Loading election data...

छत्तीसगढ़ के तिरिया मुठभेड़ केस में 12 आरोपियों के खिलाफ एनआईए ने दाखिल की चार्जशीट

जिला रिजर्व गार्ड, विशेष कार्यबल, राज्य पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की संयुक्त टीम जगदलपुर के तिरिया गांव के पास तलाशी अभियान चला रही थी, तभी हमलावरों ने उन्हें निशाना बनाया. हमलावरों ने हमले के दौरान अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया.

By Agency | October 14, 2023 7:41 PM
an image

नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने वर्ष 2019 में छत्तीसगढ़ के तिरिया में हुए मुठभेड़ से जुड़े मामले में कथित भूमिका के लिए 12 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है. केंद्रीय एजेंसी के प्रवक्ता ने शनिवार (14 अक्टूबर) को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि तिरिया मुठभेड़ में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-माओवादी के छह सदस्यों और एक आम नागरिक की मौत हुई थी. एनआईए के अधिकारी ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, शस्त्र अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं. प्रवक्ता ने बताया कि जांच में खुलासा हुआ कि माओवादियों के समूह ने अपने वरिष्ठ नेता के नेतृत्व में सुरक्षा बलों पर हमले की साजिश रची, जिनमें संजू, लक्ष्मण नाग, दशरी कावसी, दुबासी शंकर, जालीमुरी श्रीनु बाबू, विजयलक्ष्मी और रमेश कुंजामी शामिल थे.

तलाशी अभियान के दौरान केंद्रीय बलों को माओवादियों ने बनाया निशाना

प्रवक्ता ने बताया कि जिला रिजर्व गार्ड, विशेष कार्यबल, राज्य पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की संयुक्त टीम जगदलपुर के तिरिया गांव के पास तलाशी अभियान चला रही थी, तभी हमलावरों ने उन्हें निशाना बनाया. हमलावरों ने हमले के दौरान अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया. अधिकारी ने बताया कि मामले में आधिकारिक संदिग्धों की पहचान की गई, जिनमें बीसी पद्मा, दुबासी देवेंदर, डोंगारी देवेंदर, डुड्डू प्रभाकर और कंडुला सिरिशा शामिल हैं.

आरोपी इस तरह से माओवादियों की कर रहे थे मदद

प्रवक्ता ने बताया कि भाकपा (माओवादी) के शीर्ष नेतृत्व से करीबी संबंध रखने वाले आरोपी सक्रिय रूप से प्रतिबंधित संगठन के गैरकानूनी और हिंसक एजेंडे को आगे बढ़ाने में लगे हुए थे. वे अपने अभियानों का समर्थन करने के लिए भाकपा (माओवादी) से धन प्राप्त करने में सहायक थे, जबकि माओवादी विचारधारा का प्रचार करने के लिए विभिन्न मुखौटा संगठनों के माध्यम से भी काम कर रहे थे.

Also Read: छत्तीसगढ़ : बीजापुर में मुठभेड़ के बाद नक्सली कैंप ध्वस्त, सुकमा में दो नक्सलियों ने किया सरेंडर

18 मार्च 2021 को एनआईए ने केस को अपने हाथ में लिया

अधिकारी ने कहा कि मामला शुरू में 28 जून, 2019 को भारतीय दंड संहिता, आर्म्स एक्ट और यूएपीए की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज किया गया था. एनआईए ने 18 मार्च, 2021 को मामले को अपने हाथ में ले लिया.

Also Read: छत्तीसगढ़ सीमा के पास नक्सली कमांडर राजी रेड्डी उर्फ अतन्ना की मौत की खबर, 8 लाख का इनामी नक्सली गिरफ्तार

Exit mobile version