पंजाब के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस (Chhattisgarh Congress) में घमासान की खबर आ रही है. खबरों की मानें तो छत्तीसगढ़ के 15 विधायक दिल्ली (Delhi) पहुंचे हैं. मामले को लेकर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (TS Singhdeo) ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. सिंहदेव ने कहा है कि बदलाव की बात अब खुल चुकी है, जो पहले नहीं खुली थी. आगे उन्होंने कहा कि विधायक कहते नजर आ रहे हैं कि वे विकास की बात करने गये हैं, लेकिन विकास कार्य दिखाने वाले कार्यक्रम तो मुख्यमंत्री तय करने का काम करते हैं.
यहां चर्चा कर दें कि बुधवार को अचानक की छत्तीसगढ़ कांग्रेस के 15 विधायक दिल्ली पहुंचे हैं. कांग्रेस विधायकों का कहना था कि वे पार्टी हाईकमान के साथ बातचीत करेंगे. छत्तीसगढ़ में बारी-बारी से मुख्यमंत्री बनाये जाने की चर्चा के बीच एक बार फिर सत्ताधारी कांग्रेस के एक दर्जन से अधिक विधायक दिल्ली पहुंचे हैं. राष्ट्रीय राजधानी में कांग्रेस विधायकों के दौरे ने राज्य में सियासी गर्मी बढ़ चुकी है.
छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार को ढाई वर्ष पूरे होने के बाद से लगातार मुख्यमंत्री पद के ढाई-ढाई वर्ष के बंटवारे की चर्चा है. इसी बीच एक बार फिर एक दर्जन से अधिक विधायक बुधवार को दिल्ली पहुंच गए. विधायकों के दिल्ली पहुंचने को लेकर राज्य में कयास लगाया जा रहा है कि विधायक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के समर्थन में पहुंचे हैं. हालांकि विधायकों ने कहा कि उनकी यात्रा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के राज्य के प्रस्तावित दौरे से जुड़ी हुई है.
छत्तीसगढ़ की रामानुजगंज विधानसभा सीट से विधायक बृहस्पत सिंह ने बताया कि पार्टी के करीब 15-16 विधायक दिल्ली पहुंच चुके हैं और अलग-अलग जगहों पर ठहरे हुए हैं. सिंह ने कहा कि राहुल जी का छत्तीसगढ़ दौरा प्रस्तावित है. हम अपने प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया जी के माध्यम से राहुल जी से अनुरोध करना चाहते हैं कि वह अपने दौरे की अवधि को थोड़ा बढ़ा दें जिससे सभी विधायकों को इसका लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि वह सिर्फ यह अनुरोध करने के लिए दिल्ली आए हैं तथा इस संबंध में गुरुवार को प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया से बात करेंगे.
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जून 2021 में मुख्यमंत्री के रूप में बघेल के ढाई वर्ष पूरे होने के बाद स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के खेमे ने दावा किया है कि आलाकमान ने ढाई-ढाई वर्ष मुख्यमंत्री पद की सहमति दी थी. राज्य में मुख्यमंत्री पद को लेकर हुए विवाद के बाद कांग्रेस आलाकमान ने विवाद को सुलझाने के लिए अगस्त में बघेल और सिंहदेव को दिल्ली बुलाया था. जब बघेल दिल्ली में थे तब कांग्रेस के 70 में से 54 विधायकों ने उनके समर्थन में दिल्ली का दौरा किया था. दिल्ली से लौटने के बाद मुख्यमंत्री बघेल ने पत्रकारों से कहा था कि पार्टी नेता राहुल गांधी उनके निमंत्रण पर राज्य का दौरा करने के लिए सहमत हुए हैं. बघेल ने यह भी कहा था कि जो लोग ढाई-ढाई वर्ष की बात कर रहे हैं वह राज्य में राजनीतिक अस्थिरता को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं.
राष्ट्रीय राजधानी में आलाकमान के साथ बैठक के बाद बघेल और सिंहदेव नेतृत्व के मुद्दे पर कुछ भी कहने से परहेज कर रहे हैं लेकिन राज्य में दोनों गुटों के मध्य झगड़ा कम नहीं हुआ है.
भाषा इनपुट के साथ
Posted By : Amitabh Kumar