छत्तीसगढ़ में 2013 में इन दलों का नहीं खुला खाता, 6 राष्ट्रीय पार्टियों के 115 प्रत्याशियों की हुई जमानत जब्त
छत्तीसगढ़ में विधानसभा के चुनावों में आमतौर पर मुकाबला दो ध्रुवीय होता रहा है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस ही मुख्य मुकाबले में होती है. अन्य दलों ने यहां भाग्य आजमाया है, लेकिन उनमें से अधिकांश को मुंह की खानी पड़ी है. जानें ऐसे प्रत्याशियों का लेखा-जोखा.
वर्ष 2013 में बसपा, कांग्रेस और बीजेपी तीन ही पार्टियां ऐसीं थीं, जिन्होंने सभी 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किये. बसपा के 84 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई, जबकि कांग्रेस के एक उम्मीदवार की. बीजेपी के किसी प्रत्याशी की जमानत जब्त नहीं हुई. सीपीआई ने 13 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किये थे, उनमें से 12 को अपनी जमानत गंवानी पड़ी. सीपीएम के सभी चार और एनसीपी के सभी 14 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गयी. विधानसभा में सीपीआई, सीपीएम और एनसीपी का खाता भी न खुला.
6 राष्ट्रीय दलों के 301 उम्मीदवार थे छत्तीसगढ़ के मैदान में
इस तरह 6 राष्ट्रीय पार्टियों के 301 उम्मीदवार चुनाव लड़े. 89 ने जीत दर्ज की और 115 की जमानत जब्त हो गयी. राष्ट्रीय पार्टियों को 1,13,27,585 वोट मिले. यह कुल वोटिंग का 86.64 फीसदी रहा. सबसे ज्यादा 41.04 फीसदी वोट बीजेपी को मिला. कांग्रेस 40.29 फीसदी वोट के साथ दूसरे स्थान पर रही. बसपा को 4.27 फीसदी मत मिले. सीपीआई को 0.66 फीसदी, सीपीएम को 0.08 फीसदी और एनसीपी को 0.30 फीसदी वोट मिले थे.
जदयू, लोजपा, सपा समेत 5 दलों ने उतारे थे 118 प्रत्याशी
राज्यस्तरीय पांच पार्टियों एसएचएस, जनता दल यूनाइटेड (जदयू), लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा), एनपीईपी और समाजवादी पार्टी (सपा) के कुल 118 उम्मीदवार छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2013 के दौरान मैदान में भाग्य आजमा रहे थे. सभी की जमानत जब्त हो गयी. इन पांच पार्टियों को 0.98 फीसदी (1,28,140) वोट मिले. सबसे ज्यादा 27 उम्मीदवार एसएचएस ने उतारे थे, जदयू ने 3, लोजपा ने 22, एनपीईपी ने 26 और सपा ने 40 प्रत्याशी मैदान में खड़े किये थे. वर्ष 2013 में 355 निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में उतरे थे, इनमें से 353 की जमानत जब्त हो गयी. इन सभी उम्मीदवारों को कुल 6,97,267 वोट मिले, जो कुल मत प्रतिशत का 5.33 फीसदी रहा.
इन 34 पार्टियों के 212 में 210 ने अपनी जमानत गंवाई
पंजीकृत (गैर-मान्यताप्राप्त) 34 पार्टियों ने भी अपने उम्मीदवार खड़े किये थे. इन दलों के कुल 212 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे थे. इनमें से 210 की जमानत जब्त हो गयी. सीएसएम के एक और जीजीपी के एक उम्मीदवार अपनी जमानत बचाने में कामयाब रहे. बीएचबीबी ने 10, आरजीओपी ने छह, आरएबीपी ने नौ, बीएचडीसी ने छह, एडी ने दो, सीएचएसजेपी ने एक, एचजेपी ने चार, आरपीआई (ए) ने दो, बीएससीपी ने चार, एसपी (आई) ने एक, सीएमएम ने एक, एलसीपीवाई ने चार, एसबीएसपी ने दो, एमएनडीपी ने एक, जीजीपी ने 44, बीएएसएमएम ने 16, सीएसपी ने चार, एसएसबीडी ने छह, ओओएसपी ने दो, बीएचपीडी ने दो, बीएचएमपी ने एक, एजेपी ने दो, सीपीआई (एमएल)(लिबरेशन) ने तीन, बीएसएचएसपी ने दो, बीएसएसपी ने दो, बीएचएमएम ने एक, एबीजीपी ने सात, बीबीपी ने एक, सीएसएम ने 54, एवीआईआरपी ने एक, पीआरसीपी ने चार, एसयूएसपी ने दो, जीएमएस ने एक, सीपीआईएम ने चार सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे थे.
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