डॉ रमन सिंह ने सीजीपीएससी ‘घोटाले’ की जांच सीबीआई से कराने की मांग की, प्रधानमंत्री मोदी को लिखा पत्र
डॉ रमन सिंह ने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा 2021 के परिणाम में शीर्ष 18 नाम, कांग्रेस नेताओं, सीजीपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष तथा बड़े अधिकारियों के बच्चों और रिश्तेदारों के हैं तथा उच्च पदों पर उनका चयन हुआ है.
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) में हुए कथित ‘घोटाले’ की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेताओं ने शनिवार को बताया कि पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में कहा, ‘छत्तीसगढ़ की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा लोक सेवा आयोग में प्रतिवर्ष करीब डेढ़ लाख युवा प्रतिभागी शामिल होते हैं. इस परीक्षा में राज्य के प्रमुख पदों पर भर्ती की जाती है, जिसमें अधिकांश मध्यम वर्गीय परिवारों के अभ्यर्थी भाग लेते हैं. इस परीक्षा के इतिहास में पहली बार छत्तीसगढ़ में पारदर्शिता को समाप्त कर भाई-भतिजावाद को शामिल किया गया है. इससे राज्य के युवाओं में भारी निराशा और आक्रोश है.’
5 हो चुके हैं नियुक्त, 13 की नियुक्ति पर लगी रोक
डॉ रमन सिंह ने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा 2021 के परिणाम में शीर्ष 18 नाम, कांग्रेस नेताओं, सीजीपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष तथा बड़े अधिकारियों के बच्चों और रिश्तेदारों के हैं तथा उच्च पदों पर उनका चयन हुआ है. रमन सिंह ने पत्र में लिखा है कि युवाओं में निराशा और आक्रोश को देखते हुए पूर्व गृह मंत्री और पार्टी के विधायक ननकीराम कंवर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसे स्वीकार करते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को फटकार लगायी है. हाईकोर्ट ने चयनित कुल 18 अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर रोक लगाने को कहा है. डॉ रमन सिंह ने कहा कि चूंकि 18 में से पांच लोगों की नियुक्ति हो चुकी थी, इसलिए वर्तमान में कुल 13 अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर रोक लगी है.
परीक्षा के मूल्यांकन और साक्षात्कार में हुई धांधली
डॉ रमन सिंह ने लिखा है कि इसके साथ ही छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा 2022 के मुख्य परीक्षा के मूल्यांकन तथा साक्षात्कार में भी की गई धांधली उजागर हुई है. इसमें किसी अभ्यर्थी को बिना उत्तर लिखे अंक देना, किसी को कम अंक आने पर भी चयनित करना तथा किसी को अधिक अंक आने पर भी बाहर करना आदि शामिल है. पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि राज्य के युवाओं को राज्य सरकार की जांच पर भरोसा नहीं है. छत्तीसगढ़ के काबिल युवाओं का भविष्य अंधकार में डूबने से बचाने के लिए आपसे आग्रह है कि सीबीआई द्वारा इस मामले की निष्पक्ष जांच करवाकर छत्तीसगढ़ के युवाओं को न्याय दिलवाने में सहायता करें. बीजेपी नेताओं ने बताया कि डॉ रमन सिंह ने पत्र के साथ इससे संबंधित दस्तावेज भी संलग्न किया है.