Happy Chhath Puja Message & Status in Hindi : दिवाली के बाद छठ का महापर्व पूरे देश में धूम-धाम से मनाया जाता है. दीपावली की ही तरह अब छठपर्व को धीरे-धीरे ग्लोबल पहचान मिल रही है. अमेरिका और यूरोप में जहां-जहां भारतवंशी हैं, वहां लोग अब छठ पर्व मनाने लगे हैं. छठ के पर्व के दौरान लोग अपनों के पास जाते हैं और दोस्तों, रिश्तेदारों और परिवार के साथ धूमधाम से इसे मनाते हैं. छठ में 36 घंटे का निर्जला व्रत होता है. इस दौरान सफाई का खास ध्यान रखा जाता है. छठ का त्योहार मुख्य रूप से बिहार, पूर्वांचल, झारखंड समेत अलग-अलग हिस्सों में मनाया जाता है. इस साल छठ पर्व पर 19 नवंबर को डूबते सूरज को अर्घ्य दिया जाएगा और 20 नवंबर को उगते सूरज को अर्घ्य देने के बाद छठ पूजा का व्रत पूरा होगा. इस दौरान सभी अपने करीबियों को शुभकामनाएं और खुशहाली के संदेश भेजते हैं. इस दौरान इंटरनेट पर भी कई सारे कैप्शन और व्हॉट्सऐप पर स्टेटस पोस्ट किये जाते हैं. अगर आप भी छठ के दौरान अपनों को संदेश भेजना चाहते हैं, तो हम आपके लिए लाये हैं कुछ चुनिंदा कंटेंट, जिनके जरिये आप भी हित-मित्र-शुभचिंतकों को छठ पूजा की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
दुनिया कहती है जिसका उदय होता है उसका अस्त होना तय है
लेकिन सिर्फ छठ पर्व सिखाता है कि जो अस्त होता है उसका उदय होना भी तय है.
आस्था के महापर्व छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं
छठी मईया का हमेशा रहे आप पर आशीर्वाद,
प्यार और खुशहाली के साथ मुश्किलों का हो नाश,
जिंदगी में हमेशा रहे खुशियों का वास,
छठ पूजा की हार्दिक बधाई…
महापर्व छठ है आया,
खुशियों की सौगात लाया,
उल्लास सबके कण-कण में समाया,
छठ महापर्व की हार्दिक शुभकामनाएं…
ठेकुए का आ जाए स्वाद,
फलों के साथ करें संवाद,
खीर, नींबू और गन्ना लाएं जीवन का आनंद,
छठी मईया रखें आप सबको प्रसन्न,
छठ पूजा 2023 की हार्दिक शुभकामनाएं…
घाट किनारे खड़े हो कर,
करेंगे हम सूर्य देव को नमन,
आओ मिलकर मनाएं छठ का त्योहार,
और उल्लास से भरें अपना मन.
जय छठी मैया…
रथ पर हो कर सवार,
सूर्य देव आयें आपके द्वार,
सुख, सम्पत्ति और खुशियां मिलें आपको अपार,
कुछ ऐसा बीते आपका छठ का त्योहार…
छठ पूजा के पावन पर्व पर,
आपको अशेष शुभकामनाएं!
छठी मैया आपको और आपके परिवार को,
सुख समृद्धि और आरोग्य प्रदान करें.
जय छठी मैया…
पूरे एक साल के बाद,
छठ पूजा का दिन आया है,
सूर्य देव को नमन कर,
हमने इस महापर्व को,
धूमधाम से मनाया है.
छठ पूजा की हार्दिक बधाई
ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।
सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी। तुम चार भुजाधारी।।
अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे। तुम हो देव महान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।
ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते। सब तब दर्शन पाते।।
फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा। करे सब तब गुणगान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।
संध्या में भुवनेश्वर अस्ताचल जाते। गोधन तब घर आते।।
गोधूलि बेला में, हर घर हर आंगन में। हो तव महिमा गान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।
देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनिवर भजते। आदित्य हृदय जपते।।
स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी। दे नव जीवनदान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।
तुम हो त्रिकाल रचयिता, तुम जग के आधार। महिमा तब अपरम्पार।।
प्राणों का सिंचन करके भक्तों को अपने देते। बल, बुद्धि और ज्ञान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।
भूचर जलचर खेचर, सबके हों प्राण तुम्हीं। सब जीवों के प्राण तुम्हीं।।
वेद-पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने। तुम ही सर्वशक्तिमान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।
पूजन करतीं दिशाएं, पूजे दश दिक्पाल। तुम भुवनों के प्रतिपाल।।
ऋतुएं तुम्हारी दासी, तुम शाश्वत अविनाशी। शुभकारी अंशुमान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।
ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।स्वरूपा।।
धरत सब ही तव ध्यान,
।।ॐ जय सूर्य भगवान।।
जय छठी मईया – 2
जे केरवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
ऊ जे नारियर जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए॥जय॥
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥जय॥
अमरुदवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
शरीफवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए॥जय॥
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥जय॥
ऊ जे सेववा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
सभे फलवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए॥जय॥
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥जय॥