शराब घोटालाः छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार को कहा कि पिछले साढ़े चार वर्षों में शराब से मिलने वाला राजस्व बढ़कर 6,500 करोड़ रुपये हो गया है और किसी तरह का घोटाला होने का सवाल ही नहीं उठता है. रायपुर में शुक्रवार को एक रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र पीएम मोदी ने राज्य में शराब घोटाले का आरोप लगाया था. इस आरोप के बारे में पूछे जाने पर बघेल ने कहा, ”वर्ष 2017 में रमन सिंह की सरकार के दौरान शराब से मिलने वाला राजस्व 3,900 करोड़ रुपये था जो अब बढ़कर 6500 करोड़ रुपये हो गया है. राजस्व बढ़ने के बाद किस आधार पर कह सकते हैं कि भ्रष्टाचार हुआ है.
बघेल ने यहां के स्वामी विवेकानंद विमानतल पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि राज्य के आबकारी विभाग ने नकली होलोग्राम के इस्तेमाल के आरोपों को लेकर तीन डिस्टिलरी को नोटिस जारी किया है. उन्होंने कहा, आबकारी विभाग ने तीन डिस्टिलरी को नोटिस जारी कर पूछा है कि यदि उन्होंने होलोग्राम का इस्तेमाल नहीं किया है या नकली होलोग्राम का इस्तेमाल किया है तो उनसे वसूली क्यों नहीं की जानी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘ये होलोग्राम शराब कारखानों में बोतलों पर चिपकाए जाते हैं. यदि फैक्टरी मालिक और कोई भी व्यक्ति (किसी अनियमितता में) शामिल था तो उनकी जांच की जानी चाहिए. लेकिन फैक्टरी या डिस्टिलरी मालिक स्वतंत्र हैं.
ईडी और आईटी का हो रहा दुरुपयोग- बघेल
इसके साथ ही बघेल ने महाराष्ट्र में हाल की राजनीतिक गतिविधि को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि आठ दिन पहले जिन लोगों पर महाराष्ट्र में भ्रष्टाचार के आरोप थे, उन्होंने अपना पाला बदल लिया और वे सभी मंत्री बन गए और अब उनके आरोप गंगाजल से धो दिए गए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी दलों पर अत्याचार करने के लिए ईडी और आईटी का दुरुपयोग किया जा रहा है.बघेल ने कहा, ”उन्हें भ्रष्टाचार से कोई तकलीफ नहीं है, वरना वे राहुल गांधी के सवालों का जवाब देते. राहुल गांधी ने पूछा था कि आपके (भाजपा) और अडानी के बीच क्या रिश्ता है. उनकी सदस्यता समाप्त हो गई और उन्हें अपना बंगला खाली करना पड़ा.
सिंडिकेट चला रहे थे आरोपी- ईडी
प्रधानमंत्री पीएम मोदी ने एक दिन पहले रायपुर में एक सभा में कहा था, ”36 वादों (2018 में विधानसभा चुनाव पूर्व कांग्रेस के) में से एक था राज्य में शराबबंदी लागू होगी. अब पांच साल होने को हैं, सच्चाई यह है कि कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में हजारों करोड़ रुपये का शराब घोटाला ज़रूर कर दिया है. पीएम मोदी ने कहा था, आरोप यह है कि जो कमीशन के पैसे उगाहे जाते थे वह कांग्रेस पार्टी के खाते में गए हैं. कहने वाले कहते हैं कि शराब घोटाले के पैसे की मारा-मारी में यहां ढाई—ढाई साल के मुख्यमंत्री पद वाला फ़ॉर्मूला लागू नहीं हो पाया.
Also Read: राजस्थान में रंग लाएगा खरगे का गुरुमंत्र! अशोक गहलोत के साथ विवाद पर सचिन पायलट ने दिए बड़े संकेत
गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) का दावा है कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में राज्य के वरिष्ठ नौकरशाहों, नेताओं और उनके सहयोगियों के साथ उत्पाद शुल्क विभाग के अधिकारियों ने 2161 करोड़ रुपये की हेराफेरा किया. घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने बीते मंगलवार को विशेष अदालत में 13 हजार पन्नों का चार्जशीट दायर किया था.
ईडी के अनुसार सभी आरोपी एक सिंडिकेट चला रहे थे. इनकी गतिविधियों के कारण साल 2019 से 23 के बीच सरकारी खजाने को काफी नुकसान हुआ है. ईडी ने यह भी दावा किया है कि 2161 करोड़ में से कम से कम 776 करोड़ रुपये नेताओं और अधिकारियों के पास गए और उन्होंने उसी भ्रष्टाचार मॉडल को दोहराने का फैसला किया.