Chhattisgarh Election 2023: छत्तीसगढ़ विधानसभा का चुनाव इस बार बेहद खास होगा. क्योंकि इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव में पुलिस वाले भी मैदान में आ रहे हैं. दरअसल, छत्तीसगढ़ में पुलिसकर्मियों के परिवारों की मांगों को लेकर कई विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर चुके पुलिस आरक्षक उज्ज्वल दीवान ने राजनीतिक दल का गठन किया है. अब यह दल आगामी विधानसभा चुनाव में राज्य की सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है.
कई लोग हो रहे हैं पार्टी में शामिल
धमतरी जिले में आरक्षक पद पर तैनात उज्ज्वल दीवान ने राजनीतिक दल का गठन कर चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि निलंबित, निष्कासित और सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी उनके राजनीतिक दल में शामिल हो गए हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि नौकरी छोड़ने के बाद कई अन्य पुलिसकर्मी भी उनके दल में शामिल होंगे.
हर पीड़ित को न्याय दिलाना पार्टी का मकसद
उज्जवल दीवान का कहना है कि नई पार्टी बनाने में पंजीकरण को लेकर कई तरह की परेशानी सामने आ रही थी. जिसके बाद उन्होंने पहले से पंजीकृत पार्टी आजाद जनता पार्टी को संभालने का फैसला किया है. यही नहीं उन्होंने यह भी दावा किया है कि आजाद जनता पार्टी के पास प्रदेश के 30 से भी ज्यादा कर्मचारी संगठनों का समर्थन है. वहीं दीवान ने कहा कि उन्होंने 2021 में ही अपना इस्तीफा दे दिया था लेकिन अभी तक पुलिस अधीक्षक ने इसे स्वीकार नहीं किया है.
दीवान ने बताया है कि वो साल 2018 से ही पुलिसकर्मियों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए संघर्ष कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए है. उन्हें जेल तक जाना पड़ा है. दीवान ने कहा कि उन्हें अब राजनीतिक दलों पर जरा भी विश्वास है. ऐसे में हमने खुद का दल बनाने का फैसला किया है, और अब हम प्रदेश की सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगे.
Also Read: Vyapam Scam: व्यापमं घोटाले में 5 दोषियों को 7-7 साल की सजा, गैर-हाजिर रहने पर 3 के खिलाफ वारंट
90 विधानसभा सीटों पर पार्टी लड़ेगी चुनाव
उज्जवल दीवान ने कहा है कि आजाद जनता पार्टी के बैनर तले पुलिसवाले प्रदेश के पूरे 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि पार्टी में डॉक्टर और वकीलों के साथ-साथ कई और लोग भी जुड़ गए हैं. दीवान ने कहा कि निलंबित पुलिस आरक्षक संजीव मिश्रा को पार्टी का प्रदेश प्रवक्ता बनाया गया है. मिश्रा ने बताया कि उन्होंने एक नई पार्टी के पंजीकरण के लिए आवेदन किया था, लेकिन इसके नाम पर कुछ आपत्ति थी.ऐसे में उन्होंने एजेपी को संभालने का फैसला किया.