी वाला नारियल, गन्ना जिसमें पत्ता लगा हो, सुथनी और शकरकंदी, हल्दी और अदरक का पौधा हरा हो तो अच्छा, नाशपाती और बड़ा वाला मीठा नींबू, जिसे टाब भी कहते हैं, शहद की डिब्बी, पान और साबुत सुपारी, कैराव, कपूर, कुमकुम, चन्दन, मिठाई.

महापर्व छठ का पहला अ‌र्घ्य आज (Chhath Puja Sandhya Arghya 2021 Time)

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन छठ पर्व मनाया जाता है. इस बार छठ पर्व 10 नवंबर के दिन मनाया जा रहा है. 8 नवंबर से छठ पर्व की शुरुआत हुई थी. और 9 नवंबर 2021, मंगलवार के दिन छठ का दूसरा पर्व है खरना था. छठ पर्व के दौरान 36 घंटे निर्जला व्रत रखा जाता है. और सूर्य देव और छठी मैय्या की पूजा और उन्हें अर्घ्य दिया जाता है.

अर्घ्य देते समय इस मंत्र का उच्चारण करें

ऊं एहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजोराशे जगत्पते। अनुकम्पया मां भवत्या गृहाणार्ध्य नमोअस्तुते॥

छठ पूजा सूर्य अर्घ्य समय

सूर्यास्त समय (10 नवंबर 2021)- 05:30 PM

सूर्योदय समय (11 नवंबर 2021)- 06:41 AM

इस दिन के साथ पूजा होती है संपन्न, किया जाता है पारण

षष्टी के अगले दिन यानी सप्तमी तिथि को व्रत का पारण किया जाता है। इस दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया जाता है। फिर अर्घ्य अर्पित करने के बाद व्रती महिलाएं दूध और प्रसाद खाकर व्रत खोलती हैं।

महापर्व छठ का पहला अ‌र्घ्य आज

बुधवार को अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अ‌र्घ्य अर्पित किया जाएगा. महापर्व छठ को लेकर क्षेत्र में उत्साह का माहौल है. छठ मइया के गीतों से पूरा क्षेत्र गूंजायमान हो उठा है. इस महापर्व को लेकर व्रतियों व श्रद्धालुओं में उत्साह देखा जा रहा है. मंगलवार को छठव्रतियों ने खरना की पूजा की। देर शाम लोगों ने एक-दूसरे के घर जाकर खरना का महाप्रसाद ग्रहण किया.

यूं ग्रहण करें प्रसाद

छठ पर्व के दौरान नियमों का पालन करना जरूरी होता है. इस दिन सिर्फ प्रसाद बनाते समय ही नहीं बल्कि खाते समय भी नियमों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. जब खरना के दिन व्रत रखने वाला व्यक्ति प्रसाद रखता है तो घर के सभी सदस्य शांत रहते हैं और कोई शोर नहीं करते. ऐसा माना जाता है कि शोर होने के बाद व्रती प्रसाद खाना बंद कर देता है. ऐसा भी कहा जाता है कि व्रत करने वाला व्यक्ति ही सबसे पहले प्रसाद ग्रहण करता है उसके बाद ही घर के सभी सदस्य प्रसाद ग्रहण करते हैं.

छठ पूजा गीत (Chhath Puja Song)

पहिले पहिल हम कइनी, छटी मईया व्रत तोहार…शारदा सिन्हा का यह गीत छठ के सबसे लोकप्रिय गीतों में से एक माना जाता है. उग हे सूरज दे… इस गाने को जानी मानी सिंगर अनुराधा पौडवाल ने गाया है. इसमें छठी मैया के बारे में बताया गया है। इस गीत को भी छठ पूजा के मौके पर खूब सुना जाता है.

सुख-समृद्धि के लिए छठ पूजा के दिन क्या करें

छठ व्रत मुख्य रूप से संतान सुख की प्राप्ति और परिवार की सुख समृद्धि के लिए रखा जाता है. जानिए ज्योतिष अनुसार छठ पूजा के दौरान किन कार्यों को करने से जीवन में खुशहाली और धन-धान्य आने की है मान्यता.

Chhath Puja 2021: छठ पूजा सामग्री

नए वस्त्र, बांस की दो बड़ी टोकरी या सूप, थाली, पत्ते लगे गन्ने, बांस या फिर पीतल के सूप, दूध, जल, गिलास, चावल, सिंदूर, दीपक, धूप, लोटा, पानी वाला नारियल, अदरक का हरा पौधा, नाशपाती, शकरकंदी, हल्दी, मूली, मीठा नींबू, शरीफा, केला, कुमकुम, चंदन, सुथनी, पान, सुपारी, शहद, अगरबत्ती, धूप बत्ती, कपूर, मिठाई, गुड़, चावल का आटा, गेहूं।

Chhath Puja 2021: खरना पूजन की विधि

खरना पूजन के दिन छठ व्रती सुबह-सुबह उठकर स्नान करते हैं. इसके बाद साफ सुधरे कपड़े पहनती है. शाम के समय मिट्टी के चूल्हे पर लकड़ी की आग में साठी के चावल, गुड़ और दूध की खीर बनाई जाती है. इसके बाद छठी मईया को इसे अर्पण किया जाता है. इसके बाद छठ व्रती इस प्रसाद को ग्रहण करते हैं. इसके बाद परिवार के बाकी सदस्य भी इस प्रसाद को ग्रहण करते हैं. इसके बाद व्रती का 36 घंटे का निर्जला उपवास आरंभ हो जाएगा. इस उपवास का समापन छठ पूजा के चौथे दिन भोर अर्घ्य के साथ खत्म होगा.

Chhath Puja 2021: खरना

छठ पूजा के दूसरे दिन को खरना कहा जाता है. 9 नवंबर को खरना होगा. इस दिन भी महिलाएं उपवास रखती हैं. शाम के समय खरना के दिन मिट्टी के चूल्हे पर गुड़ की खीर बनाने की परंपरा है.

आज शाम लकड़ी के चूल्हे पर बनेगी गुड़ की खीर

छठ पूजा के दूसरे दिन खरना की पूजा में महिलाएं शाम को लकड़ी के चूल्हे पर गुड़ का खीर बनाकर प्रसाद के तौर पर खाती हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार खरना पूजा के साथ ही छठी मइया घर में प्रवेश कर जाती हैं और महिलाओं का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाता है.

छठ पूजा: संध्या अर्घ्य और उषा अर्घ्य समय

10 नवंबर (संध्या अर्घ्य) सूर्यास्त का समय : 05:30 AM

11 नवंबर (उषा अर्घ्य) सूर्योदय का समय : 05:29 PM

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