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छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला से जुड़े मामले में ईडी को सुप्रीम कोर्ट का निर्देश- ‘संयम बनाये रखें

छत्तीसगढ़ सरकार के वकील कपिल सिब्बल ने आरोप लगाया कि जांच ईडी राज्य के अधिकारियों को परेशान कर रहा है. उनसे उनकी संपत्तियों का विवरण देने को कह रहा है, जिन्हें कुर्क किया जा रहा है.

सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कहा है कि वह छत्तीसगढ़ में 2,000 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले से जुड़े धन शोधन (मनी लांडरिंग) मामले में ‘संयम’ बनाये रखे. जस्टिस एसके कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने छत्तीसगढ़ के दो व्यक्तियों द्वारा दायर की गयी एक याचिका समेत अन्य याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया. दोनों व्यक्तियों ने याचिका में ईडी द्वारा उनके खिलाफ शुरू की गयी कार्यवाही को चुनौती दी है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- डर का माहौल पैदा न करे ईडी

पीठ ने कहा, ‘कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का आदेश पहले ही दिया जा चुका है. इसके अलावा, संबंधित प्रतिवादी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों को हर तरह संयम बनाये रखना होगा.’ शीर्ष अदालत ने 16 मई को मामले की सुनवाई करते हुए ईडी से कहा था कि वह ‘डर का माहौल’ पैदा न करे. इससे पहले छत्तीसगढ़ सरकार ने आरोप लगाया था कि जांच एजेंसी ‘अनियमित तरीके से काम कर रही है’ और राज्य में शराब घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को फंसाने की कोशिश कर रही है.

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अधिकारियों को परेशान कर रहे ईडी के अधिकारी – कपिल सिब्बल

छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान आरोप लगाया कि जांच एजेंसी द्वारा राज्य के अधिकारियों को परेशान किया जा रहा है और उनसे उनकी संपत्तियों का विवरण देने के लिए कहा जा रहा है, जिन्हें कुर्क किया जा रहा है. पीठ ने कहा कि एक याचिका पर उसने पूर्व में निर्देश दिया था कि सुनवाई की अगली तारीख 18 जुलाई तक याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई दंडात्मक कदम नहीं उठाया जायेगा.

छत्तीसगढ़ में शराब व्यापार में राज्य सरकार के उच्चस्तरीय अधिकारियों, निजी व्यक्तियों और नेताओं के एक गिरोह ने बड़ा घोटाला किया है. इस गिरोह ने वर्ष 2019-22 में 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का काला धन कमाया.

प्रवर्तन निदेशालय

अभिषेक सिंघवी बोले- ईडी की कार्रवाई पर रोक लगा दे सुप्रीम कोर्ट

कुछ याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि अदालत को ईडी द्वारा की जा रही जांच पर रोक लगा देनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘बिना किसी अपराध के वे जांच कैसे कर सकते हैं.’ पीठ ने ईडी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से मौखिक टिप्पणी में कहा, ‘तब तक संयम बनाये रखें. हम अंतिम विचार नहीं रख रहे हैं.’

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आबकारी विभाग के अधिकारियों की शिकायत- गिरफ्तारी की धमकी दे रहा ईडी

छत्तीसगढ़ सरकार ने पूर्व में शीर्ष अदालत में आरोप लगाया था कि राज्य के आबकारी विभाग के कई अधिकारियों ने शिकायत की है कि ईडी उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को गिरफ्तारी की धमकी दे रहा है. राज्य ने एक याचिका में पक्षकार बनाने का अनुरोध करते हुए एक अर्जी दायर की है, जिसमें दावा किया गया है कि आबकारी विभाग के 52 अधिकारियों ने जांच के दौरान ईडी अधिकारियों द्वारा ‘मानसिक और शारीरिक यातना’ का आरोप लगाते हुए लिखित रूप से शिकायत की है.

कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का आदेश पहले ही दिया जा चुका है. इसके अलावा, संबंधित प्रतिवादी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों को हर तरह संयम बनाये रखना होगा.

सुप्रीम कोर्ट

ईडी ने कहा- 4 साल में 2,000 करोड़ रुपये का काला धन कमाया

ईडी ने पूर्व में एक अदालत को छत्तीसगढ़ में शराब व्यापार में राज्य सरकार के उच्चस्तरीय अधिकारियों, निजी व्यक्तियों और नेताओं के एक गिरोह द्वारा किये गये कथित बड़े घोटाले के बारे में बताया था, जिसने वर्ष 2019-22 में 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का काला धन कमाया था.

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