Chhath Puja 2022: छठ पूजा का महत्व, मान्यताएं, पौराणिक कथाएं जानें

Chhath Puja 2022: कल, 28 अक्टूबर को नहाय खाय है. दूसरे दिन खरना और तीसरे दिन अस्तचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है फिर चौथे दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ महा पर्व का समापन होता है. जानें छठ को लेकर क्या है मान्यताएं और इसका महत्व.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 27, 2022 4:09 PM

Chhath Puja 2022: कल यानी 28 अक्टूबर को नहाय खाय, दूसरे दिन खरना और तीसरे दिन अस्तचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है फिर चौथे दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ महा पर्व का समापन होता है. इस पूरे व्रत के दौरा स्वच्छता और साफ सफाई का अत्यंत विशेष महत्व होता है यहां पढ़ें छठ पर्व को लेकर मान्यताएं और पौराणिक कथाएं क्या हैं?

छठी मैया की पूजा का महत्व

छठ पूजा सूर्यदेव की उपासना और छठी मैया की पूजा का दिन है इसे महापर्व के रूप में मनाया जाता है. यह एक मात्र ऐसा पर्व है जिसमें उगते और डूबते हुए सूर्य दोनों को अर्घ्य देने की परंपरा है. छठ पूजा पर एक ओर जहां पारंपरिक रूप से प्रसाद बनाया जाता है, लोकगीत गाये जाते हैं वहीं दूसरी तरफ सारे विधि-विधान भी पारंपरिक रूप से निभाये जाते हैं. शास्त्रों की बात करें तो छठ देवी भगवान ब्रह्माजी की मानस पुत्री और सूर्यदेव की बहन हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ब्रह्माजी ने सृष्टि रचने के लिए स्वयं को दो भागों में बांट दिया, जिसमें दाहिने भाग में पुरुष और बाएं भाग में प्रकृति का रूप सामने आया. सृष्टि की अधिष्ठात्री प्रकृति देवी ने अपने आपको छह भागों में विभाजित किया . इनके छठे अंश को सर्वश्रेष्ठ मातृ देवी या देवसेना के रूप में जाना जाता है. प्रकृति का छठा अंश होने के कारण इनका एक नाम षष्ठी है, जिसे छठी मैया के नाम से जाना जाता है. वहीं शिशु के जन्म के छठे दिन भी इन्हीं की पूजा की जाती है. इनकी उपासना करने से बच्चे को स्वास्थ्य, सफलता और दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है. नवरात्रि पर षष्ठी तिथि के दिन भी षष्ठी माता की ही पूजा की जाती है.

छठ पूजा 2022 महत्वपूर्ण तिथियां

छठ पूजा का पहला दिन- नहाय खाय- 28 अक्टूबर 2022, शुक्रवार

छठ पूजा का दूसरा दिन- खरना- 29 अक्टूबर 2022, शनिवार

छठ पूजा का तीसरा दिन- संध्या अर्घ्य- 30 अक्टूबर 2022, रविवार

छठ पूजा का चौथा दिन- प्रात: अर्घ्य- 31 अक्टूबर 2022, सोमवार

छठ पूजा 2022 अर्घ्य का समय

संध्या अर्घ्य- सूर्यास्त का समय 30 अक्टूबर -शाम 05 बजकर 37 मिनट से

उषा अर्घ्य- सूर्योदय का समय 31 अक्टूबर- सुबह 06 बजकर 31 मिनट तक

छठ पूजा का पहला दिन: नहाय-खाय 28 अक्तूबर, शुक्रवार

सूर्योदय- सुबह 06 बजकर 30 मिनट पर

सूर्यास्त- शाम 05 बजकर 39 मिनट पर

नहाय-खाय का शुभ समय (शोभन,सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग)

शोभन योग: सुबह से शुरू

सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 06 बजकर 30 मिनट से 10 बजकर 42 मिनट तक

रवि योग: सुबह 10 बजकर 42 मिनट से आरंभ

Next Article

Exit mobile version