17 नवंबर से छठ पूजा की शुरुआत हो चुकी है. शनिवार (18 नवंबर) को छठ व्रतियों ने खरना पूजन की विधि पूरी की. दोपहर बाद से ही छठ व्रती विभिन्न छठ घाटों और जलाशयों में स्नान व पूजन के लिए पहुंची . शाम में विशेष पूजन के बाद छठ माता को प्रसाद अर्पित कर छठ व्रतियों ने खीर का प्रसाद ग्रहण किया. (19 नवंबर) को छठ व्रती घाटों में पहुंचकर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया. आज 20 नवंबर को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ व्रत पूरा हुआ. लोक आस्था का महापर्व छठ उत्साह और उमंग के साथ मनाते हुए लोगों ने घाटों पर इसके अगले वर्ष जल्दी से आने की प्रार्थना की. कई लोगों ने कहा कि इस महापर्व के कारण वह अपने परिवार से मिलने पहुंचते हैं. इसलिए इसका पूरे साल बेसब्री से इंतजार रहता है. इस पर्व में सूर्यदेव और छठी मैया की आराधना की जाती है.
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