Chhath Puja 2023: छठ पूजा का तीसरा दिन आज, जानें छठ घाट पर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने की विधि
Chhath Puja 2023: आज के दिन व्रती अपने परिवार के साथ घाट पर जाते हैं और कमर तक पानी में खड़े होकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं. आज लोग पूरी श्रद्धा के साथ छठ माता और सूर्य देव की पूजा-अर्चना करते हैं.
Chhath Puja 2023 Sandhya Arghya: आज छठ पूजा का तीसरा दिन है. आज का दिन बेहद खास है. आज के दिन संध्या अर्घ्य यानी डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने का विधान है. चार दिवसीय छठ पर्व में तीसरा दिन सबसे खास होता है. आज के दिन व्रती अपने परिवार के साथ घाट पर जाते हैं और कमर तक पानी में खड़े होकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं. आज लोग पूरी श्रद्धा के साथ छठ माता और सूर्य देव की पूजा-अर्चना करते हैं. आज छठ पूजा के तीसरे दिन संध्या अर्घ्य कब दिया जाएगा और पूजा की विधि क्या है, आइए जानते है…
छठ पूजा 2023 पर संध्या अर्घ्य का समय
छठ पूजा का तीसरा दिन संध्या अर्घ्य का विशेष महत्व होता है, इस दिन छठ पर्व की मुख्य पूजा की जाती है, इस दिन व्रती घाट पर जाते हैं और डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं. आज 19 नवंबर को सूर्यास्त शाम 05 बजकर 26 मिनट पर होगा, इस समय लोग सूर्य को अर्घ्य देंगे. आज टोकरी में फलों, ठेकुआ, चावल के लड्डू आदि अर्घ्य के सूप को सजाया जाता है, इसके बाद नदी या तालाब में कमर तक पानी में रहकर अर्घ्य दिया जाता है.
चौथा दिन सप्तमी तिथि छठ महापर्व का अंतिम दिन होता है, इस दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण का होता है, इस साल 20 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. इस दिन सूर्योदय सुबह 06 बजकर 47 मिनट पर होगा, इसके बाद ही 36 घंटे का व्रत समाप्त होता है. अर्घ्य देने के बाद व्रती प्रसाद का सेवन करके व्रत का पारण करती हैं.
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सूर्य देव को अर्घ्य देने के नियम
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छठ पूजा में सूर्यदेव को अर्घ्य देने का विशेष महत्व है.
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आज छठ घाट जाने से पहले सभी पूजन सामग्री को बांस की टोकरी में रख लें.
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नदी, तालाब या जल में प्रवेश करके सबसे पहले मन ही मन सूर्य देव और छठी मैया को प्रणाम करें.
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इसके बाद सूर्य देव और अर्घ्य दें.
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सूर्य को अर्घ्य देते समय ॐ सूर्याय नम: इस मंत्र का उच्चारण करें.
छठ पूजा के तीसरे दिन का महत्व
छठ महापर्व का तीसरा दिन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर मनाया जाता है. छठ पूजा का सबसे प्रमुख दिन आज का होता है, इस दिन शाम के समय लोग नए वस्त्र पहन कर परिवार के साथ घाट पर आते हैं और डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं. महिलाएं दूध और पानी से सूर्य भगवान को अर्घ्य देती हैं और संतान की लंबी उम्र की कामना करती हैं.
इन मंत्रों का करें जाप
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ॐ मित्राय नम:, ॐ रवये नम:
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ॐ सूर्याय नम:
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ॐ भानवे नम:
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ॐ खगाय नम:
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ॐ घृणि सूर्याय नम:
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ॐ पूष्णे नम:
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ॐ हिरण्यगर्भाय नम:
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ॐ मरीचये नम:
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ॐ आदित्याय नम:
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ॐ सवित्रे नम:
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ॐ अर्काय नम:
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ॐ भास्कराय नम:
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ॐ श्री सवितृ सूर्यनारायणाय नम: