बम धमाकों-नक्सली मुठभेड़ के बीच छत्तीसगढ़ में 70.78 फीसदी मतदान, रमन सिंह-भूपेश बघेल ने किए ये दावे

छत्तीसगढ़ में पहले चरण में 70.78 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. सबसे ज्यादा 79.1 फीसदी मतदान अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट पर हुआ. बीजापुर (एसटी) सीट पर सबसे कम 40.98 फीसदी वोट पड़े.

By Mithilesh Jha | February 17, 2024 2:41 PM

Chhattisgarh Election Voting|CG Election 2023|बम धमाकों और नक्सली मुठभेड़ के बीच छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के प्रथम चरण का मतदान संपन्न हो गया. पहले चरण में नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग की सभी 12 सीटों समेत कुल 20 विधानसभा सीटों पर वोटिंग हुई. शाम पांच बजे तक 70.78 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. सबसे ज्यादा मतदान अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट पर हुआ. यहां 79.1 फीसदी लोगों ने मतदान किया. बीजापुर में सबसे कम 40.98 फीसदी वोट पड़े. अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित चार विधानसभा सीटों नारायणपुर (एसटी), दंतेवाड़ा (एसटी), बीजापुर (एसटी) और कोंटा (एसटी) को छोड़ दें, तो सभी विधानसभा सीटों पर 70 फीसदी या उससे अधिक मतदान हुआ. इन चार सीटों पर क्रमश: 63.88 फीसदी, 62.55 फीसदी, 40.98 फीसदी और 50.12 फीसदी मतदान हुआ. इसके साथ ही छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमत्री डॉ रमन सिंह और उनकी कैबिनेट के चार पूर्व मंत्रियों, भूपेश बघेल सरकार के तीन मंत्रियों और छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष दीपक बैज समेत 223 उम्मीदवारों की किस्मत इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में कैद हो गई. वोटिंग खत्म होने से पहले ही कांग्रेस और बीजेपी ने अपने-अपने दावे करने शुरू कर दिए. पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह ने दावा किया कि पहले चरण की 20 विधानसभा में से कम से कम 14 सीटों पर भगवा लहराएगा. वहीं, भूपेश बघेल ने उनके दावों की हवा उड़ाते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने इन 20 में पिछले चुनाव में 17 सीटें जीतीं थीं. इस बार 18 सीटें जीतेंगी. बीजेपी को एक या दो सीट पर जीत मिल सकती है. इससे ज्यादा नहीं.

नारायणपुर जिले में नक्सलियों की एसटीएफ से मुठभेड़

बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान आज नक्सलियों के साथ सुरक्षा बलों के जवानों की मुठभेड़ हो गई. पुलिस ने बताया कि नक्सलियों ने नारायणपुर जिले में स्थित कोंटा (एसटी) विधानसभा सीट के एक बूथ के पास दहशत फैलाने के इरादे से ओरछा थाना क्षेत्र के तादुर के जंगल में डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के जवानों पर फायरिंग कर दी. डीआरजी के जवानों ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के साथ मिलकर जवाबी कार्रवाई की. 10 मिनट तक दोनों ओर से गोलीबारी होती रही. हालांकि, 10 मिनट के बाद नक्सलियों की ओर से गोलीबारी बंद हो गई. पुलिस का दावा है कि गोलीबारी में कई नक्सली या तो घायल हो गए हैं या मारे गए हैं. हालांकि, समाचार लिखे जाने तक किसी नक्सली का शव बरामद नहीं हुआ था. घटनास्थल से पुलिस ने एक एके-47 राइफल बरामद किया.

नक्सलियों के बूथ घेरने की खबर वायरल, सीईओ ने किया खंडन

इससे पहले सोशल मीडिया में वायरल हो गया कि नक्सलियों ने एक बूथ को चारों ओर से घेर लिया है. लेकिन, छत्तीसगढ़ की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय से तत्काल एक बयान जारी कर इसका खंडन किया गया. निर्वाचन कार्यालय की ओर से बताया गया कि एसटीएफ और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई है. एसटीएफ को भरी पड़ता देख नक्सली जंगल की आड़ लेकर भाग गए. सभी जवान सुरक्षित हैं. पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है. सीईओ छत्तीसगढ़ ने बताया कि गुदड़ी मतदान केंद्र में तब तक 16 फीसदी मतदान हो चुका था. सोशल मीडिया ग्रुप्स में चल रहा समाचार कि मतदान केंद्र को नक्सलियों ने घेर लिया है, गलत है. मतदान केंद्र तथा मतदान दल सुरक्षित हैं.

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पुलिस बोली- दहशत फैलाने के लिए नक्सलियों ने की फायरिंग

छत्तीसगढ़ पुलिस ने कहा कि नक्सलियों ने दहशत फैलाने के इरादे से फायरिंग की थी, लेकिन डीआरजी के जवानों ने साहस का परिचय दिया और नक्सलियों को भागने के लिए मजबूर कर दिया. कहा कि जिस जगह फायरिंग हुई है, वह ओरछा थाना इलाके के तादुर के जंगल में स्थित है. उल्लेखनीय है कि नक्सलियों ने इस क्षेत्र में मतदान के बहिष्कार की घोषणा कर रखी थी. बावजूद इसके लोग मतदान करने के लिए भारी संख्या में मतदान केंद्रों तक पहुंचे थे. हालांकि, कोंटा (एसटी) सीट पर सिर्फ 50.12 फीसदी ही मतदान हो सका. इससे भी कम 40.98 फीसदी वोटिंग बीजापुर (एसटी) विधानसभा क्षेत्र में हुई. बता दें कि मुठभेड़ से पहले नारायणपुर, कांकेर और सुकमा में विस्फोट में दो मतदानकर्मी समेत कई जवान घायल हो गए. हालांकि, इसमें किसी की जान नहीं गई. कहीं प्रेशर बम में विस्फोट हुआ, तो कहीं नक्सलियों के बिछाए आईईडी में विस्फोट हो गया.

इन बड़े नेताओं की किस्मत ईवीएम में लॉक

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, भूपेश बघेल सरकार में मंत्री कवासी लखमा, मोहम्मद अकबर और मोहन मरकाम समेत 20 नेता, जबकि बीजेपी की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, पूर्व मंत्री लता उसेंडी, विक्रम उसेंडी, महेश गागड़ा और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी नीलकंठ टेकाम की किस्मत इवीएम में लॉक हो गई.

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इन विधानसभा सीटों पर मतदान संपन्न

  • पंडरिया
  • कवर्धा
  • खैरागढ़
  • डोंगरगढ़ (एससी)
  • राजनंदगांव
  • डोंगरगांव
  • खुज्जी
  • मोहाला मानपुर (एसटी)
  • अंतागढ़ (एसटी)
  • भानुप्रतापपुर (एसटी)
  • कांकेर (एसटी)
  • केशकाल (एसटी)
  • कोंडागांव (एसटी)
  • नारायणपुर (एसटी)
  • बस्तर (एसटी)
  • जगदलपुर
  • चित्रकोट (एसटी)
  • दंतेवाड़ा (एसटी)
  • बीजापुर (एसटी)
  • कोंटा (एसटी)

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किस विधानसभा सीट पर कितना हुआ मतदान

छत्तीसगढ़ में पहले चरण की 20 विधानसभा सीटों पर कुल 70.87 फीसदी मतदान हुआ. किस विधानसभा में कितने वोट पड़े, एक-एक विधानसभा का आंकड़ा यहां देखें.

पहले चरण में किस विधानसभा सीट पर कितना मतदान
विधानसभा सीट मत प्रतिशत
पंडरिया 71.06
कवर्धा 72.89
खैरागढ़ 76.31
डोंगरगढ़ (एससी) 77.4
राजनंदगांव 74
डोंगरगांव 76.8
खुज्जी 72.01
मोहाला मानपुर (एसटी) 76
अंतागढ़ (एसटी) 70.72
भानुप्रतापपुर (एसटी) 79.1
कांकेर (एसटी) 76.13
केशकाल (एसटी) 74.49
कोंंडागांव (एसटी) 76.29
नारायणपुर (एसटी) 63.88
बस्तर (एसटी) 71.39
जगदलपुर 75
चित्रकोट (एसटी) 70.36
दंतेवाड़ा (एसटी) 62.55
बीजापुर (एसटी) 40.98
कोंटा (एसटी) 50.12
कुल 70.87

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पहली बार 126 गांव के लोगों ने अपने ही गांव में किया मतदान

छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित कम से कम सात जिलों में आजादी के बाद पहली बार 126 गांव के लोगों ने अपने ही गांव में मतदान किया. चुनाव आयोग की इस व्यवस्था से ग्रामीण बेहद खुश नजर आए. उन्होंने कहा कि पहली बार हमें जंगल, नदी और पहाड़ को पार करके वोट नहीं करना पड़ा. हमने अपने ही गांव में वोट किया. इन 126 बूथों में 15 कांकेर विधानसभा क्षेत्र में हैं. अंतागढ़ में 12, भानुप्रतापपुर में पांच, कोंटा में 20, चित्रकोट में 14, जगदलपुर में चार, बस्तर में एक, कोंडागांव में 13, केशकाल में 19, नारायणपुर में नौ, दंतेवाड़ा में आठ और बीजापुर विधानसभा क्षेत्र में छह बूथ बनाए गए थे.

5,304 पोलिंग बूथ पर मतदाताओं ने डाले वोट

बता दें कि छत्तीसगढ़ में कुल 5,304 पोलिंग बूथ बनाए गए थे, जहां 6,504 बैलट यूनिट, 6,504 कंट्रोल यूनिट और 6,965 वीवीपैट मशीन का इस्तेमाल किया गया. मतदाताओं के लिहाज से 1,66,839 वोटर्स के साथ कोंटा (एसटी) विधानसभा क्षेत्र सबसे छोटा और 3,31,615 वोटर वाला कवर्धा विधानसभा सीट सबसे बड़ा क्षेत्र रहा. कुल 40,78,680 वोटर्स थे, जिनमें 19,93,936 पुरुष और 20,84,675 महिला एवं 69 थर्ड जेंडर के वोटर थे. इनमें से 70.87 फीसदी ने आज वोट डाले.

किस उम्र के कितने वोटर

चुनाव आयोग के आंकड़े बताते हैं कि 18 से 19 साल की आयु के 1,64,299 वोटर थे, जबकि 20 से 29 वर्ष की आयु के 10,08,446 वोटर, 30 से 40 वर्ष के 13,13,579 मतदाता, 41 से 60 वर्ष के 12,27,136 मतदाता और 60 वर्ष से अधिक आयु के 3,65,220 मतदाता थे. 80 साल से अधिक आयु के 1576 मतदाताओं ने घर से मतदान करने का विकल्प चुना था. वोटिंग से पहले ही मतदानकर्मियों ने उनके घर-घर जाकर डाक मतपत्र के जरिए वोट करवाया.

कांग्रेस, बीजेपी ने उतारे 20-20 उम्मीदवार

पहले चरण में कुल 223 उम्मीदवारों में 72 उम्मीदवार निर्दलीय, 16 जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी), 20 कांग्रेस, 20 बीजेपी, 10 आम आदमी पार्टी, 14 बहुजन समाज पार्टी, 12 राष्ट्रीय जनसभा पार्टी, 8 सीपीआई, 8 सर्व आदि दल, 7 हमर राज पार्टी, 5 अंबेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया, 6 गोंडवाणा गणतंत्र पार्टी, 6 आजाद जनता पार्टी, 3 फॉरवर्ड डेमोक्रेटिक लेबर पार्टी और भाारतीय शक्ति चेतना पार्टी एवं छत्तीसगढ़िया पार्टी के टिकट पर 1-1 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं.

दूसरे चरण की वोटिंग 17 नवंबर को

छत्तीसगढ़ में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं. इनमें से 20 विधानसभा सीट पर पहले चरण में मतदान संपन्न हो गया. अब शेष बची 70 सीटों पर 17 नवंबर को मतदान कराया जाएगा. सभी 90 सीटों पर तीन दिसंबर को एक साथ मतगणना होगी. उसी दिन तय हो जाएगा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के नेतृत्व वाली भूपेश बघेल की सरकार आगे भी चलती रहेगी या एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार छत्तीसगढ़ में बनेगी.

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